(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2114/2010
Branch Manager Life Insurance Corporation of India & other
Versus
Madan Singh S/O Late Sri Amar Singh
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री संजय जायसवाल, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं
दिनांक :12.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-311/2005, मदन सिंह बनाम श्रीमान शाखा प्रबंधक भारतीय जीवन बीमा निगम व अन्य में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 19.11.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद का निस्तारण करते हुए बीमा क्लेम अदा करने हेतु आदेशित किया है कि मृत दावा की राशि अंकन 1,00,000/-रू0 12 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा की जाए, साथ ही क्षतिपूर्ति के मद में अंकन 5,000/-रू0 एवं अंकन 3,000/-रू0 वाद व्यय अदा करने के लिए आदेशित किया गया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने अपनी पत्नी श्रीमती अनीता का बीमा दिनांक 04.08.2003 को अंकन 1,00,000/-रू0 के लिए कराया था, जिसकी परिपक्वता अवधि दिनांक 04.08.2035 थी। परिवादी ने प्रथम छमाही किश्त अंकन 1,584/-रू0 विपक्षी के यहां जमा किये, जिसकी रसीद विपक्षी ने जारी की। इसके पश्चात दिनांक 26.10.2003 को छत से गिर जाने के कारण मृत्यु हो गयी। डॉ0 इन्दू भूषण राजवंशी ने मृत घोषित कर दिया तथा मेडिकल रिपोर्ट लिखकर दी। इसकी सूचना बीमा कम्पनी को दी गयी। बीमा कम्पनी ने आज तक पॉलिसी बॉण्ड निर्गत नहीं किया था, उनके द्वारा मूल पॉलिसी बॉण्ड की मांग की गयी। बॉण्ड दिनांक 03.09.2003 को भेजा गया। ऐसा कहा गया, परंतु परिवादी को प्राप्त नहीं हुआ। इसके बाद बीमा क्लेम नकार दिया गया।
- बीमा कम्पनी का कथन है कि पॉलिसी में क्लॉज (बी) का उल्लेख है, इसलिए कोई क्लेम देय नहीं है क्योंकि घर के अंदर मृत्यु कारित हुई है। किसी पब्लिक पैलेस पर मृत्यु कारित नहीं हुई है, परंतु जिला उपभोक्ता आयोग ने इस तथ्य को स्वीकार नहीं किया कि घर पर मृत्यु होने के कारण बीमा पॉलिसी देय नहीं है। तदनुसार बीमा क्लेम अदा करने का आदेश पारित किया गया।
- पीठ द्वारा बीमा पॉलिसी की शर्तों का अवलोकन किया गया। क्लॉज सं0 4(बी) के अनुसार किसी बीमाधारक महिला की मृत्यु पर उसी समय बीमा क्लेम देय है, जिस समय मृत्यु सार्वजनिक स्थान पर हुई हो, केवल प्रीमियम की राशि वापस लौटायी जा सकती है। प्रस्तुत केस में स्वीकार्य रूप से घर के अंदर मृत्यु कारित हुई है न कि किसी पब्लिक पैलेस पर, इसलिए घर के अंदर मृत्यु कारित होने पर बीमा क्लेम देय नहीं है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2