Sahdev Singh filed a consumer case on 03 Jan 2019 against Madhyanchal vidyut vitran nigam limited Etc. in the Unnao Consumer Court. The case no is CC/156/2017 and the judgment uploaded on 04 Jan 2019.
Uttar Pradesh
Unnao
CC/156/2017
Sahdev Singh - Complainant(s)
Versus
Madhyanchal vidyut vitran nigam limited Etc. - Opp.Party(s)
S.M Singh Ad.
03 Jan 2019
ORDER
निर्णय
प्रस्तुत उपभोक्ता परिवाद को परिवादी सहदेव सिंह ने विपक्षीगण मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 आदि के विरूद्ध इस आधार पर प्रस्तुत किया है कि परिवादी को विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति के रूप में 4,05,000/-रूपये दिलाया जाय, ट्यूबवेल लाइन क्षतिग्रस्त होने की तिथि दिनांक 20-04-2017 से उच्च क्षमता का प्रवर्तन लगाकर ट्यूबवेल का कनेक्शन जुड़ने की तिथि के पूर्व तक का बिजली बिल माफ किया जाय तथा परिवाद दायर करने की तिथि से जब तक उच्च क्षमता का प्रवर्तन लगाकर क्षतिग्रस्त लाइन ठीक करके ट्यूबवेल का कनेक्शन जोड़ने की तिथि तक 500/-रूपये प्रतिदिन के हिसाब से हर्जा भी विपक्षीगण से दिलाया जाय।
2-परिवादी का कथन है कि परिवादी व उसकी पत्नी का एक कृषि फार्म ग्राम बनिगांव परगना व तहसील पुरवा जनपद उन्नाव में स्थित है जिसका भूमि नम्बर-869 ग रकबा 4.047 हे0 है जिसके कुछ भाग में यूकेलिप्टस का प्लांटेशन है। करीब 2 बीघा रकबे में खेती और करीब 2 बीघे रकबे में तालाब है जिसमें परिवादी मत्स्य पालन करवाता है। परिवादी के उक्त कृषि फार्म पर बिजली का कनेक्शन है जिसका कनेक्शन नम्बर-405/0651/020362 है। जब परिवादी ने अपने उक्त कृषि फार्म का कनेक्शन अब से करीब 30 वर्ष पूर्व करवाया था तब उसका तथा उसके पहले से गया प्रसाद पुत्र रामेश्वर, रामधीन पुत्र परमेश्वर, शम्भू पुत्र रज्जन, गंगेश्वर पुत्र गया प्रसाद तथा नाथू पुत्र राम जियावन व पांच अन्य लोगों का कनेक्शन एक ही ट्रांसफार्मर से अलग अलग खींचकर किया गया तथा तब उस स्थान पर जहां से कनेक्शन दिया गया था, 63 के0वी0ए0 का ट्रांसफार्मर लगा था लेकिन बीच में वह ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण कुछ वर्ष पूर्व उसके स्थान पर मात्र 25 के0वी0ए0 का ट्रान्सफार्मर रख दिया गया। इसी ट्रांसफार्मर से गांव सुब्बा खेड़ा व पुरौनी खेड़ा दो गांवों में बिजली की आपूर्ति भी की जाती है जिसके कारण कोई भी ट्यूबवेल सही रूप से नही चल पाता है और अक्सर मोटर जल जाते हैं। दिनांक 20-04-2017 को आयी तेज आंधी में पेड़ की डाल टूटने से परिवादी की बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी और लाइन के तार टूट गये और पोल भी टेढ़े हो गये जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो गयी जिसके कारण ट्यूबवेल का चलना बन्द हो गया। दिनांक 28-4-2017 को क्षतिग्रस्त लाइन ठीक करवाने और 25 के0वी0ए0 के ट्रान्सफार्मर के स्थान पर 63 के0वी0ए0 का ट्रांसफार्मर रखवाने की शिकायत जन सुनवाई पोर्टल पर की गयी लेकिन शिकायत में अटैचमेन्ट न होने की बात कहकर कोई कार्यवाही नही की गयी। उसके उपरान्त दिनांक 12-05-2017 को पुनः जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गयी। इस बार जवाब में यह लिखा गया कि उच्च क्षमता का परिवर्तक लगाये जाने हेतु प्राकक्लन बना लिया गया है। शीघ्र ही उच्च क्षमता का परिवर्तक लगा दिया जावेगा लेकिन परिवादी की लाइन फिर भी ठीक नही की गयी। दिनांक 05-07-2017 को पुनः शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गयी लेकिन वह भी शिकायत व्यर्थ साबित हुई। अतः चौथी पर परिवादी द्वारा मुख्यमंत्री को रजिस्टर डाक द्वारा दिनांक 10-08-2017 को लिखित शिकायत भेजी गयी। उसके बावजूद आज तक परिवादी की लाइन ठीक नही की गयी और न उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर ही लगाया गया। इस अवधि में फार्म पर ट्यूबवेल न चलने के कारण जून माह में तालाब में पली करीब 1,00,000/-रूपया की मछलियां मर गयी और खेती का नुकसान पानी के अभाव में कनेक्शन न होने के कारण हो रहा है। खेती में क्षति करीब एक लाख रूपया होगी। पानी की व्यवस्था न होने के कारण प्लांटेशन की बाढ़ रूक गयी और करीब 3000 नये पेड़ सूख गये जिसकी क्षति 1,50,000/-रूपये तथा मानसिक क्षति 50,000/-रूपये कुल क्षति लगभग 4,05,000/-रूपये की होगी। उपरोक्त आधारों पर परिवादी ने परिवाद में मांगे गये अनुतोषों को दिलाये जाने की प्रार्थना किया है।
