Rajasthan

Ajmer

CC/335/2015

PRADEEP NAHAR - Complainant(s)

Versus

MADHUR CURIOR - Opp.Party(s)

ADV. PRADEEP NAHAR

02 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/335/2015
 
1. PRADEEP NAHAR
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. MADHUR CURIOR
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 02 Aug 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

1. श्री प्रदीप नाहर पुत्र श्री मानचंद नाहरी, जाति- जैन, उम्र-36 वर्ष, निवासी- 322/1, क्रिष्चयनगंज, अजमेर ।
2. श्रीमति  नीता पत्नर श्री प्रदीप नाहर, उम्र-34 वर्ष, निवासी- 322/1, क्रिष्चयनगंज, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थीगण
                            बनाम
1. मधुर कोरियर, गोल प्याउ चैराहा, भीलवाड़ा जरिए  मैनेजर  पुरूषोत्तम,
2. मधुर कोरियर /कोहिनूर कोरियर, एस.के. भाग।व, एडवोकेट के सामने, हाथीभाटा, अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 335/2015  
                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री अमित गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री अजीत जैन, अधिवक्ता अप्रार्थीगण                               
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-10.08.2016
 
1.       प्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि प्रार्थी संख्या 2 की टीसी भीलवाडा से अजमेर  भिजवाने हेतु  श्री कमलेष पोखरणा ने   अप्रार्थी  संख्या 1 कोरियर के यहां दिनंाक 25.08.2015 को  जरिए रसीद  संख्या  5061059136 के बुक कराई । अप्रार्थी ने दिनंाक 27.8.2015 तक उक्त  टीसी गन्तव्य स्थान पर डिलीवर करने का आष्वासन दिया ।  दिनंाक 28.8.2015 तक भी जब टीसी प्राप्त नहीं हुई तो प्रार्थी संख्या 1 ने  अप्रार्थी संख्या 1 से सम्पर्क किया ।  जिसने उक्त टीसी अप्रार्थी संख्या 1 के यहां भिजवाने की बात कही  और अप्रार्थी संख्या 2 से सम्पर्क करने को कहा ।  किन्तु दिनंाक 2.9.2015 तक भी टीसी प्राप्त नहीं हुई । इस कारण प्रार्थी संख्या 2 का एलएलबी प्रथम वर्ष में प्रवेष नहीं हो सका  और उसका एक वर्ष खराब हो गया । तत्पष्चात् प्रार्थीगण ने अप्रार्थीगण को दिनंाक 3.9.2015 को नोटिस भी दिया ।  किन्तु उस पर भी अप्रार्थीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की । प्रार्थीगण ने इसे अप्रार्थीगण की सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 ने जवाब प्रस्तुत कर प्रष्नगत कोरियर श्री कमलेष पोखरणा द्वारा  बुक करवाया जाना स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि  डाक भीलवाड़ा  से बुक कराई गई है  और बुककर्ता ने परिवाद प्रस्तुत नहीं किया है साथ ही अजमेर मंच को परिवाद की श्रवणाधिकारिता नहीं है । इसलिए परिवाद निरस्त होने योग्य है । 
3.    अप्रार्थी संख्या 2 ने भी जवाब प्रस्तुत करते हुए अजमेर मंच को परिवाद की श्रवणाधिकारिता नहीं होने का कथन किया है साथ ही भी दर्षाया है कि उत्तरदाता अप्रार्थी ने प्रष्नगत लिफाफा दिनंाक 29.8.2015 को  वितरित कर दिया है । उसके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । 
