Madhya Pradesh

Seoni

CC/86/2013

NEMICHAND OSWAL - Complainant(s)

Versus

M.P.E.B. BADALPAR - Opp.Party(s)

26 Dec 2013

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, सिवनी(म0प्र0)
 प्रकरण क्रमांक -86-2013                               प्रस्तुति दिनांक-21.11.2013
समक्ष :-
अध्यक्ष - रवि कुमार नायक
सदस्य - श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत,

नेमीचंद, वल्द स्वर्गीय हुकमचंद ओसवाल,
सा0-ग्राम भालीवाड़ा, थाना कुरर्इ, तहसील
कुरर्इ, जिला सिवनी (म0प्र0)।...................................आवेदकपरिवादी।
                :-विरूद्ध-: 
(1)    श्रीमान कनिश्ठ अभियंता (ग्रामीण) वितरण
    म0प्र0 विधुत मण्डल पूर्व क्षेत्र केन्द्र बादलपार
    तहसील कुरर्इ, जिला सिवनी (म0प्र0)।
(2)    श्रीमान कार्यपालन अभियंता, मध्यप्रदेष विधुत
    मण्डल वितरण केन्द्र बादलपार, तहसील कुरर्इ, 
    जिला सिवनी (म0प्र0)।
(3)    श्रीमान सहायक यंत्री (ग्रामीण) म0प्र0 विधुत 
    मण्डल पूर्व क्षेत्र वितरण सिवनी, जिला सिवनी
    (म0प्र0)।....................................................अनावेदकगणविपक्षीगण। 
                    
