ASHOK TIWARI filed a consumer case on 26 Mar 2014 against M. P. E. B. in the Seoni Consumer Court. The case no is CC/07/2014 and the judgment uploaded on 15 Oct 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, सिवनी(म0प्र0)
प्रकरण क्रमांक -07-2014 प्रस्तुति दिनांक-01.01.2014
समक्ष :-
अध्यक्ष - रवि कुमार नायक
सदस्य - श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत,
अषोक तिवारी, निवासी-महावीर वार्ड,
बरघाट रोड, सिवनी, थाना, तहसील वा
जिला सिवनी (म0प्र0)।..........................................आवेदकपरिवादी।
:-विरूद्ध-:
(1) प्रबंधक, मध्यप्रदेष पूर्व क्षेत्र विधुत
वितरण कम्पनी लिमिटेड, सिवनी
टूटी पुलिया के पास, बारापत्थर सिवनी
तहसील व जिला सिवनी (म0प्र0)।
(2) सहायक यंत्री, (षहर) मध्यप्रदेष विधुत
वितरण कम्पनी (पूर्व क्षेत्र), षहर सिवनी
टूटी पुलिया के पास बारापत्थर, सिवनी
(म0प्र0)।...........................................अनावेदकगणविपक्षीगण।
:-आदेश-:
(आज दिनांक- 26.03.2014 को पारित)
द्वारा-अध्यक्ष:-
(1) परिवादी ने यह परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के तहत, उसके मकान के घरेलू विधुत कनेक्षन सर्विस क्रमांक- 8354460000 जो कि-द्वारका प्रसाद तिवारी के नाम पर है, उक्त कनेक्षन के माह नवम्बर-2013 के बिल क्रमांक-835442117792,
दिनांक-06.12.2013 में समायोजगणना की राषि 1848-रूपये अनावष्यक रूप से जोड़े जाने को अनुचित व सेवा में कमी बताते हुये, वास्तविक खपत के आधार पर संषोधित बिल दिलाने के अनुतोश हेतु पेष किया है।
(2) यह स्वीकृत तथ्य है कि-उक्त विधुत कनेक्षन द्वारका प्रसाद तिवारी के नाम पर है, जिसमें माह-नवम्बर-2013 के विधुत देयक के 1848-रूपये का समायोजनगणना राषि के रूप में समिमलित किया गया है। यह भी विवादित नहीं कि-परिवादी द्वारा दिनांक-19.12.2013 को लिखित षिकायत पेष किये जाने पर भी अनावेदक क्रमांक-2 के द्वारा कोर्इ संषोधित बिल परिवादी को प्रदान नहीं किया गया है।
(3) स्वीकृत तथ्यों के अलावा, परिवाद का सार यह है कि-परिवादी का उक्त घरेलू विधुत कनेक्षन द्वारका प्रसाद तिवारी के नाम से है, जो कि-माह नवम्बर-2013 के खपत के बिल दिनांक-06.12.2013 में अनावष्यक रूप से जोड़ी गर्इ राषि 1848-रूपये के संबंध में दिनांक-19.12.2013 को परिवादी को लिखित षिकायत कर, तीन दिन में संषोधित बिल चाहा था, जो उसे नहीं दिया जाकर, सेवा में कमी की गर्इ है। और बिल के अवलोकन से परिवादी ने यह पाया है कि-एक ही रीडिंग पर बिल, बिना रीडिंग लिये जारी किये जा रहे हैं, जानकारी लेने पर मीटर बंद होना पाया गया है, जिसे बदलने की कोर्इ कार्यवाही नहीं की गर्इ है।
(4) स्वीकृत तथ्यों के अलावा, अनावेदक के जवाब का सार यह है कि-दिनांक-21.06.2012 को विधुत जांच दल प्रभारी अधिकारी श्री आर0बी0 कराडे द्वारा, परिवादी के परिसर में लगे विधुत कनेक्षन का निरीक्षण करने पर अनुबंध के भार 500 वाट से अधिक 1050 वाट संयोजित भार पाया गया और निरीक्षण में पाया गया कि-मीटर रूक-रूक कर चलता है, मीटर के कांच में और वाडी में उपर और नीचे गैफ है, मौके पर श्रीमति भारती तिवारी की उपसिथति में गवाहों के समक्ष निरीक्षण पंचनामा प्रपत्र 1848- रूपये का तैयार किया गया और पंचनामा में श्रीमति भारती तिवारी ने हस्ताक्षर किये, पंचनामा की एक प्रति भी उन्हें प्रदान की गर्इ, उक्त आधार पर गणना-पत्रक तैयार कर, गणना-पत्रक की एक प्रति उपयोगकत्र्ता को दी गर्इ, जो कि-1848-रूपये के उक्त देयक की परिवादी को भलीभांति जानकारी है। आवेदक और उसके भार्इ के द्वारा जानकारी मांगने पर कार्यालय के द्वारा, उक्त विवरण उपलब्ध करा दिया गया था, तो उक्त राषि सर्विस कनेक्षन के मासिक देयक में जोड़कर किसी भी तरह सेवा में कमी नहीं की गर्इ है और अनावेदक के द्वारा, आवेदक के परिसर में लगा विधुत मीटर बदल दिया गया है। और आवेदक के भार्इ के निवेदन पर उक्त राषि सर्विस कनेक्षन के बिल में जोड़कर दी गर्इ थी, जिसे स्वीकार करते हुये, देयक राषि का भुगतान आवेदक के भार्इ ने कर दिया है, जो कि-गणना-पत्रक की राषि 1848- रूपये को परिवादी द्वारा कोर्इ चुनौती नहीं दी गर्इ थी, इसलिए इस फोरम के समक्ष उक्त राषि को चुनौती देने का अधिकार परिवादी को नहीं, परिवाद निरस्त योग्य है।
(5) मामले में निम्न विचारणीय प्रष्न यह हैं कि:-
(अ) क्या अनावेदक क्रमांक-2 के द्वारा, परिवादी के
मकान के घरेलू विधुत कनेक्षन के माह नवम्बर-
2013 के बिल दिनांक-06.12.2013 में समायोजन
गणना के रूप में 1848-रूपये की, की गर्इ मांग
अनुचित होकर, परिवादी के प्रति की गर्इ सेवा में
कमी है?
