न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम सिवनी म0प्र0
समक्ष रू.
श्री कीर्ति कुमार वर्मा ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण् अध्यक्षए
श्री विरेन्द्र सिंह राजपूत ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्सदस्यए
प्रकरण क्रमांक . 772014
प्रस्तुति दिनांक . 21ण्10ण्2014 आदेश दिनांक . 29ण्05ण्2015
घनष्याम राजपूत आत्मज गोविन्द सिंह राजपूत आयु 6 वर्ष
निवासी ग्राम छुर्इ ;मोहगावंद्ध थाना कान्हीवाडा
तहसील व जिला सिवनी
आवेदक
रूरू. विरूद्ध .रूरू
1ण् कनिष्ठ यंत्री म0प्र0 पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कंपनी
लिमिटेड सिवनी वितरण केन्द्र कान्हीवाडा जिला सिवनी
2ण् कार्यपालन यंत्री संचालकसंधाण् म0प्र0 पूर्व क्षेत्र
विधुत वितरण कंपनी लिमिटेड सिवनी
बरघाट रोड सिवनी
अनावेदकगण
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आवेदक अभिभाषक श्री अरविंद शेण्डे ।
अनावेदकगण अभिभाषक श्री विनोद सदाफल ।
.............................................
रूरू . आदेश . रूरू
; आज दिनांक 29052015 को पारित द्ध
आदेश श्री कीर्ति कुमार वर्मा अध्यक्षए द्वारा लिखित ।
;1द्ध उपभोक्ताफरियादी द्वारा यह परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा.12 के तहत अनावेदकगण के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है एवं आवेदक को दिये गए अगस्त.2014 के बिल राषि 10089. रूण् दिनांक 20ण्09ण्2014 को जारी डिमांड नोटिस राषि 10101. रूपए निरस्त कर फरवरी 2013 में लगाए गए नये विधुत मीटर क्रमांक.3187310 की वास्तविक खपत के आधार पर संषोधित देयक जारी किए जाने एवं उक्त अवधि में आवेदक द्वारा जमा किये गए विधुत देयकों की राषि समायोजित किये जाने तथा मानसिक कष्ट हेतु 25000. ए क्षतिपूर्ति राषि 25000. एवं वाद व्यय 5000. रूप्ए कुल 55ए000. रू दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
;2द्ध प्रकरण में स्वीकृतअविवादित तथ्य यह है किए आवेदक ने अनावेदक क्रमांक.01 के द्वारा अपने निवास स्थान में विधुत उपयोग हेतु विधुत कनेक्षन क्र्रमांक. 10719 स्वीकृत भार 200 वाट का विधुत कनेक्षन प्राप्त करए उसका उपयोग करता है ।
;3द्ध आवेदक के परिवाद के तथ्य सारांशतरू इस प्रकार है किए आवेदक ग्राम छुर्इ;मोहगांव द्ध थाना कान्हीवाडा तहसील व जिला सिवनी का स्थार्इ निवासी एवं लघु कास्तकार है । आवेदक ने अनावेदक क्रमांक.01 के द्वारा अपने निवास स्थान में विधुत उपयोग हेतु विधुत कनेक्षन क्र्रमांक. 10719 स्वीकृत भार 200 वाट का विधुत कनेक्षन नियमानुसार प्राप्त कर उसका उपयोग करता है एवं विधुत उर्जा का नियमित भुगतान करता है । आवेदक के उपरोक्त परिसर में अनावेदक संस्था की ओर से पूर्व में लगाये गए विधुत मीटर क्रमांक . 