3-परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में अभिलेखीय एवं मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं जिनमें से सूची संख्या- 5 से 10 अभिलेख पेपर संख्या- 6 लगायत 14 प्रस्तुत किए हैं।
4-इस प्रकरण में मुख्य विवाद यह है कि क्या वास्तव में मौके पर कोई बिजली का खम्भा लगा हुआ था और वह खम्भा क्षतिग्रस्त हो गया जिसके कारण परिवादी के खेत पर लगे हुए बिजली कनेक्शन की सप्लाई बन्द हो गयी। परिवादी का यह कथन है कि उसका एक कृषि फार्म है काफी पहले उन्होनें विपक्षी से बिजली कनेक्शन लिया था। वहां पर बहुत से लोगों के भी कनेक्शन एक ही ट्रांसफार्मर से थे। पहले 63 के0वी0ए0 का ट्रांसफार्मर लगा था परन्तु उस ट्रांसफार्मर के जल जाने के कारण उसके स्थान पर छोटा ट्रांसफार्मर 25 के0वी0ए0 का रख दिया गया और उसी नये ट्रांसफार्मर से दो गांव सुब्बा खेड़ा व पुरौनी खेड़ा की बिजली की आपूर्ति की जाती थी। मौके पर लोड ज्यादा हो गया था इस कारण से ट्यूबवेल सही रूप से काम नही कर रहा था। फिर दिनांक 20-04-2017 को तेज आंधी के कारण पेड़ की डाल टूट गयी जिस कारण से बिजली के तार टूट गये पोल भी टेढ़े हो गये और विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गयी और उसी कारण से परिवादी का ट्यूबवेल चलना बन्द हो गया। परिवादी ने इस बात की शिकायत कई बार किया परन्तु उस पर कोई समुचित कार्यवाही नही हो पायी। परिवादी के ही फार्म में मछली पालन का तालाब था और उसमें एक लाख रूपया की मछलियां मर गयी। खेती का नुकसान उसी फार्म में करीब 3000 नये पेड़ पानी न मिलने के कारण सूख गये। अतः विपक्षीगण से अलग अलग मदों में क्षतिपूर्ति दिलायी जाय।
5-विपक्षीगण पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माना गया परन्तु उनकी ओर से न तो कोई लिखित कथन पेश किया गया और न ही परिवाद की कार्यवाही में भाग लिया गया।
6- वास्तविक स्थिति की जानकारी के लिए मौके पर कमिश्नर भेजे गये जिन्होनें अपनी आख्या अभिलेख संख्या- 20 पेश किया। साथ ही साथ मौके पर फोटोग्राफ भी लगाया है। इस कमिश्नर रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट हो रहा है कि मौके पर परिवादी का करीब 16 बीघे का फार्म है जिसमें तीन बीघा हिस्से में मत्स्य पालन करवाता है शेष में खेती करता है तथा उसी के कुछ भाग में यूकेलिप्टस के पेड़ व बांस कोठी लगी है जहां खेती करवाता है वह जमीन खाली पड़ी है। पानी की कोई व्यवस्था नही है, कुछ पेड़ सूख गये है। करीब एक लाख रूपया की मछलियां मर गयी हैं। अभिलेख संख्या- 21 मौके का फोटोग्राफ है जिसमें टूटे हुए तार दिखायी पड़ रहे है तथा ट्रांसफार्मर रखा हुआ है।
7-परिवादी द्वारा किए गए कथनों को उनके अभिलेखीय एवं शपथ पत्र पर किए गए साक्ष्य तथा कमिश्नर द्वारा प्रस्तुत की गयी आख्या व मौके पर के फोटोग्राफ के आधार पर यह परिवाद आंशिक रूप से एवं एकपक्षीय रूप से स्वीकार किए जाने योग्य पाया जाता है।
आदेश
परिवाद संख्या-156 सन 2017 सहदेव सिंह बनाम मध्यांचल विद्युत वितरण निगम आदि एतद्द्वारा एकपक्षीय एवं आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को 3,00,000/-रूपये की धनराशि बतौर क्षतिपूर्ति अदा करें तथा नया ट्रांसफार्मर 63 के0वी0 का लगाकर विद्युत कनेक्शन आदेश की प्रति प्राप्त होने के दो माह के अन्दर उपलब्ध करायें। शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए 10,000/-रूपये की धनराशि तथा वाद व्यय के लिए 5,000/-रूपये की धनराशि भी परिवादी को विपक्षीगण उपलब्ध करावें।
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