Uttar Pradesh

StateCommission

A/1156/2019

Sharad Mishra - Complainant(s)

Versus

M.D. Madhyanchal Vidyut Vitaran Nigam Ltd - Opp.Party(s)

Shailendra Mishra

01 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1156/2019
( Date of Filing : 25 Sep 2019 )
(Arisen out of Order Dated 11/10/2017 in Case No. C/18/2016 of District Lucknow-I)
 
1. Sharad Mishra
S/O Late Vinod Kumar Mishra R/O H.No. 256/334 Rakab GAnj Near Khajuwa Police Chouki Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. M.D. Madhyanchal Vidyut Vitaran Nigam Ltd
Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Mar 2024
Final Order / Judgement

 

 

मौखिक

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या- 1156 सन 2019

शरद मिश्रा पुत्र स्‍व0 विनोद कुमार मिश्रा निवासी मकानं नं0 256/334, रकाब गंज निकट खजुहा पुलिस चौकी, लख्‍नऊ ।                         ..अपीलार्थी

बनाम

 

मैनेजिंड डायरेक्‍टर मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम, लि0 लखनऊ ।

                  .                                      .......प्रत्‍यर्थी

 

समक्ष

मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार अध्‍यक्ष ।

मा0 सदस्‍य श्री विकास सक्‍सेना ।

 

परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री शैलेन्‍द्र मिश्रा।

विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता           श्री इसार हुसैन।

 

दिनांक - 01.03.2024

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

 

      यह अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद संख्‍या-18 /2016  में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 11.10.2017 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है, जिसके अन्‍तर्गत परिवादी का परिवाद जिला मंच द्वारा साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने के कारण खारिज किया गया है।

      संक्षेप में, अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि परिवादी अपने पुराने मकान की मरम्‍मत करा रहा था उसी समय विपक्षी के कर्मचारी परिवादी के परिसर में आए और कहने लगे आप घरेलू विदयुत कनेक्‍शन पर पत्‍थर कटिंग मशीन चला रहे हैं जिस पर परिवादी द्वारा मौके पर बीस हजार रू0 शमन शुल्‍क अदा कर दिया गया लेकिन बाद में उनके द्वारा दिनांक 08.05.2015 को 108567.00 रू0 की डिमाण्‍ड नोटिस भेजी गयी जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवाद योजित किया गया ।

पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्‍पष्‍ट है कि दिनांक 11.10.2017 को उक्‍त परिवाद साक्ष्‍य प्रस्‍तुत न करने के कारण खारिज कर दिया गया है।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण की बहस सुनी गई एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का भलीभांति परिशीलन किया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला मंच ने उसे सुनने का कोई मौका नहीं दिया जिससे उसे अपूर्णनीय क्षति हुयी है।

      यह निर्विवाद है कि जिला मंच ने अपीलार्थी द्वारा साक्ष्‍य प्रस्‍तुत न करने के दृष्टिगत परिवाद खारिज किया है।  हमारी राय में केस के तथ्‍य एवं परिस्थितियों को देखते हुए अपीलार्थी को अपना पक्ष प्रस्‍तुत करने का एक अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।

      अत: प्रस्‍तुत प्रकरण संबंधित जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किए जाने योग्‍य है कि वे दोनो पक्षों को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर निर्णय करना सुनिश्चित करें। तदनुसार अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।   

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है तथा प्रस्‍तुत प्रकरण जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वे दोनो पक्षों को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर निर्णय यथाशीघ्र छह माह में दिया जाना सुनिश्चित करें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (विकास सक्‍सेना)

अध्‍यक्ष                                सदस्‍य

  सुबोल श्रीवास्‍तव

 (पी0ए0(कोर्ट नं0-1)

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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