Rajasthan

Kota

CC/11/2008

Jankilal - Complainant(s)

Versus

M.M.Enterpries, Prop. - Opp.Party(s)

D.C.Kushwaha

20 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- 

01.    नंदलाल शर्मा    ः    अध्यक्ष  
02.    महावीर तंवर    ः    सदस्य

परिवाद संख्या:-11/08

जानकी लाल पुत्र गोपाल लाल आयु 43 वर्ष, निवासी बस स्टेण्ड नाहरगढ जिला बारां (राज0)                                                  परिवादी

                    बनाम

01.    एम0एम0 एन्टर प्राइजेज, जरिये प्रोपराइटर, पेट्रोल पम्प के सामने, नयापुरा कोटा।  
02.    साई इलेक्ट्रिकल्स वक्र्स  एवं क्रोम्पट्स सर्विस सेन्टर, जरिये प्रबंधक, डा0 ए0 क्यू0     खान के पीछे, बल्लभबाडी, कोटा। 
03.    क्रोम्पटन गिब्ज, ब्रान्च आफिस, चर्च रोड, पी0ओ0 बाक्स 173, जयपुर 302001     जरिये पबंधक।
04.    क्रोम्पटन गिब्ज, रीजनल सेल्स आॅफिस, जरिये प्रबंधक, वंदना बिल्डिग11,     टालस्टाय मार्ग नई दिल्ली 110001
05.    क्रोम्पटन गिब्ज हाउस, जरिये प्रबंधक, सी.जी. हाउस, 6 फ्लोर, डा0 एनीबिसेन्ट     रोड, वर्ली मुम्बई 40030                                अप्रार्थीगण

    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री डी0सी0कुशवाह, अधिवक्ता,परिवादी की ओर से ं।
02.    अप्रार्थी सं. 1 व 2 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई। 
03.    श्री हरिमोहन शर्मा, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं0 3 से 5 की ओर से । 

            निर्णय             दिनांक 20.07.2015

    परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसने अप्रार्थीसं. 1 से दिनांक 22.09.06 को एक मोटर क्राम्पटन  ग्रिब्ज 3 एच पी जर्ये इन्वाइस नं. आर -286 राशि 7,200/- रूपये में अपनी आजीविका अर्जित करने के लिये खरीद की थी। कुछ समय पश्चात मोटर चलती-चलती अचानक बंद हो गई। और दिनांक 06.12.06 को उक्त खराबी की वजह से मोटर स्वतः ही जल गई, जिस पर परिवादी ने इस संबंध में कोटा आकर अप्रार्थी सं. 1 से शिकायत की और मोटार को गारंटी अवधि में खराब होने के कारण बदल कर नई मोटर देने को कहा, इस पर अप्रार्थी सं. 1 ने कहा कि इस मोटर को लेकर अप्रार्थी सं. 2 के पास जाओं वह इस मोटर को ठीक करके देगा। परिवादी अप्रार्थी सं. 2 के पास मोटर लेकर गया जिसने कहा कि यांत्रिक खराबी के कारण मोटर जल गई। इसकी दोबारा रिमाइंडिंग करनी पडेगी, इसमें 3,000/- रूपये का खर्चा होगा। इसके बाद कोई खर्चा नहीं होगा। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 2 से कहा कि मेरी मोटर वारंटी समय में है इसलिये इसको ठीक करने पर कोई खर्चा नहीं लगेगा।  इस पर परिवादी ने अप्रार्थी सं0 1 के पास गया तथा उससे उक्त खराबशुदा मोटर को बदल कर देने को कहा तो उसने देने से मना कर दिया। अप्रार्थीगण परिवादी की मोटर  को ठीक न कर, मोटर  को बदल कर दूसरी नई देने से इंकार कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादी को अप्रार्थीगण खराबशुदा मोटर को ठीक करके देवे या बदल कर नई देवे या मोटर की कीमत, मानसिक क्षति, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।   

    अप्रार्थीसं. 1 व 2 के विरूद्ध दिनांक 02.07.10 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।

     अप्रार्थी सं 3 लगायत 5 ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी ने जो क्राम्पटन मशीन खरीदी है उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, उक्त मशीन पानी फैकने के काम में आती है और परिवादी उक्त मशीन को रद्दा लगाने के काम में लेकर व्यवसायिक कार्य में ले रहा है, इसलिये परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता नहीं है। परिवादी ने जो मोटर अप्रार्थीसं. 1 से खरीदी वह पानी फैकने की है जिसे गलत तौर पर परिवादी रद्दा लगाने के काम में ले रहा है। परिवादी उक्त मोटर का दुरूपयोग  कर रहा है। जिसके लिये अप्रार्थीगण जिम्मेदार नहीं है। वारंटी कार्ड में स्पष्ट लिखा हुआ है कि विपक्षी कंपनी उक्त मोटर की रिपेयरिंग कर सकती है परन्तु परिवादी उक्त मशीन का दुरूपयोग करने से वह वांरटी समय से बाहर हो गई है। वारंटी कार्ड पर लिखा हुआ है कि गलत इस्तेमाल की जिम्मेदारी कंपनी की नहीं है। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 2 के पास दिनांक 07.12.96 को मोटर प्रथम बार प्रस्तुत की, जिसकी शिकायत 680 पर दर्ज है जिसे चैक करने पर कंपनी के विशेषज्ञ इंजीनियरों ने पाया कि परिवादी की उक्त मोटर आवेरलोड होकर जली हुई थी। मोटर के दोनो कोपिसिटर क्लच, गवर्नर सभी डेमेज पाये गये, जिसके कारण मोटर ओवर लोड होकर जली हुई प्रतीत होती है यह निर्माणाकालीन दोष नहीं है। पुली शाफ्ट से 2.50 इंच  बाहर निकली हुई है। मोटर जैसी थी वैसी उपभोक्ता जबरदस्ती वापस ले गया। हस्ताक्षर करने से मना किया। परिवादी ने वारंटी कार्ड में दी गई सावधानियों की अवहेलना की है, इस कारण उसकी मोटर ओवरलोड होने के कारण जली है। उक्त तथ्यों की पुष्टि वारंटी कार्ड, सर्विस काॅल फार्म की रिपोर्ट दिनांक 07.12.06 की फोटो कापी से होती है। उपरोक्त विवेचन, विश्लेषण को दृष्टगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में परिवादी की मोटर ओवर लोडिंग होने के कारण जली है किसी अन्य कारण से नही। 

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?