5647937 तकनीकी त्रुटि के कारण खराब हो गया था जिसकी षिकायत आवेदक द्वारा अनावेदक संस्था में की गर्इ तब दिनांक 04ण्02ण्2013 को अनावेदक क्रमांक.01 के कार्यालय द्वारा परिवादी के परिसर में नया विधुत मीटर लगा दिया गया हैए जिसका सर्विस क्रमांक.3187310 है ंं। उक्त मीटर लगाये जाने के उपरांत भी सितम्बर 2013 तक पुराने मीटर को बंद मानकर ही औसत बिलिंग लगभग 55 यूनिट प्रतिमाह के हिसाब से की जा रही थी जिसका आवेदक द्वारा नियमित भुगतान किया जा रहा थाए परंतु माह अक्टूम्बर 2013 में आवेदक को अनावेदक क्रमांक.01 के कार्यालय द्वारा 1109 यूनिट खपत का बिल जारी किया गया जो कि अत्याधिक एवं मनमाना था तथा वर्तमान मीटर की रीडिंग से मेल नहीं खाता था जिसके कारण आवेदक के द्वारा उक्त बिल अनावेदक के संस्थान में सुधार हेतु प्रस्तुत किया गया तथा उसके परिसर में लगे मीटर की वास्तविक खपत के आधार पर संषोधित बिल जारी किए जाने हेतु निवेदन किया गयाए जिससे अनावेदक क्रमांक.01 के कार्यालय द्वारा सुधार किए जाने का आष्वासन दिया गया ।
;4द्ध माह नवम्बर 2013 में आवेदक को पुनरू नया बिल प्राप्त हुआए जिसमें खपत 520 यूनिट दर्षार्इ जाकरए पूर्व अवषेष 8ए278. रूपए दर्षाते हुए कुल 11ए678. रू का त्रुटिपूर्ण देयक जारी किया गया तथा फरवरी .2014 के बिल में 35 यूनिट की खपत दर्षार्इ जाकर पूर्व अवषेष 12ए341. रूपए दर्षाते हुए कुल 12ए511. रूप्ए त्रुटिपूर्ण देयक जारी किया गयाए जिसके ंसबंध में पुनरू आवेदक द्वारा अनावेदक से संपर्क किया गया तब अनावेदक क्रमांक.01 ने बिल को संषोधित कर 6ए066. रू कर दिया । आवेदक द्वारा षिकायत की गर्इए परंतु अनावेदक द्वारा बिल ठीक नहीं किया गया और उसे दिनांक 20ण्09ण्2014 के माध्यम से अनावेदक क्रमांक.02 के कार्यालय से एक डिमांड नोटिस 10ए101. रू का प्राप्त हुआ । इस प्रकार अक्टूबर .2013 एवं नवम्बर.2013 में दर्षाए गर्इ यूनिट खपत दोषपूर्ण है ऐसी सिथति में अनावेदक द्वारा आवेदक को जारी किये गए अक्टूबर एवं नवम्बर 2013 के बिल निरस्त किया जाकर आवेदक के परिसर में लगाए गए नये मीटर की वास्तविक खपत के आधार पर संषोधित बिल जारी किया जावे। अनावेदकगण का उक्त कृत्य सेवा में कमी की श्रेणी में आता है । अतरू आवेदक द्वारा अनावेदकगण से अगस्त.2014 के बिल राषि 10ए089. रूण् दिनांक 20ण्09ण्2014 को जारी डिमांड नोटिस राषि 10ए101. रूपए निरस्त कर फरवरी 2013 में लगए गए नये विधुत मीटर क्रमांक.3187310 की वास्तविक खपत के आधार पर संषोधित देयक जारी किए जाने एवं उक्त अवधि में आवेदक द्वारा जमा किये गए विधुत देयकों की राषि समायोजित किये जाने तथा मानसिक कष्ट हेतु 25ए000. ए क्षतिपूर्ति राषि 25ए000. एवं वाद व्यय 5ए000. रूपए कुल 55ए000. रू दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
;5द्ध अनावेदक की ओर से स्वीकृत तथ्य के अलावा फरियादी के परिवाद के सभी अभिवचनों से स्पष्टतरू इंकार किया है एवं कहा है किए आवेदक को अनावेदकगण द्वारा उसकी संतुषिट के अनुरूप उच्चाधिकारी कार्यालय सिवनी से स्वीकृति पश्चात राषि 6ए445. रूण् का समायोजन माह मार्च.2014 में दिया गया । माह नवम्बर .2013 में आवेदक को नया बिल 520 यूनिट खपत के आधार पर स्थापित मीटर के आधार पर जारी किया गया । आवेदक को यह ज्ञात था किए माह नवम्बर.2013 मे ंपूर्वानुसार 520 यूनिट के स्थान पर 113 यूनिट का देयक जारी कर शेष यूनिट 407 यूनिट का देयक समायोजन राषि का समयोजन उच्चाधिकारी द्वारा स्वीकृति पष्चात संषोधन किया जा सकता है । आवेदक का परिवाद पोषणीय न होने से निरस्त किया जावे ।
;6द्ध आवेदक अनावेदकगण का उपभोक्ता है इस संबंध में कोर्इ विवाद नहीं है ।
;7द्ध अतरू प्रकरण के निराकरण के लिए निम्न विचारणीय बिन्दू निर्मित कर प्रकरण का निराकरण करना चाहेंगेरू.
