Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/55/2008

Shri Surendra Pal Singh - Complainant(s)

Versus

M.D.A - Opp.Party(s)

28 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/55/2008
 
1. Shri Surendra Pal Singh
R/o Prakash Nagar Chauraha Gali No 1 H.No. 01 Linepaar, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. M.D.A
Add: M.D.A office Kanth Road, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 28 Jul 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया था कि  विपक्षी को आदेशित किया जाय कि वह आवंटित भूखण्‍ड का बैनामा  परिवादी के पक्ष में निष्‍पादित करे और उसे पंजीकृत कराऐं, आवंटन की  तिथि से बैनामा करने की तिथि तक की अवधि हेतु परिवादी द्वारा जमा  की गई धनराशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज परिवादी को भुगतान करें तथा दिनांक 31/12/2003 के पश्‍चात् राज्‍य सरकार द्वारा स्‍टाम्‍प शुल्‍क में की गई बढ़ोत्‍तरी की धनराशि परिवादी को अदा करें।  क्षपिूर्ति की मद में परिवादी ने 50,000/- रूपये अतिरिक्‍त  मांग की।
  2. परिवाद की सुनवाई के दौरान दिनांक 10/7/2015 को परिवादी के पक्ष में आवंटित भूखण्‍ड का बैनामा विपक्षी द्वारा निष्‍पादित कर दिया गया है जैसा कि परिवादी ने अपने प्रार्थना पत्र कागज सं0-25 दिनांकित  14/7/2015 में स्‍वीकार किया है। ऐसी दशा में परिवाद में बैनामा निष्‍पादन से सम्‍बन्धित मांगा गया अनुतोष (1) अब निरर्थक हो गया है। परिवादी  ने दिनांक 09/7/2015 को एम0डी0ए0 के सचिव के समक्ष इस आशय  का शपथ पत्र दिया था कि वह वर्तमान मुकदमा लड़ना नहीं चाहता और  वह वर्तमान मुकदमें को वापिस ले लेगा, किन्‍तु परिवादी ने बैनामा निष्‍पादित हो जाने के उपरान्‍त भी यह परिवाद वापिस नहीं लिया। परिवादी का कथन है कि बैनामा निष्‍पादन सम्‍बन्‍धी अनुतोष के अतिरिक्‍त  शेष अनुतोष उसे विपक्षी से दिलाऐ जायँ। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता  ने विरोध किया, उनका कथन है कि परिवादी के इस आश्‍वासन पर कि  यदि विपक्षी उसके पक्ष में बैनामा कर दे तो वह परिवाद आगे नहीं चलाऐगा, विपक्षी द्वारा परिवादी के पक्ष में बैनामा कर दिया गया, किन्‍तु शपथ पत्र दिनांक 09/7/2015 जिसकी नकल पत्रावली का कागज सं0-24 है, में दिऐ गऐ आश्‍वासन के बावजूद परिवादी ने इस परिवाद को वापिस न लेकर विपक्षी को दिऐ गऐ आश्‍वासन को खण्डित किया है उन्‍होंने परिवाद को विशेष व्‍यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. उपरोक्‍त तथ्‍यों की पृष्‍ठभूमि में मामले से सम्‍बन्धित तथ्‍यों का  संक्षेप में उल्‍लेख करना हम आवश्‍यक समझते हैं।
  4. विपक्षी की नया मुरादाबाद आवासीय योजना में परिवादी को  उसके आवेदन पर एक भूखण्‍ड एच0आई0जी टाइप एच0-12 ए-10 दिनांक 02/6/2003 को आवंटित हुआ था। आवंटन पत्र आदेश की नकल पत्रावली का कागज सं0-3/6 है। इस आवंटन पत्र में भूखण्‍ड की अनुमानित कीमत 4,20,000/- रूपया उल्लिखित है। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी ने  4,19,940/- रूपया जमा कर दिऐ इसके बावजूद उसके पक्ष में बैनामा निष्‍पादित नहीं किया गया। परिवादी से 32,952/-रूपया की अतिरिक्‍त मांग दिनांक 26/11/2007 के पत्र द्वारा की गई। परिवादी के अनुसार वह चॅूंकि पूरी धनराशि जमा कर चुका था अत: उसके पक्ष में बैनामा निष्‍पादित  कर दिया जाना चाहिए था। नोटिस देने के बावजूद जब विपक्षी ने बैनामा निष्‍पादित नहीं किया तो वर्ष 2008 में उसने यह परिवाद योजित किया।