    उभय पक्षों को सुना गया । पत्रावली मेें उपलब्ध रेकार्ड का अवलोकन किया गया।  अप्रार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवादी ने जो क्राम्पटन मशीन खरीदी है उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, उक्त मशीन पानी फैकने के काम में आती है और परिवादी उक्त मशीन को रद्दा लगाने के काम में लेकर व्यवसायिक कार्य में ले रहा है, इसलिये परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता नहीं है। 

    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने उक्त तर्को का खंडन करते हुये निवेदन किया है कि परिवादी ने क्राम्पटन ग्रिब्ज 3 एच पी मशीन जये इनवईस नं. आर-286 राशि 7,200/- रूपये में अप्रार्थी सं0 1 से अपने स्वरोजगार के लिये खरीद की थी, परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपने उक्त तथ्य की पुष्टि में न्यायिक दृष्टान्त 01. 1993(2) सी0पी0जे0 231 (एन0सी0), 02. 1994(1) सी0पी0जे0 24(गुजरात), 03.1996(2) सी0पी0जे0 88 (एन0सी0),.04. 1996(1) सी0पी0जे0 102 (एन0सी0), 05. 1972(2) सी0पी0जे0 86, पेश किये जिनसे वर्तमान प्रकरण में प्रकाश प्राप्त होता है। उपरोक्त विवेचन को दृष्टिगत रखते हुये परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता पाया जाता है। 
      
02.    आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादी  के विद्वान अधिवक्ता ने निवेदन किया उसकी मोटर चलते-चलते अचानक बंद हो गई और उसी खराबी के कारण वह जल गई, उक्त मोटर को ठीक करने के लिये अप्रार्थीसं. 1 से कहा तो उसने अप्रार्थी सं. 2 के पास जाने के लिये कहा , अप्रार्थी सं. 2 के पास गये तो उसने मोटर को देखकर कहा कि यह यांत्रिक गलती के कारण जल गई है जिसे ठीक करने में 3,000/- रूपये लगेगे, परिवादी ने कहा कि उक्त मोटर वारंटी समय में है इसलिये इसकी कोई राशि नही लगेगी। अप्रार्थी सं. 1 के पास वापस गया तो उसने नई मोटर देने से इंकार कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादी की मोटर अप्रार्थीगण से ठीक करवाई जावे या बदल कर नई दोष रहित दिलवाई जावे या उसकी खरीद की कीमत दिलवाई जावे। परिवादी को अप्रार्थीगण से मानसिक क्षति, परिवाद खर्च भी दिलवाया जावे। 

    अप्रार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता ने उपरोक्त तर्क का खंडन करते हुये निवेदन किया कि परिवादी ने जो मोटर अप्रार्थीसं. 1 से खरीदी वह पानी फैकने की है जिसे गलत तौर पर परिवादी रद्दा लगाने के काम में ले रहा है। परिवादी उक्त मोटर का दुरूपयोग  कर रहा है। जिसके लिये अप्रार्थीगण जिम्मेदार नहीं है। वारंटी कार्ड में स्पष्ट लिखा हुआ है कि विपक्षी कंपनी उक्त मोटर की रिपेयरिंग कर सकती है परन्तु परिवादी उक्त मशीन का दुरूपयोग करने से वह वांरटी समय से बाहर हो गई है। वारंटी कार्ड पर लिखा हुआ है कि गलत इस्तेमाल की जिम्मेदारी कंपनी की नहीं है। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 2 के पास दिनांक 07.12.96 को मोटर प्रथम बार प्रस्तुत की, जिसकी शिकायत 680 पर दर्ज है जिसे चैक करने पर कंपनी के विशेषज्ञ इंजीनियरों ने पाया कि परिवादी की उक्त मोटर आवेरलोड होकर जली हुई थी। मोटर के दोनो कोपिसिटर क्लच, गवर्नर सभी डेमेज पाये गये, जिसके कारण मोटर ओवर लोड होकर जली हुई प्रतीत होती है यह निर्माणाकालीन दोष नहीं है। पुली शाफ्ट से 2.50 इंच  बाहर निकली हुई है। मोटर जैसी थी वैसी उपभोक्ता जबरदस्ती वापस ले गया। हस्ताक्षर करने से मना किया। परिवादी ने वारंटी कार्ड में दी गई सावधानियों की अवहेलना की है, इस कारण उसकी मोटर ओवरलोड होने के कारण जली है। उक्त तथ्यों की पुष्टि वारंटी कार्ड, सर्विस काॅल फार्म की रिपोर्ट दिनांक 07.12.06 की फोटो कापी से होती है। उपरोक्त विवेचन, विश्लेषण को दृष्टगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में परिवादी की मोटर ओवर लोडिंग होने के कारण जली है किसी अन्य कारण से नही। परिवादी अप्रार्थीगण का सेवा दोष साबित करने मे पूर्णतयाः विफल रहा है।  

03.    अनुतोष ?

    परिवादी का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 
 
                     आदेश 

     परिवादी जानकी लाल का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है।  परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 20.07.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।

   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.