(ब) सहायता एवं व्यय?
-:सकारण निष्कर्ष:-
विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(अ) :-
(6) परिवादी की ओर से प्रदर्ष सी-1 के रूप में उक्त प्रष्नाधीन विधुत देयक माह नवम्बर-2013 की प्रति पेष की गर्इ है। और अनावेदक क्रमांक-2 के कार्यालय में दिनांक-19.12.2013 को परिवादी द्वारा पेष आवेदन की पावती प्रति प्रदर्ष सी-2 से यह दर्षित है कि-उक्त आवेदन के द्वारा, परिवादी ने 1848-रूपये की राषि देयक से हटाकर संषोधित देयक तीन दिन में देने की मांग की थी।
(7) अनावेदक-पक्ष की ओर से परिवादी के उक्त घरेलू विधुत कनेक्षन की जानकारी दिनांक-21.06.2012 को किये गये निरीक्षण के पंचनामा की प्रति प्रदर्ष आर-2 से यह दर्षित है कि-कनिश्ठयंत्री, बरघाट के द्वारा, विधुत कनेक्षन की जांच कर, अनुबंधित भार से अधिक संयोजित भार पाये जाने, मीटर रूक-रूक कर चलते पाये जाने और मीटर में कांच और वाडी में उपर-नीचे गैफ पाया जाना उल्लेख किया था और कुल संयोजित भार 1050 वाट पाये जाने की गणना का विवरण लेख किया था, उक्त निरीक्षण पंचनामा में परिवादी के घर में पाये गये सदस्य भारती तिवारी के भी हस्ताक्षर दर्षित हैं और निरीक्षण पंचनामा की एक प्रति दिये जाने की पावती भी पंचनामा में है। उक्त स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर, दिनांक-25.06.2012 को तैयार किये गये निरीक्षण के आधार पर निर्धारण राषि का बिलिंग विवरण अप्राधिकृत उपयोग बाबद जो की गर्इ थी, उसकी प्रति प्रदर्ष आर-1 पेष की गर्इ है, जिसकी प्रतिलिपि उपयोगकत्र्ता, द्वारका प्रसाद को भेजे जाने का भी उल्लेख है। और उक्त बिलिंग 1848-रूपये की ही रही है, जिसे प्रदर्ष सी-1 के बिल में समायोजन राषि के रूप में दर्षाया गया है।
(8) ऐसे में उक्त अनाधिकृत उपयोग के आधार पर की गर्इ बिलिंग राषि 1848-रूपये की मांग विधुत कनेक्षन के नियमित बिल में जोड़ दिया जाना किसी भी तरह अनुचित या सेवा में कमी होना नहीं कहा जा सकता। परिवादी के द्वारा, दिनांक-20.01.2014 को उक्त बिलिंग राषि का भुगतान आपतित सहित किये जाने बाबद प्रदर्ष सी-3 के आवेदन और विधुत कनेक्षन माह दिसम्बर-2013 के बिल का भुगतान किये जाने बाबद भुगतान पावती सहित बिल प्रदर्ष सी-4 जो पेष हुआ है, उससे संबंधित राषि का भुगतान भी हो जाना स्पश्ट है। तो समायोजन गणना राषि के रूप में 1848-रूपये की परिवादी से की गर्इ मांग किसी भी तरह अनुचित नहीं और परिवादी के प्रति सेवा में कमी नहीं। तदानुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ को निश्कर्शित किया जाता है।
विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(ब):-
(9) विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ के निश्कर्श के आधार पर मामले में निम्न आदेष पारित किया जाता है:-
(अ) परिवादी का परिवाद स्वीकार योग्य न होने से निरस्त
किया जाता है।
(ब) पक्षकार अपना-अपना कार्यवाही-व्यय वहन करेंगे।
मैं सहमत हूँ। मेरे द्वारा लिखवाया गया।
(श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत) (रवि कुमार नायक)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोषण फोरम,सिवनी प्रतितोषण फोरम,सिवनी
(म0प्र0) (म0प्र0)
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.