Uttar Pradesh

StateCommission

A/58/2021

Faiyaz Ahmad - Complainant(s)

Versus

Lucknow Development Authority - Opp.Party(s)

Rohit Jaiswal & Mohit Gupta & Adarsh Pratap Singh

02 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/58/2021
( Date of Filing : 28 Jan 2021 )
(Arisen out of Order Dated 06/03/2020 in Case No. C/2012/441 of District Lucknow-I)
 
1. Faiyaz Ahmad
S/O Shri Sarfaraz Ahmad R/O House No. 172/98 Hata lal Khan Aminabad P.S. Qaisherbagh Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Lucknow Development Authority
Office at Vipin Khand Goimti nagar Lucknow
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/365/2020
( Date of Filing : 27 Oct 2020 )
(Arisen out of Order Dated 06/03/2020 in Case No. C/2012/441 of District Lucknow-I)
 
1. Lucknow Vikas Pradhikaran
Office 6 jagdish Chandra Bose marg Lucknow Through its Vice Chairman
...........Appellant(s)
Versus
1. Faiyaz Ahmad
S/O Shri Sarafaraz Ahmad R/O House No. 172/98 Hata lal Khan Aminabad P.S. Qaisherbagh Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Nov 2022
Final Order / Judgement

 ( सुरक्षित )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :365/2020

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-441/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-03-2020 के विरूद्ध)

 

  1. लखनऊ विकास प्राधिकरण, 6, जगदीश चन्‍द्र बोस मार्ग, लखनऊ द्वारा उपाध्‍यक्ष।
  2. लखनऊ विकास प्राधिकरण, 6, जगदीश चन्‍द्र बोस मार्ग, लखनऊ द्वारा सचिव, वर्तमान पता- नवीन भवन, विपिन खण्‍ड, गोमतीनगर, लखनऊ।

बनाम्

फैयाज अहमद पुत्र श्री शरुराज अहमद निवासी-भवन संख्‍या-172/98, हाता लाल खान, अमीनाबाद, कैसरबाग, लखनऊ।

                               प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,       अध्‍यक्ष।

 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी एल0डी0ए0 की ओर से उपस्थित-   श्री एस0एन0 तिवारी।

     प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित-      श्री रोहित जायसवाल।

एवं

अपील संख्‍या :58/2021

 

फैयाज अहमद आयु लगभग-62 वर्ष पुत्र श्री शरफराज अहमद निवासी-भवन संख्‍या-172/98, हाता लाल खान, अमीनाबाद, कैसरबाग, लखनऊ।

                               अपीलार्थी /परिवादी

 

 

-2-

बनाम्

  1. लखनऊ विकास प्राधिकरण, विपिन खण्‍ड, गोमती नगर, लखनऊ।
  2. लखनऊ विकास प्राधिकरण, विपिन खण्‍ड, गोमतीनगर, लखनऊ।

प्रत्‍यर्थी /विपक्षीगण

     उपस्थिति :

      अपीलार्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित-   श्री रोहित जायसवाल।

     प्रत्‍यर्थी एल0डी0ए0 की ओर से उपस्थित-  श्री एस0एन0 तिवारी।

 

दिनांक : 11-11-2022

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-441/2012 फैयाज अहमद बनाम लखनऊ विकास प्राधिकरण व एक अन्‍य  में जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम, लखनऊ  द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 06-03-2020  के विरूद्ध  अपील संख्‍या-365/2020 परिवाद के विपक्षी लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से एवं अपील संख्‍या-58/2021 परिवाद के परिवादी फैयाज अहमद की ओर से उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     ‘’आक्षेपित निर्णय के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए  निम्‍न आदेश पारित किया है :-

 

 

 

  1.  

      जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपील संख्‍या-365/2022 लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को निरस्‍त किये जाने हेतु प्रस्‍तुत की गयी है तथा अपील संख्‍या-58/2021 अपीलार्थी फैयाज अहमद की ओर से प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश में क्षतिपूर्ति की बढ़ोत्‍तरी हेतु प्रस्‍तुत की गयी है। उक्‍त दोनों अपीलें एक ही निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध योजित की गयी है अत: उक्‍त दोनों अपीलों की सुनवाई एक साथ करते हुए उक्‍त दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय एवं आदेश के द्वारा किया जा रहा है। 

     अपीलार्थी लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री एस0 एन0 तिवारी उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी परिवादी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री रोहित जायसवाल उपस्थित आए।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने नजीर मार्केट बालागंज चौराहे के पास दुकान नम्‍बर-08 किराये पर लिया था। सड़क चौडी करने के लिए दुकानों को गिराया गया। राज्‍य सरकार की शर्तों के मुताबिक प्राधिकरण द्वारा दुकानदारों को दुकान आवंटित करना तथा बेचना था और उसके लिए निबन्‍धन तिथि बढ़ाकर 11 जून, 1998 की गयी थी। परिवादी ने इस हेतु 7500/-रू0 जमा भी किया। लाटरी पद्धति के अनुसार दुकानों का विक्रय होना था। विपक्षीगण ने प्रस्‍तावित स्‍थल हरदोई रोड, बालागंज योजना में दुकान आवंटित करने के लिए प्रस्‍ताव रखा। कुछ इन्‍तजारी के बाद परिवादी ने विपक्षीगण के यहॉं सम्‍पर्क किया कि उसे दूसरी नयी दुकान दी जावे जिस पर विपक्षीगण के कार्यालय से परिवादी को पत्र द्वारा सूचित किया गया कि परिवादी का नाम गलती से लाटरी पद्धति में नहीं डाला जा सका था फिर भी विपक्षीगण परिवादी को दुकान नम्‍बर-

