Uttar Pradesh

Chanduali

CC/59/2016

Dhirenra Vikram Singh - Complainant(s)

Versus

Luv kush - Opp.Party(s)

Pradeep

21 Sep 2017

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum, Chanduali
Final Order
 
Complaint Case No. CC/59/2016
 
1. Dhirenra Vikram Singh
word no-11 Sanjay Nagar Nagar panchayat
Chandauli
UP
...........Complainant(s)
Versus
1. Luv kush
Naudiha Po-tiyari Shahabganj
Chandauli
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav PRESIDENT
 HON'BLE MR. Lachhaman Swaroop MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 21 Sep 2017
Final Order / Judgement
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 59                                सन् 2016ई0
धीरेन्द्र विक्रम सिंह पुत्र रामसिंह निवासी वार्ड नं0 11 संजय नगर नगर पंचायत चन्दौली जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
लवकुश पुत्र शोभनाथ निवासी नौडिहां पो0 तियरी थाना शहाबगंज जिला चन्दौली स्वयं व प्रोपराइटर लकी म्यूजिकल आरकेस्ट्रा ग्रुप नौडिहा पो0 तियरी जिला चन्दौली।
                                            .............................विपक्षीगण
उपस्थितिः-
 रामजीत सिंह यादव, अध्यक्ष
 लक्ष्मण स्वरूप,सदस्य
                           निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1- परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी को अदा की गयी धनराशि रू0 15000/-मय ब्याज तथा मानसिक एवं सामाजिक क्षति की क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 75000/- तथा आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु रू0 10000/- एवं वाद व्यय दिलाये  जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
2- संक्षेप में परिवादी का अभिकथन है कि उसके साले का विवाह दिनांक 22-4-2016 को ग्राम कुल्हडियां थाना रामगढ जिला कैमूर भभुआ निवासी सच्चितानन्द उर्फ सीताराम की पुत्री रूबी के साथ होना तय हुआ था और उक्त शादी समारोह में मनोरंजन हेतु आरकेस्ट्रा का प्रोग्राम कराने के लिए परिवादी ने विपक्षी से सम्पर्क किया था और विपक्षी से विचार विमर्श के बाद यह तय हुआ था कि विपक्षी अपने वाहन से समारोह स्थल पर पहुंचकर आरकेस्ट्रा का प्रोग्राम करेगा। जिसके एवज में परिवादी कुल रू0 23000/-विपक्षी को अदा करेगा। इस सम्बन्ध में परिवादी ने दिनांक 12-2-2016 को रू0 5000/-तथा दिनांक 4-4-2016 को रू0 10000/-अर्थात कुल रू0 15000/- समक्ष गवाहान विपक्षी को अदा किया तथा रसीद प्राप्त किया और शेष रू0 8000/- कार्यक्रम सम्पादित होने के पश्चात दिया जाना तय हुआ। परिवादी के साले की बारात निश्चित स्थान पर पहुंच गयी लेकिन विपक्षी आरकेस्ट्रा का कार्यक्रम करने के लिए वहॉं उपस्थित नहीं हुआ जिसके कारण लडकी पक्ष के लोग तथा क्षेत्रीय ग्रामवासी एवं बाराती भी विभिन्न प्रकार से परिवादी के विरूद्ध कमेन्ट करने लगे क्योंकि सबको यह पता था कि बारात में आरकेस्ट्रा का प्रोग्राम होना है। इस प्रकार विपक्षी द्वारा समय से पहुंचकर आरकेस्ट्रा प्रोग्राम न किये जाने के कारण परिवादी को सामाजिक रूप से अपमानित होना पडा तथा लोगों के उलाहने का शिकार होना पडा। विपक्षी ने आंशिक शुल्क प्राप्त करने के बावजूद सेवा प्रदान नहीं किया है। परिवादी ने विपक्षी को कानूनी नोटिस भी भेजा जिसका विपक्षी ने कोई जबाब नहीं दिया और न ही परिवादी द्वारा अदा किया गया पैसा वापस किया तब परिवादी ने अपना पैसा एवं क्षतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु यह परिवाद दाखिल किया है।
2
3- विपक्षी पर नोटिस का तामिला पर्याप्त रूप से होने के बावजूद विपक्षी की ओर से न तो कोई उपस्थित हुआ न कोई आपत्ति/जबाबदावा दाखिल किया गया। अतः मुकदमा विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय रूप से चल रहा है।
4- परिवादी के अधिवक्ता की एक पक्षीय बहस सुनी गयी है तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
5- परिवादी ने अपने अभिकथनों के समर्थन में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है जिससे परिवाद पत्र के अभिकथनों की पूर्ण रूप से पुष्टि होती है इसके अतिरिक्त दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में परिवादी ने विपक्षी लकी म्यूजिकल आरकेस्ट्रा ग्रुप की रसीद की छायाप्रति तथा कानूनी नोटिस की छायाप्रति भी दाखिल किया है। 
लकी म्यूजिकल आरकेस्ट्रा ग्रुप के उपरोक्त रसीद के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि दिनांक 22-4-2016 को ग्राम कुल्हडियां थाना रामगढ में सीताराम सिंह के यहॉं आरकेस्ट्रा का कार्यक्रम विपक्षी को रू0 23000/- में करना था जिसका बयाना दिनांक 12-2-2016 को रू0 5000/- विपक्षी ने प्राप्त किया तथा दिनांक 4-4-2016 को रू0 10000/- प्राप्त किया। इस प्रकार विपक्षी ने परिवादी से कुल रू0 15000/-अग्रिम प्राप्त किया है। परिवादी द्वारा दाखिल उपरोक्त साक्ष्यों के खण्डन में पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे उपरोक्त साक्ष्यों पर अविश्वास किया जा सके। इस प्रकार परिवादी के शपथ पत्र तथा उसके द्वारा दाखिल दस्तावेजी साक्ष्य से यह बात भलीभांति सिद्ध हो जाती है कि विपक्षी ने परिवादी से रू0 23000/- में आरकेस्ट्रा का प्रोग्राम करने का करार किया था जिसके सम्बन्ध में उसने परिवादी से रू0 15000/- नगद प्राप्त किया है लेकिन विपक्षी ने कोई आरकेस्ट्रा का प्रोग्राम करार के मुताबिक नहीं किया। अतः परिवादी को उक्त धनराशि व्याज सहित दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है इसके अतिरिक्त परिवादी को जो सामाजिक एवं आर्थिक क्षति पहुंची है उसकी क्षतिपूर्ति हेतु रू0 5000/- तथा वाद व्यय के रूप में रू0 1000/- दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। और इस प्रकार परिवादी का परिवाद आंशिक एवं एक पक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
                                 आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक एवं एक पक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह आज से 2 माह के अन्दर परिवादी को अग्रिम धनराशि रू0 15000/-(पन्द्रह हजार) दावा दाखिल करने की तिथि दिनांक 15-9-2016 से पैसा अदा करने तक 8 प्रतिशत साधारण वार्षिक व्याज सहित अदा करें और इसी अवधि में परिवादी को सामाजिक एवं आर्थिक क्षति की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 5000/-(पांच हजार) तथा वाद व्यय के रूप में रू0 1000/- (एक हजार) भी अदा करें।
 
 
(लक्ष्मण स्वरूप)                                               (रामजीत सिंह यादव)
 सदस्य                                                           अध्यक्ष
                                                            दिनांकः21-9-2017 
 
 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Lachhaman Swaroop]
MEMBER

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