4.    प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि उनकी ओर से किन्ही श्री कमलेष पोखरणा के माध्यम से अप्रार्थी संख्या 1 स्थित भीलवाडा  के यहां से  एक लिफाफा , जिसमें प्रार्थी संख्या 2  की टीसी थी, को कोरियर से बुक करवाकर मंगवाया था तथा दिनंाक 27.8.2015  तक  लिफाफा डिलीवर करवाने का आष्वासन दिया गया ।  किन्तु दिनंाक 28.8.2015 तक भी डिलीवरी नहीं होने पर अप्रार्थी संख्या 1 से सम्पर्क किया गया तो उसने अप्रार्थी संख्या 2 को उक्त लिफाफा भिजवा देने की बात की । प्रार्थी पक्ष द्वारा अप्रार्थी संख्या 2 के पास  उक्त लिफाफे की मांग की गई ।  किन्तु दिनंाक 31.8.2015 तक भी उक्त लिफाफा प्राप्त नहीं हुआ व  मात्र आष्वासन दिया गया ।  उसके साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया । अप्रार्थीगण को इस बाबत् नोटिस भी भेजा गया किन्तु उक्त लिफाफा प्राप्त नहीं होने से प्रार्थी  संख्या 2 का एक वर्ष बर्वाद हो गया है । अप्रार्थी के उक्त कृत्य से हुए मानसिक संताप पेटे क्षतिपूर्ति दिलवाई जाकर परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । यह भी  तर्क प्रस्तुत किया गया कि चूंकि भीलवाडा सेे उक्त लिफाफा प्रार्थी को अजमेर स्थित अप्रार्थी के स्थानीय पते के मार्फत भिजवाया जाकर प्राप्त  हुआ है । अतः क्षेत्राधिकार भी इस मंच को प्राप्त है ।  अपने तर्को के समर्थन में विनिष्चय प्;2009द्धब्च्श्रद्ध82;छब्द्ध च्वेज डंेजमत ळमदमतंसए त्ंरंेजींद ए ॅमेजमतद त्महपवदए श्रवकीचनत - व्ते प्रस्तुत किया है । 
5.    अप्रार्थी की ओर से  उक्त बहस का खण्डन किया गया है व लिखित बहस भी प्रस्तुत की गई है । जिसमें  टीसी, षैक्षणिक संस्थान आदि के विवरण के बारे में आपत्ति उठाते हुए बताया गया है कि प्रार्थी को उक्त डिलीवरी की तामील दिनंाक 29.8.2015 को करवाई जा चुकी है । समर्थन में तामील रसीद की फोटोप्रति प्रस्तुत करते हुए इस मंच को क्षेत्रधिकार  नहीं होने बाबत् आपत्ति भी उठाई गई । 
6.    हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत विनिष्य में प्रतिपादित सिद्वान्त का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
7.    हस्तगत प्ररकण में प्रार्थी पक्ष ने किन्ही कमलेष पोखरणा के माध्यम से भीलवाडा में अप्रार्थी कोरियर   को प्रतिफल देकर लिफाफा भिजवाया है जो उन्हें अजमेर में प्राप्त हुआ, अभिकथित है ।  कहा जा सकता है कि परिवाद के  दोनो पक्षकार उपभोक्ता नहीं है क्येांकि उक्त कमलेष पोखरणा की ओर से भीलवाडा स्थित कोरियर कम्पनी में लिफाफा बुक करवाया गया है । सही नहीं श्री कमल पोखरणा का ष्षपथपत्र भी प्रस्तुत नहीं हुआ है । 
8.    क्षेत्राधिकार के मामले में स्पष्ट प्रावधान है  कि जहां वादकरण उत्पन्न हुआ हो  अथवा जहां प्रतिवादी ऐसा व्यापार करता हो , मात्र उसका अन्य स्थान पर कार्यालय अथवा एजेन्सी  होना क्षेत्राधिकार का विषय नहीं बन जाता । जो विनिष्चय प्रस्तुत किया गया है, में स्वयं प्रार्थी नोपाराम ने सिपाही के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन किया था तथा उसके बताए गए पते पर साक्षात्कार हेतु भेजे गए रजिस्टर्ड पत्र  के प्राप्त होने पर संबंधित जिला मंच ने  इण्डियन पोस्ट आफिस एक्ट की धारा 6 के प्रावधान को ध्यान में रखते हुए प्रार्थी को क्षतिपूर्ति दिलवाई थी ।  हस्तगत प्रकरण में ऐसी स्थिति नहीं है । अतः यह विनिष्चय  तथ्यों की भिन्नता के कारण प्रार्थी की कोई सहायता नहीं करता ।  प्रार्थी की ओर से 29 तारीख को उसे डिलवरी दिए जाने हेतु प्राप्ति सीट में किए गए उल्लेख को भी चुनौती दी गई है । इस मंच की राय में  यह तथ्य /आपत्ति क्षेत्राधिकार के संदर्भ में गौण है । मंच की राय में यह परिवाद  मंच की श्रवणाधिकारिता  में नहीं है । अतः परिवाद खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि
                          -ःः आदेष:ः-
9.            प्राथीगण  का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 10.08.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
  
    

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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