;1द्ध क्या अनावदेकगण द्वारा सेवा में कमी की गर्इ हैघ्
;2द्ध सहायता एवं व्यय घ्
विचारणीय प्रष्न क्रमांक.01 का निराकरण रू.
;8द्ध अनावेदकगण के द्वारा आवेदक को दिएगए अगस्त.2014 के बिल की राषि 10089. रू एवं दिनांक 20ण्09ण्2014 को जारी डीमांड नोटिस की राषि 10101. रूण् अनुचित रूप से अधिरोपित की गर्इ होने के संबंध में आवेदक ने यह प्रकट किया है कि उसके परिसर में अनावेदक संस्था द्वारा पूर्व में लगाया गया विधुत मीटर क्रमांक. 5647937 तकनीकी त्रुटि के कारण खराब हो गया था जिसकी षिकायत आवेदक द्वारा अनावेदक संस्था से की गर्इ थीए जिसके फलस्वरूप दिनांक 04ण्02ण्2013 को अनावेदक क्रमांक.01 के कार्यालय द्वारा आवेदक के परिसर में नया विधुत मीटर जिसका सर्विस क्रमाक. 3187310 है लगाया गया । आवेदक के मकान में फरवरी.2013 में नया मीटर लगाये जाने के उपरांत भी सितंबर.2013 तक पुराने मीटर को ही बंद मानकरए औसत बिलिंग लगभग 55 यूनिट प्रतिमाह के हिसाब से की जा रही थीए जिसका आवेदक द्वारा नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा था । अक्टूबर.2013 में आवेदक को अनावेदक क्रमांक.01 के कार्यालय से 1109 यूनिट खपत का बिल जारी किया गया जो किए अत्याधिक एवं मनमाना था तथा वर्तमान मीटर की रीडिंग से मेल नहीं खाता था । माह नवंबर .2013 में आवेदक को अनावेदक पुनरू नया बिल प्राप्त हुआए जिसमें खपत 520 यूनिट दर्षार्इ जाकर पूर्व अवषेष 8ए278. रूपए दर्षाते हुए कुल 11ए678. रूपए का त्रुटिपूर्ण देयक जारी किया गया । फरवरी.2014 के बिल में 35 यूनिट की खपत दर्षाते हुए पूर्व अवषेष 12ए341. रू दर्षाते हुए कुल 1ए2511. रूपए का त्रुटिपूर्ण देयक जारी किया गया था । आवेदक द्वारा आपतित करने पर फरवरी.2014 के बिल की राषि 12ए511. रू को मनमाने तौर पर संंषोधित कर 6ए066. रू कर दिया गया तथा कहा गया किए बाकी राषि आगे ठीक कर दी जावेगीए किन्तु बाकी राषि को आगे ठीक नहीं करते हुएए अनावेदकगण द्वारा पुनरू मनमाने तौर पर दिनांक 20ण्09ण्2014 को डिमांड नोटिस 10101. रूपए का भेजा गया ।
;9द्ध आवेदक के परिसर में पूर्व में लगा विधृुत मीटर क्रमांक. 5647937 खराब हो जाने के कारण आवेदक की षिकायत पर आवेदक के परिसर में दिनांक 04ण्02ण्2013 को नया विधुत मीटर जिसका सर्विस क्रमांक. 3187310 हैए लगाया गयाए इस तथ्य का कोर्इ खण्डन अनावेदकगण द्वारा नहीं किया गया । अतरू आवेदक के परिसर में दिनांक 04ण्2ण्2013 को नया विधुत मीटर लगाया गया होना प्रमाणित होता है। फरवरी.2013 तक पुराने मीटर को बंद मानकर ही औसत बिलिंग लगभग 55 यूनिट प्रतिमाह के हिसाब से अनावेदकगण द्वारा की जा रही थी इस तथ्य की पुषिट भी आवेदक द्वारा प्रस्तुत नवम्बर.2013 के बिल प्रदर्ष सी.5 से होती है । प्रदर्ष सी. 