Uttar Pradesh

Muradabad-II

EA/28/2013

Shri Uttam Kumar - Complainant(s)

Versus

M.D.A - Opp.Party(s)

15 May 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Execution Application No. EA/28/2013
In
172/2010
 
1. Shri Uttam Kumar
R/0 Dubble Falak Holi Chowk Bhadora Thana Katghar Moradabad
...........Appellant(s)
Versus
1. M.D.A
M.D.A Office Kanth Road Moradabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

 

 

15/5/2015 

                  निष्‍पादन वाद प्रस्‍तुत हुआ। आज निष्‍पादक /प्रार्थी उत्‍तम कुमार के प्रार्थना पत्र कागज सं0-15/1 ता 15/4 एवं इसके विरूद्ध विपक्षी एम0डी0ए0 की आपत्तियां कागज सं0-16 पर आदेश हेतु नियत है।

2-     हमने पक्षकारों के विद्वानअधिवक्‍तागण के तर्क दिनांक 12-5/205 को सुने थे। पक्षकारों की ओर से प्रस्‍तुत तर्कों के प्रकाश में हमने पत्रावली का अवलोकन किया।

3-     निष्‍पादक/ प्रार्थी के प्रार्थना पत्र एवं तत्‍सम्‍बन्‍धी एम0डी0ए0 की  आपत्यिों का निस्‍तारण निम्‍नानुसार किया जा रहा है:-

4-     मामले से सम्‍बन्धित तथ्‍यों का संक्षेप में उल्‍लेख करना हम आवश्‍यक समझते हैं। प्रार्थी/ निष्‍पादक उत्‍तम कुमार (जिसे इस आदेश में आगे केवल प्रार्थी कहकर सम्‍बोधित किया गया है) को ट्रांसपोर्ट नगर योजना, मुरादाबाद में विपक्षी द्वारा एक भूखण्‍ड सं0- डी-2/08, क्षेत्रफल 38.76 वर्ग मीटर (जिसे इस आदेश में विवादित भूखण्‍ड से सम्‍बोधित किया गया है) आवंटित हुआ था। इसका बैयनामा दिनांक 16/11/2002 को प्रार्थी के पक्ष में हुआ, उसे कब्‍जा नहीं मिला। कब्‍जा लेने हेतु उसने इस फोरम के समक्ष परिवाद योजित किया जो दिनांक 18/7/2011 को स्‍वीकार हुआ। इस निर्णय के विरूद्ध एम0डी0ए0  ने मा0 राज्‍य आयोग, लखनऊ के समक्ष अपील सं0-1473/2011, एम0डी0ए0 बनाम उत्‍तम कुमार योजित की। अपील का निर्णय दिनांक 30/7/2013 को हुआ। मा0 राज्‍य आयोग द्वारा आदेशित किया गया कि अपील में पारित निर्णय  के एक माह के भीतर एम0डी0ए0 प्रार्थी को भूखण्‍ड सं0-डी-2/08 क्षेत्रफल 38.76 वर्ग मीटर का भौतिक कब्‍जा दे तथा परिवाद व्‍यय  भी प्रार्थी को अदा करे।

5-     मा0 राज्‍य आयोग द्वारा अपील में पारित उक्‍त निर्णय के अनुपालन हेतु प्रार्थी ने यह निष्‍पादन वाद सं0-28/2013 योजित की। इस निष्‍पादन में एम0डी0ए0 ने विवादित भूखण्‍ड का कब्‍जा प्रार्थी को देने में असमर्थता व्‍यक्‍त करते हुऐ अपनी आपत्तियां प्रस्‍तुत कीं जिनका सकारण निस्‍तारण हमने इस निष्‍पादन वाद में दिनांक 02/12/2014 को कर दिया। हमने पाया कि सिविल जज सीनियर डिविजन, मुरादाबाद के न्‍यायालय में लम्बित एक मूल वाद सं0- 869/2013, श्री फैय्याज हुसैन बनाम एम0डी0ए0 में न्‍यायालय द्वारा पारित यथा स्थिति के आदेश के दृष्टिगत यह निष्‍पादन inexecutable है और न्‍यायालय के निषेधज्ञा आदेश के विधमान रहते विवादित भूखण्‍ड का स्‍थलीय कब्‍जा प्रार्थी को दिलाया जाना सम्‍भव नहीं है। निष्‍पादन को आलम्बित रखे जाने के हमने आदेश किये। अब प्रार्थना पत्र कागज सं0-15/1 ता 15/4 के माध्‍यम से प्रार्थी ने यह अभिकथन करते हुऐ कि एम0डी0ए0 की ओर से इस निष्‍पादन में शपथ पत्र दिनांक13/8/2014 (इस निष्‍पादन वाद का कागज सं0-11) झूठे तथ्‍यों के आधार पर प्रस्‍तुत किया है अत: शपथकर्ता के विस्‍द्ध फोरम द्वारा पुलिस में एफ0आई0आर0 लिखाई जाये तथा विवादित भूखण्‍ड का समायोजन किसी अन्‍य व्‍यवसायिक रिक्‍त भूख्‍ण्‍ड से करने के एम0डी0ए0 को निर्देश दिऐ जायें। प्रार्थी ने यह भी अनुरोध किया है कि यदि विवादित भूखण्‍ड का समायोजन एम0डी0ए0 द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता तो प्रार्थी को मूल परिवाद में मांगी गई क्षतिपूर्ति की राशि ब्‍याज सहित एम0डी0ए0 से दिलाई जाय। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने उन तथ्‍यों को पुन: दोहराया जिन पर हम अपने पूर्व आदेश दिनांक 02/12/2014 में विचार कर चुके हैं। पूर्व में जिन तथ्‍यों का विनिश्‍चय हम कर चुके हैं उन्‍हें पुर्नविलोकित करने का हम कोई औचित्‍य नहीं पाते। जहॉं तक प्रार्थना पत्र15/1 ता 15/4 में प्रार्थी द्वारा किऐ जा रहे अनुरोध का प्रश्‍न है उक्‍त अनुरोध विधानत: स्‍वीकार किऐ जाने योग्‍य नहीं है।