                 :-आदेश-:
     (आज दिनांक- 26.12.2013 को पारित)
द्वारा-अध्यक्ष:-
(1)        परिवादी ने यह परिवाद, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के तहत, परिवादी की कृशि भूमि की सिंचार्इ हेतु 3एच0पी0 के मोटर कनेक्षन के विधुत सप्लार्इ की लार्इन अप्रैल-2013 में बंद कर दिया जाना और ट्रांसफार्मर जल जाने का कारण अनावेदकों द्वारा बताये जाने को कहते हुये, नया ट्रांसफार्मर लगाकर विधुत कनेक्षन न दिये जाने को सेवा में कमी कहते हुये, हर्जाना दिलाने व नया ट्रांसफार्मर लगाकर उसकी लार्इन से कनेक्षन देने के अनुतोश हेतु पेष किया है।
(2)        यह विवादित नहीं कि-ग्राम-भालीवाड़ा में परिवादी की कृशि भूमि है और उसने कृशि कार्य हेतु वर्श-2001-2002 में विधुत कनेक्षन सर्विस क्रमांक-48831 प्राप्त किया था और जिसके द्वारा वह 3एच0पी0 के मोटर पम्प से सिंचार्इ भी करता था।
(3)        स्वीकृत तथ्यों के अलावा, परिवाद का सार यह है कि- अनावेदक द्वारा जारी बिजली बिल के अनुसार वह नियमित रूप से विधुत बिल का भुगतान करता रहा है, जो कि-परिवादी की भूमि पर लगे विधुत पोल ट्रांसफार्मर से सन 2001 में परिवादी को सिंचार्इ हेतु स्थायी विधुत कनेक्षन दिया गया था। और अप्रैल-2013 में अचानक लार्इन बंद कर दी गर्इ, जानकारी चाहने पर, अनावेदक द्वारा बताया गया कि-पोल से लगा ट्रांसफार्मर जल गया है, नया ट्रांसफार्मर लगाने में कुछ दिन लगने का आष्वासन दिया जाता रहा, कुछ अवधि बाद संपर्क करने पर यह कहा जाने लगा कि-30,000-रूपये जमा कर, नया ट्रांसफार्मर खुद लगवा लो, जो कि-परिवादी को बिना सूचना दिये ट्रांसफार्मर हटाने और नया ट्रांसफार्मर न लगाये जाने बाबद षिकायत अनावेदकगण से की गर्इ, जिस पर कोर्इ यथोचित कार्यवाही न होने से परिवादी को विधुत कनेक्षन प्राप्त नहीं हो सका है और विधुत बिल विधिवत भेजे जा रहे हैं, जिनका भुगतान परिवादी नियमानुसार करता आ रहा है व सिंचार्इ के आभाव में बोनी न हो पाने से परिवादी के लाखों रूपये की कृशि की नुकसानी हुर्इ है। 
(4)        परिवादी की किसी कृशि भूमि से इंकार करते हुये, अनावेदक के जवाब में सार रूप में कहा गया है कि-वर्श-2001 में परिवादी ने अपनी कृशि भूमि में सिंचार्इ हेतु विधुत वितरण केन्द्र, बादलपार से स्वयं के द्वारा सर्विस लार्इन लगाकर विदधमान एल0टी0 लार्इन से अर्धस्थायी कनेक्षन स्वयं के नाम से खेत में लिया था, जो बस्ती के पास लगे 100के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर से लिया गया था, इसके पष्चात पी0एच0र्इ0 विभाग द्वारा, भालीवाड़ा में नगद राषि योजना के अन्तर्गत राषि जमा कर, जलप्रदाय हेतु 5एच0पी0 के टयबबेल कनेक्षन दिनांक-20.11.2010 को लिया गया था, उक्त कनेक्षन हेतु पी0एच0र्इ0 विभाग के खर्चे से अनावेदक द्वारा 25के0 व्ही0ए0 का ट्रांसफार्मर लगाया गया था। और पी0एच0र्इ0 विभाग द्वारा लगवाये गये ट्रांसफार्मर से वर्श-2012 में परिवादी ने खेत की सिंचार्इ हेतु अस्थायी कनेक्षन प्राप्त किया था, लेकिन परिवादी का स्थायी कनेक्षन पूर्व से विदधमान एल0टी0 लार्इन से ही जोड़ा गया था, जो आज भी पूर्ववत स्थान पर जारी है। 
(5)        जो कि-पी0एच0र्इ0 विभाग द्वारा पूर्व में किये गये टयूबबेल का पानी सूख जाने के कारण, ग्राम-भालीवाड़ा में अन्य जगह टयूबबेल का उत्खनन कराया गया है, जहां कनेक्षन लेने हेतु पी0एच0र्इ0 विभाग द्वारा, अनावेदक की संस्था में आवेदन देकर तथा उसमें लगने वाली राषि जमा कर, पूर्व में लगवाये गये 25के.व्ही.ए. का ट्रांसफार्मर वहां सिप्ट कराया गया है, जिससे नल, जल योजना हेतु 5एच0पी0 का कनेक्षन पी0एच0र्इ0 विभाग द्वारा लिया गया है, परिवादी के प्रति-कोर्इ सेवा में कमी नहीं की गर्इ है, उसने दुर्भावनापूर्वक परिवाद, गलत बयानी कर पेष किया है, इसलिए अनावेदक-पक्ष को परिवादी से प्रतिकरात्मक क्षति भी दिलार्इ जावे।
(6)        मामले में निम्न विचारणीय प्रष्न यह हंंै कि:-
        (अ)    क्या अनावेदक-पक्ष द्वारा, परिवादी के स्थायी
            विधुत कनेक्षन का ट्रांसफार्मर निकालकर
            उसकी विधुत सप्लार्इ अनाधिकार बंद कर, उसके 
            प्रति-सेवा में कमी की गर्इ है?
        (ब)    सहायता एवं व्यय?
                -:सकारण निष्कर्ष:-
        विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(अ) :-
(7)        परिवादी-पक्ष की ओर से पेष प्रदर्ष सी-5 से प्रदर्ष सी-11 तक के विधुत देयकों की प्रतियां यह दर्षाने के लिए है कि-उसका उक्त स्थायी विधुत कनेक्षन वर्श-2002 से लगातार रहा है, लेकिन उसमें जो प्रदर्ष सी-9 का विधुत देयक पेष किया गया, वह सिवनी सिथत परिवादी के मकान का घरेलू विधुत कनेक्षन का बिल है, और षेश बिल पावर एग्रीकल्चर के टैेरिफ के अनुसार, कृशि कनेक्षन के बिल हैं। 
