Uttar Pradesh

StateCommission

CC/101/2014

Dr. Vivek Mishra - Complainant(s)

Versus

Maa Sheetla Autowheels PVT. LTD. - Opp.Party(s)

Sri Krishna vishwakarma

04 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. CC/101/2014
( Date of Filing : 24 Jul 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Dr. Vivek Mishra
AAllahabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Maa Sheetla Autowheels PVT. LTD.
Moradabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Jun 2024
Final Order / Judgement

                                               (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-101/2014

डा0 विवेक मिश्रा पुत्र टी.पी. मिश्रा, निवासी जार्ज टाऊन डोर नं0-9सी/3, जिला इलाहाबाद, यू.पी.।

                   परिवादी

बनाम

1.   मां शीतला आटोव्‍हील्‍स प्रा0लि0, मधुरम टावर, दिल्‍ली रोड, जिला मुरादाबाद, यू.पी.।

2.   वोल्‍क्‍सवैगन ग्रुप सेल्‍स इण्डिया प्रा0लि0, चतुर्थ तल बी-विंग स्लिवर उटोपिया कार्डिनल ग्रेसियस रोड चकल, अंधेरी (ईस्‍ट) मुम्‍बई 400099, महाराष्‍ट्र।

        विपक्षीगण

समक्ष:-                         

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से उपस्थित        : श्री कृष्‍ण विश्‍वकर्मा।

विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

विपक्षी सं0-2 की ओर से उपस्थित  : श्री विनीत मिश्रा के   

                कनिष्‍ठ सहायक श्री संदीप

                कुमार पाण्‍डेय।

दिनांक:  04.06.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.        यह परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्ध इस अनुरोध के साथ प्रस्‍तुत किया गया है कि परिवादी को उपलब्‍ध कराई गई वर्ष 2012 मॉडल की कार को वर्ष 2013 मॉडल की कार में परिवर्तित किया जाए, क्‍योंकि परिवादी द्वारा वर्ष 2013 मॉडल की कार का मूल्‍य अदा किया गया है साथ ही परिवर्तन करने की तिथि तक अदा की गई राशि पर ब्‍याज की भी मांग की गई है और अनुचित व्‍यापार प्रणाली अपनाने के कारण अंकन 10 लाख रूपये की क्षति की मांग की गई है। इसी प्रकार मानसिक प्रताड़ना और परिवाद व्‍यय की मद में अंकन 25 हजार रूपये की मांग की गई है।

2.        परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 को अंकन 10,13,460/-रू0 का भुगतान 2013 मॉडल की कार क्रय करने के लिए किया गया, इस कार का पंजीयन कराने में अंकन 32,575/-रू0 खर्च हुए थे। बीमा अंकन 9,69,950/-रू0 के घोषित मूल्‍य पर कराया गया था, जबकि अंकन 10,13,460/-रू0 वसूल किए गए। इस प्रकार अंकन 43,510/-रू0 अनुचित व्‍यापार प्रणाली करते हुए प्राप्‍त किए गए। परिवादी द्वारा अंकन 81,077/-रू0 पंजीयन कराने में खर्च किए गए। परिवादी का अंकन 10,13,460/-रू0 खर्च हुआ। परिवादी ने 12 प्रतिशत ब्‍याज की दर से ऋण प्राप्‍त किया गया है। कार क्रय करने के पश्‍चात ही कार में कंपन होने लगी तथा दरवाजों में आवाज आने लगी। पहली सर्विस में ठीक करने का आश्‍वासन दिया गया। सर्विस सेन्‍टर पर जाने पर ज्ञात हुआ कि वर्ष 2012 मॉडल की कार विक्रय की गई है, जबकि परिवादी ने वर्ष 2013 मॉडल की कार के लिए धन अदा किया है, क्‍योंकि वर्ष 2013 मॉडल में जो भी फीचर्स मौजूद थे, वह वर्ष 2012 मॉडल में नहीं थे। वर्ष 2012 मॉडल पर एक से दो लाख रूपये की छूट चल रही थी। अत: वर्ष 2012 मॉडल के स्‍थान पर वर्ष 2013 मॉडल की कार को परिवर्तित कराने के उद्देश्‍य से उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया, जिसके समर्थन में शपथ पत्र तथा अनेक्‍जर 1 लगायत अनेक्‍जर 4 प्रस्‍तुत किए गए।