6-         सिविल जज सीनियर डिविजन, मुरादाबाद के न्‍यायालय में लम्बित मूल वाद सं0-869/2013 के वाद पत्र की प्रमाणित प्रति इस निष्‍पादन वाद की पत्रावली का कागज सं0-7/4 लगायत 7/5 हैं। उक्‍त मूल वाद में यथा स्थिति के जो आदेश सिविलजज, सीनियर डिविजन, मुरादाबाद के न्‍यायालय द्वारा पारित किऐ गये हैं उनकी प्रमाणित प्रति पत्रावली का कागजसं 07/8 हैं। वाद पत्र तथा यथास्थिति के आदेश के अवलोकन से प्रकट है कि सिविलजज सीनियर डिविजन, मुरादाबाद के न्‍यायालय ने भूमि खसरा  सं0-491 और खसरा सं0-492 पर पक्षकारों को यथास्थिति बनाये रखने के आदेश पारित किऐ हैं। प्रार्थी ने विचाराधीन प्रार्थना पत्र कागज सं0-15/1 ता 15/4 के पैरा सं0-4 में यह स्‍वीकार किया है कि विवादित भूखण्‍ड मूल वाद सं0- 869/2013 मं विवादित खसरा सं0-492 का भाग है। जैसा कि ऊपर हमने कहा है कि खसरा सं0-491 और 492 दोनों ही के सम्‍बन्‍ध में सिविल जज सीनियर डिविजन, मुरादाबाद के न्‍यायालय ने यथास्थिति के आदेश पारित किऐ हैं ऐसी दशा में हम पाते हैं कि एम0डी0ए0 की ओर से दाखिल शपथ पत्र दिनांकित  13/8/2014 (कागज सं0-11) असत्‍य कथनों पर आधारित नहीं था। परिणामस्‍वरूप एफ0आई0आर0 लिखाये जाने विषयक प्रार्थी द्वारा किया गया अनुरोध अस्‍वीकृत होने योग्‍य है जिसे हम अस्‍वीकार करते हैं। हम यह भी स्‍पष्‍ट कर देना चाहते हैं कि यदि सिविल जज सीनियर डिविजन, मुरादाबाद के न्‍यायालय में किसी पक्ष ने कूटरचित अभिलेख दाखिल किया है अथवा कूटरचना की है तो उस सम्‍बन्‍ध में दण्‍ड प्रक्रिया संहिता की धारा-195 के अधीन सिविल जज सीनियर डिविजन, मुरादाबाद का न्‍यायालय अथवा वह न्‍यायालय जिसके वह अधीन है, ही परिवाद दायर कर सकता है।

7-     विधि का यह स्‍थापित सिद्धान्‍त है कि निष्‍पादन न्‍यायालय डिक्री से इतर नहीं जा सकता। विधि के इस स्‍थापित सिद्धान्‍त के दृष्टिगत यह फोरम एम0डी0ए0 को बाध्‍य नहीं कर सकता कि एम0डी0ए0 विवादित भूखण्‍ड का समायोजन करें और  प्रार्थी को अन्‍य कोई भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराये अथवा मूल परिवाद में परिवादी द्वारा मांगी गई क्षतिपूर्ति परिवादी को देवे।

8-     उपरोक्‍त विवेचना के आधारपर हम इस सुविचारित मत के हैं कि प्रार्थी का प्रार्थना पत्र कागज सं0 15/1 ता 15/4 अस्‍वीकृत होने योग्‍य है जिसे एतद्द्वारा अस्‍वीकृत किया जाता है। एम0डी0ए0 की आपत्तियां तदानुसार निस्‍तारित की जातीं हैं।

9-     यह निष्‍पादन पत्रावली पूर्व आदेशानुसार आलम्बित रखी जाये।

 

             समान्‍य सदस्‍य                               सदस्‍य                                           अध्‍यक्ष

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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