 

-4-

एल0जी0एफ0-20 बिस्मिल बाजार, व्‍यावसायिक केन्‍द्र, बालागंज लखनऊ आवंटित एवं विक्रय करने के लिए तैयार है, परन्‍तु परिवादी को वह दुकान जो उसे आवंटित हुई है स्‍वीकार नहीं थी क्‍योंकि वह दुकान पूर्व में किसी दूसरे व्‍यक्ति को आवंटित की गयी थी और उक्‍त दुकान बेसमेंट में अंतिम कोने की दुकान थी और वहॉं व्‍यापार करना असंभव था क्‍योंकि कोई भी व्‍यक्ति उस दुकान को सड़क से नहीं देख सकता था।  परिवादी ने विपक्षी को कई पत्र लिखे कि उसे दूसरी दुकान दी जावे, परन्‍तु विपक्षीगण ने उस पर कोई कार्यवाही नहीं की। परिवादी को विपक्षी के कार्यालय का पत्र दिनांकित 14-12-2009 प्राप्‍त हुआ जिसमें यह बताया गया था कि परिवादी रसीदों की छायाप्रति दाखिल करें, जिससे दुकान की अंतिम गणना की जा सके। परिवादी ने पुन: विपक्षीगण से अनुरोध कि उसे दूसरी दुकान आवंटित की जाए और उसने रसीदों की छायाप्रतियॉं विपक्षीगण को दिया, जहॉं विपक्षीगण द्वारा यह बताया गया कि परिवादी का आवेदन विचार के लिए लम्बित है और पुन: सूचना दी जायेगी। परिवादी ने इस संदर्भ में एक पत्र दिनांक 12-05-2010 भी भेजा, जिसका जवाब उसे प्राप्‍त नहीं हुआ। विपक्षीगण का पत्र दिनांकित 04-09-2010 प्राप्‍त हुआ जिसके द्वारा परिवादी को सूचित किया गया कि परिवादी की दुकान संख्‍या-एल.जी.एफ.-20 बिस्मिल बाजार का आवंटन निरस्‍त कर दिया गया है और परिवादी को खाली जगह पर दखल कब्‍जा देने का निर्देश दिया गया था। परिवादी को उस दुकान में कभी दखल कब्‍जा नहीं दिया गया था अत: उसे खाली करने का कोई प्रश्‍न ही नहीं था।

 

 

-5-

     विपक्षीगण ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया कि परिवादी अवैध कब्‍जेदार था और जन-सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अवैध कब्‍जे को हटाकर वाणिज्यिक भवन का निर्माण कराकर नियमानुसार पंजीकरण खोलकर दुकान संख्‍या-एल.जी.एफ.-20 का आवंटन विस्‍थापित कोटे के अन्‍तर्गत बिस्मिल बाजार में किया गया था। निर्धारित तिथि के बाद जमा किया गया पंजीकरण फार्म सम्‍भवत: त्रुटिवश तत्‍समय लाटरी सूची में नाम सम्मिलित नहीं हो सका और बाद में परिवादी के प्रार्थना पत्र पर विचार करते हुए परिवादी को उपरोक्‍त दुकान आवंटित की गयी और उसकी सूचना परिवादी को दी गयी। परिवादी द्वारा आवंटित दुकान की बकाया धनराशि जमा नहीं करने पर पत्र दिनांक 04-09-2010 द्वारा दुकान निरस्‍तीकरण की सूचना भेज दी गयी। परिवादी को औपचारिकताऍं पूरी कर कब्‍जा प्राप्‍त करने के लिए पत्र द्वारा सूचित किया गया था। दुकान का आवंटन व्‍यावसायिक कार्य के लिए किया गया था। अत: वाद सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला आयोग को नहीं है।

     विद्धान जिला आयोग ने उभयपक्ष को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त विपक्षी विकास प्राधिकरण की सेवा में कमी पाते हुए प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिसका उल्‍लेख ऊपर किया जा चुका है।

 

 

-6-

मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

     पत्रावली के परिशीलन से यह स्‍पष्‍ट है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों का गहनतापूर्वक अध्‍ययन करने के पश्‍चात विधि अनुरूप निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्‍तक्षेप की कोई आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है तदनुसार अपील संख्‍या-365/2020 निरस्‍त किये जाने योग्‍य है। चूंकि विद्धान जिला मंच द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक अवलोकन करने के पश्‍चात निर्णय पारित करते हुए क्षतिपूर्ति दिलायी गयी है अत: अपील संख्‍या-58/2021 जो कि बढ़ोत्‍तरी हेतु प्रस्‍तुत की गयी है, में बढ़ोत्‍तरी किये जाने का उचित आधार प्रतीत नहीं होता है तदनुसार अपील संख्‍या-58/2021 भी निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

उपरोक्‍त दोनों अपीलें निरस्‍त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा परिवाद संख्‍या-441/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-03-2020 की पुष्टि की जाती है।

  अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

इस निर्णय के एक प्रति संबंधित अपील संख्‍या-58/2021 में सुरक्षित रखी जावे।

 

 

-7-

इस निर्णय की सत्‍य प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलबध करा दी जाय।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

                          अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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