3.        विपक्षी सं0-2 का कथन है कि उनका नया नाम SKODA AUTO VOLKSWAGEN INDIA PRIVATE LIMITED है, जिसमें तीन भारतीय कंपनियां शामिल हैं, इसके बाद NCLT मुम्‍बई शाखा के आदेश दिनांक 5.9.2019 के द्वारा इस कंपनी का विलय होने के बाद नया नाम SAVWIPL हो चुका है। उनके द्वारा अपने वाहन का विक्रय डीलर के माध्‍यम से किया जाता है। वाहन निर्माता कंपनी के विरूद्ध किसी भी प्रकार का वाद कारण दर्शित नहीं किया गया है, क्‍योंकि वाहन का विक्रय डीलर द्वारा किया गया है, जिसमें निर्माण से संबंधित कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए उनका कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं है।

4.        विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विपक्षी सं0-1 पर पंजीकृत डाक से तामील के लिए नोटिस प्रेषित की गई, जिसकी डाक रसीद की प्रति पत्रावली पर मौजूद है। अत: तामील की उपधारणा की जाती है। विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की गई है।

5.        परिवादी तथा विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुनने तथा पत्रावली का अवलोकन करने के पश्‍चात यह तथ्‍य स्‍थापित होता है कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए विपक्षी सं0-2 का कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं है, क्‍योंकि वाहन का विक्रय डीलर द्वारा किया गया है। परिवादी का कथन है कि वर्ष 2013 मॉडल का मूल्‍य अदा किया गया है, जबकि वाहन वर्ष 2012 मॉडल का प्राप्‍त करा दिया गया। इन तथ्‍यों की पुष्टि शपथ पत्र द्वारा की गई है, जिसका कोई खण्‍डन विपक्षी सं0-1 द्वारा नहीं किया गया है। परिवादी की ओर से अनेक्‍जर 4 के माध्‍यम से यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि इंजन नम्‍बर पर किस प्रकार मॉडल को सुनिश्‍चित किया जा सकता है। शपथ पत्र द्वारा पुष्टि की गई है कि परिवादी द्वारा वर्ष 2013 मॉडल के स्‍थान पर वर्ष 2012 मॉडल की कार विक्रय की गई है, जिसका कोई खण्‍डन मौजूद नहीं है। अत: यह तथ्‍य स्‍थापित है कि विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को पुराना मॉडल का वाहन विक्रय किया गया है, जबकि धन नये मॉडल के वाहन का वसूल किया गया है। चूंकि वाहन का प्रयोग करते हुए लगभग 10 वर्ष की अवधि व्‍यतीत हो चुकी है, इसलिए इस अवसर पर वाहन को बदलने का आदेश देना उचित नहीं होगा, परन्‍तु मॉडल एक वर्ष पुराना देने के कारण अंकन 1,00,000/-रू0 के मूल्‍य का अन्‍तर अदा करने का आदेश द‍ेना विधिसम्‍मत है। इसी प्रकार मानसिक प्रताड़ना एवं परिवाद व्‍यय दोनों मदों में संयुक्‍त रूप से अंकन 1,00,000/-रू0 अदा करने का आदेश देना उचित है। तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद इस सीमा तक स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

6.        प्रस्‍तुत परिवाद इस सीमा तक स्‍वीकार किया जाता है कि विपक्षी संख्‍या-1, परिवादी को अंकन 1,00,000/-रू0 परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 08 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज के साथ इस निर्णय/आदेश की तिथि से तीन माह के अन्‍दर अदा किया जाए।

          मानसिक प्रताड़ना एवं परिवाद व्‍यय दोनों मदों में संयुक्‍त रूप से अंकन 1,00,000/-रू0 भी उपरोक्‍त अवधि में विपक्षी सं0-1 द्वारा  परिवादी को अदा किया जाए। यदि उपरोक्‍त अवधि में यह राशि अदा नहीं की जाती है तब इस धनराशि पर भी परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 08 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज देय होगा।

परिवाद विपक्षी संख्‍या-2 के विरूद्ध खारिज किया जाता है।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                         (सुशील कुमार)

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.