राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-257/2020
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 982/2010 में पारित आदेश दिनांक 13.01.2020 के विरूद्ध)
विष्णु कुमार श्रीवास्तव पुत्र स्व0 बृज किशोर श्रीवास्तव
........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
लखनऊ विकास प्राधिकरण ........................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
3. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अनिल कुमार मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री राजीव पाण्डेय,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 29.05.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख पूर्व में अनेकों तिथियों पर विस्तार से सुनी गयी। अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा एवं प्रत्यर्थी/विपक्षी लखनऊ विकास प्राधिकरण के विद्वान अधिवक्ता श्री राजीव पाण्डेय की सहमति से अपीलार्थी को प्रत्यर्थी लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा नवीन फ्लैट का मुआयना कराने हेतु आदेशित किया गया था, जिस आदेश के अनुपालन में प्रत्यर्थी लखनऊ विकास प्राधिकरण के सम्बन्धित अधिकारी द्वारा अपीलार्थी श्री विष्णु कुमार श्रीवास्तव को सरगम अपार्टमेन्ट, कुर्सी रोड, लखनऊ में फ्लैट संख्या-1114 का निरीक्षण कराया गया। निरीक्षणोपरान्त अपीलार्थी उपरोक्त फ्लैट संख्या-1114 सरगम अपार्टमेन्ट को प्राप्त किये जाने हेतु अपनी सहमति लिखित में प्रत्यर्थी लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव
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को एक सप्ताह की अवधि में प्राप्त करायेंगे। तदनुसार प्रत्यर्थी लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव द्वारा उपरोक्त फ्लैट का वास्तविक कब्जा विधि अनुसार एवं फ्लैट की रजिस्टर्ड सेल डीड अपीलार्थी के पक्ष में दो सप्ताह की अवधि में सुनिश्चित की जावेगी। उपरोक्त रजिस्टर्ड सेल डीड हेतु ई-स्टाम्प को क्रय किये जाने का विवरण सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा 10 दिवस में अपीलार्थी को प्राप्त कराया जावेगा, जिससे सम्बन्धित ई-स्टाम्प की छायाप्रति अपीलार्थी द्वारा दो सप्ताह की अवधि में लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्राप्त करायी जावेगी। समस्त प्रक्रिया तदनुसार ऊपर उल्लिखित आदेश के अनुपालन में सुनिश्चित की जावेगी।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती है।
प्रत्यर्थी लखनऊ विकास प्राधिकरण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस आदेश का अनुपालन शत-प्रतिशत रूप से सुनिश्चित किये जाने का आश्वासन इस न्यायालय के सम्मुख दिया गया।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (राजेन्द्र सिंह) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1