(8)        उक्त कृशि हेतु स्थायी विधुत कनेक्षन के अलावा, प्रदर्ष सी- 1, सी-2 और सी-3 के अस्थायी विधुत कनेक्षन की तीन-तीन माह अवधि के भुगतान रसीदों की प्रतियां, दिसम्बर-2012 से फरवरी-2013 तक की अवधि के लिए अलग-अलग हार्स पावर के अस्थायी कनेक्षन की जो पेष की गर्इं हैं, उनसे यह दर्षित है कि-परिवादी के द्वारा, नवम्बर-दिसम्बर- 2012 में कृशि सिंचार्इ बाबद, तीन अस्थायी कनेक्षन भी लिये गये थे, जो कि-तर्क के समय स्वयं परिवादी द्वारा भी यह व्यक्त किया गया कि-जो ट्रांसफार्मर हटा दिया गया है, उससे अस्थायी कनेक्षन सिंचार्इ के समय पिछली बार इसी मौसम में लिया गया था और अब ट्रांसफार्मर हट जाने से वहां से टेम्परेरी कनेक्षन इस बार नहीं मिल पा रहा है।
(9)        अनावेदक के जवाब के समर्थन में परिवादी द्वारा, जनसुनवार्इ में की गर्इ षिकायत के बाबद, कनिश्ठयंत्री द्वारा, कार्यपालनयंत्री को दिये गये प्रतिवेदन की प्रति से स्पश्ट है कि-उसकी एक प्रतिलिपि परिवादी- नेमीचंद को भी प्रेशित की गर्इ थी और उक्त प्रतिवेदन में यह सिथति दर्षा दी गर्इ थी कि-उक्त ट्रांसफार्मर पी0एच0र्इ0 विभाग के पैसे से उक्त विभाग के 5एच0पी0 के टूयूबबेल के कनेक्षन हेतु दिनांक-20.11.2010 को लगाया गया था और उक्त बोर का पानी सूख जाने से पी0एच0र्इ0 विभाग द्वारा, दूसरी जगह खनन कर, टयबबेल स्थापित किया गया और नियमानुसार उक्त ट्रांसफार्मर को भी नये टयूबबेल के स्थान पर, पी0एच0र्इ0 विभाग ने नियमानुसार सिप्ट कराया है और परिवादी ने पी0एच0र्इ0 विभाग के ट्रांसफार्मर लगने के बाद पी0एच0र्इ0 विभाग के ट्रांसफार्मर से स्वयं कनेक्षन चालू कर लिया था, इसलिए नेमीचंद अपना कनेक्षन या तो पूर्ववत अनुसार बस्ती के पास लगे ट्रांसफार्मर से संयोजित कराने की कार्यवाही करे, अन्यथा वर्तमान में चल रही अनुदान योजना के अन्तर्गत आवेदन पेष कर, ट्रांसफार्मर व लार्इन लगवाने की आगामी कार्यवाही करे। और उक्त की सूचना भी परिवादी को दी जाना प्रदर्ष आर-1 में पृश्ठांकित है।
(10)        प्रदर्ष आर-3 से आर-14 तक के अनावेदकगण की ओर से पेष पी0एच0र्इ0 विभाग के खर्चे पर, पी0एच0र्इ0 विभाग के 5 हार्स पावर के बोर कनेक्षन हेतु ट्रांसफार्मर लगाये जाने और फिर उसका स्थान बदले जाने बाबद दस्तावेज, कार्यादेष तकनीकी असिसमेन्ट आदि की कार्यवाही के सब दस्तावेजों से भी यही सिथति स्पश्ट है कि-पी0एच0र्इ0 विभाग के खर्चे पर जल, नल योजना के संबंध में 5 हार्स पावर के टयूबबेल कनेक्षन हेतु जो ट्रांसफार्मर परिवादी के खेत के पास स्थापित हुये, वह 30 नवम्बर- 2010 को पबिलक वाटर वर्कस के लिये नया ट्रांसफार्मर लार्इन डालकर लिया गया कनेक्षन था, यह प्रदर्ष आर-9 से स्पश्ट है। जबकि-परिवादी ने एग्रीकल्चर पम्प का कनेक्षन 7 दिसम्बर-2001 को लिया था, यह प्रदर्ष आर-2 से स्पश्ट है।
(11)        तो स्पश्ट है कि-दिसम्बर-2001 में परिवादी ने जो एग्रीकल्चर पम्प का स्थायी कनेक्षन, जिस ट्रांसफार्मर के पोल से लिया था, वह कनेक्षन यथावत है, अनावेदक-पक्ष द्वारा बदला नहीं गया है और इसलिए परिवादी के प्रति-कोर्इ सेवा में कमी नहीं की गर्इ है, परिवादी ने उसके खेत के पास पी0एच0र्इ0 विभाग के पबिलक वाटर सप्लार्इ के विधुत पम्प हेतु पी0एच0र्इ0 विभाग के खर्चे पर बनवाये गये ट्रांसफार्मर से यदि अनाधिकार अपना कनेक्षन जोड़ लिया हो, तो वह पूर्ववत जहां से उसे अनावेदकों द्वारा कनेक्षन दिया गया था, वहां से ही कनेक्षन जोड़ने के लिए कार्यवाही करने स्वतंत्र है, अनावेदकगण द्वारा, परिवादी के प्रति-कोर्इ सेवा में कमी नहीं की गर्इ है, वास्तविक तथ्यों व वास्तविक विवाद को छिपाकर परिवाद, परिवादी के द्वारा पेष किया गया है। तदानुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ को निश्कर्शित किया जाता है।
विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(ब):-
(12)        विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ के निश्कर्श के आधार पर, परिवादी का पेष परिवाद स्वीकार योग्य न होने से निरस्त किया जाता है। परिवादी स्वयं का कार्यवाही-व्यय वहन करेगा और अनावेदक-पक्ष को कार्यवाही-व्यय के रूप में 2,000-रूपये (दो हजार रूपये) परिवादी आदेष दिनांक से तीन माह की अवधि के अन्दर अदा करेगा।  

     
                                            
        मैं सहमत हूँ।                                   मेरे द्वारा लिखवाया गया।         

(श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत)                          (रवि कुमार नायक)
         सदस्य                                                    अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                           जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोषण फोरम,सिवनी                           प्रतितोषण फोरम,सिवनी                         

          (म0प्र0)                                                    (म0प्र0)

                        

 

 

 

        
            

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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