5 के बिल के अवलोकन से अक्टूबर .2013 में 1109 यूनिट खपत का बिल जारी किया गया होना भी दर्षित होता है जबकि फरवरी.2013 से सितंबर.2013 तक 55 यूनिट प्रतिमाह के हिसाब से बिल आवेदक को दिया जा रहा था । इसके अलावा नवम्बर.2013 प्रदर्ष सी.5 के बिल से नवम्बर.2013 में 520 यूनिट की खपत का बिल आवेदक को दिया गया होना भी दर्षित होता है जबकि अक्टूबर.2013 में आवेदक की 1109 यूनिट की खपत दर्षार्इ गर्इ है । स्वयं कनिष्ठ यंत्री कान्हीवाडा द्वारा आवेदक को प्रेषित किए गए पत्र प्रदर्ष सी.7 में भी आवेदक को नवम्बर.2013 में 520 यूनिट का त्रुटिपूर्ण बिल जारी किया गया होना स्वीकार किया गया है । ऐसी सूरत में नवम्बर.2013 का बिल अत्याधिक एवं मनमाने तौर पर जारी किया गया होना भी स्पष्ट दर्षित होता है ।
;10द्ध आवेदक द्वारा प्रस्तुत फरवरी.2014 के बिल प्रदर्ष सी.3 में देयक राषि 1ए2511. रू को संषोधित कर 6ए066. रूपए किया गया होना भी दर्षित होता है। आवेदक द्वारा प्रस्तुत फरवरी.2015 की पुनरीक्षित बिल सी.9 में भी कुल दयेक राषि 12ए323. रूपए को संषोधित कर 3ए000. रू किया गया होना भी दर्षित होता है । अतरू इन परिसिथतियों में अनावेदकगण द्वारा आवेदक के बिलों में अनुचित एवं मनमाने तौर पर बकाया राषि अधिरोपित की गर्इ होना स्पष्ट परिलक्षित होता है । ऐसी सूरत में निषिचत ही अनावेदकगण द्वारा आवेदक को अगस्त.2014 का त्रुटिपूर्ण बिल एवं दिनांक 20ण्09ण्2014 को त्रुटिपूर्ण डिमांड नोटिस जारी कर सेवा में कमी की गर्इ है ।
विचारणीय प्रष्न क्रमांक.02 का निराकरण रू.
;11द्ध अतरू आदेशित किया जाता है कि रू.
;कद्ध अनावेदकगण द्वारा आवेदक को जारी किया गया अगस्त 2014 के बिल में दर्षित बकाया राषि तथा दिनांक 20ण्09ण्2014 को 10101. रूपए की राषि के संबंध में जारी किया गया डिमांड नोटिस निरस्त किया जाता है ।
;खद्ध अनावेदकगण को यह भी आदेषित किया जाता है किए वह आवेदक के परिसर में फरवरी.2013 में लगाये गए नये विधुत मीटर क्रमांक.3187310 की वास्तविक खपत के आधार पर संषोधित देयक आवेदक को जारी करें ।
;गद्ध अनावेदकगण आवेदक को मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 2ए000. ;दो हजारद्ध रूपए एवं वाद व्यय हेतु 1ए000. ;एक हजारद्ध रू भी अदा करेंगा ।
आदेश की प्रति उपभोक्ताफरियादी एवं विपक्षी को निरूशुल्क प्रदान की जावे। परिणाम अंकित कर ए प्रकरण अभिलेखागार में भेजा जावे ।
मेरे द्वारा लिखवाया एवं घोषित किया गया । मैं सहमत हू ।
; कीर्ति कुमार वर्मा द्ध ; विरेन्द्र सिंह राजपूत द्ध
अध्यक्ष सदस्य