  5. विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल करते हुऐ यह कहा गया  कि परिवादी ने भूखण्‍ड की अनुमानित कीमत में 60/-रूपया कम जमा  कराऐ इसके अतिरिक्‍त फ्री होल्‍ड शुल्‍क, जल संयोजन शुल्‍क और विलेख शुल्‍क कुल 50,960/-रूपया विपक्षी के कार्यालय में जमा करने हेतु वर्ष  2005 में परिवादी को पत्र लिखा गया, किन्‍तु यह धनराशि उसने जमा नहीं की। परिवादी की ओर विलम्‍ब अवधि का 4,019/- रूपया ब्‍याज भी देय था। उसने स्‍टाम्‍प शुल्‍क भी जमा नहीं किया, इन कारणों से परिवादी के पक्ष में बैनामा निष्‍पादित नहीं हो पाया।
  6. पत्रावली के अवलोकन से प्रकट है कि फ्री होल्‍ड शुल्‍क, जल संयोजन शुल्‍क और विलेख शुल्‍क परिवादी ने दिनांक 13/7/2009 को जमा कराऐ और जुलाई, 2015 में उसने विक्रय पत्र निष्‍पादित कराने हेतु स्‍टाम्‍प  प्राधिकरण के कार्यालय में जमा किया। परिवादी ने अपने शपथ पत्र कागज सं0-29/1 लगायत 29/3 के पैरा सं0-4 में स्‍वयं यह स्‍वीकार किया है कि  भूखण्‍ड  की कीमत का अवशेष 60/-रूपया उसने दिनांक 13/12/2007 को  डिमांड ड्राफ्ट के माध्‍यम से विपक्षी के कार्यालय में जमा किया। इस प्रकार स्‍पष्‍ट है कि परिवादी ने परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि तक फ्री होल्‍ड शुल्‍क, जल संयोजन शुल्‍क और विलेख शुल्‍क प्राधिकरण के  कार्यालय में जमा नहीं कराया था उसने भूखण्‍ड की कीमत की अवशेष धनराशि भी परिवाद योजित किऐ जाने से लगभग एक-डेढ़ माह पूर्व जमा  की ऐसी दशा में बैनामा निष्‍पादित में हुई देरी के लिए परिवादी को  उत्‍तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। बैनामा निष्‍पादन में जो देरी हुई है  उसका उत्‍तरदाई परिवादी स्‍वयं है। 
  7. यह भी उल्‍लेखनीय है कि परिवादी के इस आश्‍वासन पर कि यदि  उसके पक्ष में बैनामा निष्‍पादित कर दिया जाय तो वह परिवाद वापिस  ले लेगा और इस सन्‍दर्भ में उसके द्वारा दिनांक 09/7/2015 को शपथ पत्र दे दिऐ जाने एवं अगले ही दिन अर्थात् दिनांक 10/7/2015 को परिवादी के पक्ष में बैनामा निष्‍पादित हो जाने के बावजूद परिवादी द्वारा परिवाद को वापिस न लेने को उचित नहीं ठहराया जा सकता। हमारे अभिमत में परिवादी को अपने शपथ पत्र दिनांक 9/7/2015 में उल्लिखित कथनों पर कायम रहना चाहिए था। पत्रावली में उपलब्‍ध अभिलेखों से प्रमाणित है कि बैनामा निष्‍पादन में देरी का उत्‍तरदाई स्‍वयं परिवादी है। ऐसी दशा में परिवादी द्वारा मांगे गऐ अनुतोष सं0-2 लगायत 5 स्‍वीकार किऐ जाने का कोई औचित्‍य हम नहीं पाते। बैनामा परिवादी के पक्ष में चॅूंकि निष्‍पादित हो चुका है अत: अनुतोष सं0-1 अब सारहीन हो गया है।
  8. उपरोक्‍तानुसार हमारे मत में परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      28.07.2016           28.07.2016        28.07.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 28.07.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      28.07.2016          28.07.2016         28.07.2016

 

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