Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/1938

N K Banargee - Complainant(s)

Versus

M K Chopra - Opp.Party(s)

O P Duvel

06 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/1938
( Date of Filing : 04 Sep 2006 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N K Banargee
A
...........Appellant(s)
Versus
1. M K Chopra
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Nov 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1938/2006

Lt.Col. (Retd.) N.K. Banerjee

Versus

Mr. M.K. Chopra & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री ओ0पी0 दुवेल, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री सुशील कुमार शर्मा, विद्धान अधिवक्‍ता

                        के कनिष्‍ठ अधिवक्‍ता श्री नंद कुमार

दिनांक :06.11.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.     परिवाद संख्‍या-271/2004, ले0 कर्नल बनाम श्री एम0के0 चोपड़ा व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 07.07.2006  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.           जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया गया है कि परिवादी ने पौने 2 वर्ष तक श्रवण-यंत्र प्रयोग किया और इसके पश्‍चात वापस करने और मूल्‍य दिलाने का निवेदन किया है, उचित प्रतीत नही होता, इसी आधार पर परिवाद खारिज किया है।
  3.          परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी के दाहिने कान का श्रवण 25 डेसीबल्‍स से 70 डेसिब्‍लस थी तथा दाहिने कान की श्रवण क्षमता 20/25 डेसीबल्‍स से 85/75 डेसीबल्‍स थी। विपक्षी सं0 1 ने परिवादी को बीटू सी.आई.सी. डिजीटल श्रवण-यंत्र लगाने की संस्‍तुति की थी, जिसे परिवादी ने स्‍वीकार कर 10,000/-रू0 की धनराशि जमा की थी और इसके बाद श्रवण-यंत्र की कीमत 50,000/-रू0 अदा किया था, जिसकी रसीद भी जारी की गयी थी। यथार्थ में विपक्षी द्वारा जो श्रवण-यंत्र प्रदान किया गया, वह केवल 25 डेसीबल्‍स से 70 डेसीबल्‍स तक ही प्रभावी था, इसलिए यह श्रवण-यंत्र अनुपयोगी साबित हुआ, जिसके कारण उसे मानसिक संताप उठाना पड़ा।
  4.        विपक्षी का कथन है कि उनके द्वारा श्रवण-यंत्र प्रयोग करने का सुझाव दिया गया था। परिवादी ने स्‍वयं लघु आकार के यंत्र का चयन किया और यह यंत्र श्रवण के लिए पूर्णता उपयुक्‍त था। 02 वर्ष के उपयोग के पश्‍चात शिकायत की है, इसलिए परिवाद स्‍वीकार करने योग्‍य नहीं है। 02 वर्ष के प्रयोग के पश्‍चात यह यंत्र नहीं बदला जा सकता। इसी तथ्‍य को जिला उपभोक्‍ता आयोग ने स्‍वीकार किया है।
  5.         इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गयी है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने साक्ष्‍य के अनुसार निर्णय पारित नहीं किया है। परिवादी को क्षमता से कम श्रवण-यंत्र विक्रय किया गया है। मौखिक तर्क में भी यही बिन्‍दु दोहराया गया है।
  6.          परिवादी ने परिवाद पत्र में यह उल्‍लेख किया है कि परिवादी के दाहिने कान की श्रवण क्षमता 25 डेसीबल्‍स से 70 डेसीबल्‍स थी। परिवादी ने जो यंत्र क्रय किया गया, उसकी क्षमता भी 70 डेसीबल्‍स थी। लिखित कथन में यह उल्‍लेख किया गया है कि परिवादी ने स्‍वैच्‍छा से यंत्र का चुनाव किया था। यद्यपि यंत्र उस क्षमता के अनुसार था, जिसके अनुसार परिवादी की श्रवण क्षमता कम थी। परिवादी द्वारा इस यंत्र का प्रयोग लगभग पौने 02 वर्ष किया गया और इसके पश्‍चात विपक्षी से इस यंत्र को परिवर्तित करने का अनुरोध किया गया। परिवादी का यह कथन नहीं है कि यह यंत्र गुणवत्‍ता के अनुसार नहीं था या इसका निर्माण त्रुटिपूर्ण है। परिवादी का केवल यह कथन है कि यह यंत्र श्रवण शक्ति के अनुरूप नहीं था, जबकि विपक्षी डॉक्‍टर ने लिखित कथन में जिसकी पुष्टि शपथ पत्र के द्वारा की गयी है। स्‍पष्‍ट किया गया है कि श्रवण क्षमता के अनुसार ही यंत्र दिया गया है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने भी इसी कथन को सत्‍य मानते हुए उपभोक्‍ता परिवाद खारिज किया है, जिसे परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है।

आदेश

        अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश पुष्‍ट किया जाता है।

               उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।     

 

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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