राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
परिवाद सं0-20/2023
दुर्गा प्रताप सिंह पुत्र स्व0 अर्जुन सिंह, निवासी-ए-1/108 डी, विनीत खण्ड, गोमती नगर लखनऊ .......परिवादी।
बनाम
- लखनऊ विकास प्राधिकरण विपिन खण्ड गोमती नगर, लखनऊ द्वारा उपाध्यक्ष।
- डा0 शानू रस्तोगी, प्लाट संख्या-1/209, विनीत खण्ड, जयपुरिया स्कूल गेट नं0-2 के सामने गोमती नगर,लखनऊ। ......विपक्षीगण।
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
परिवादी के अधिवक्ता : श्री आमोद राठौर
विपक्षी सं0-2 के अधिवक्ता : श्री आर0के0गुप्ता
:श्री दिलीप कुमार शुक्ला
दिनांक :- 20.6.2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार अध्यक्ष द्वारा उदघोषित।
निर्णय
इस न्यायालय द्वारा प्रस्तुत परिवाद में दिनांक 16-05-2023 को निम्न विस्तृत आदेश उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता सर्व श्री आमोद राठौर , श्री आर0के0 गुप्ता एवं विकास प्राधिकरण के विद्वान अधिवक्ता को सुनने के पश्चात पारित किया गया था:-
दिनांक : 16-05-2023
वाद पुकारा गया।
प्रस्तुत परिवाद में पूर्व में अनेकों तिथियों पर आदेश पारित करते हुए इस न्यायालय द्वारा विपक्षीगण को आदेश का अनुपालन करने हेतु अनेकों अवसर प्रदान किये गये तथा यथासम्भव यह प्रयास किया गया कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के निर्मित भवन में हुई क्षति को यथासम्भव दूर किया जावे।
विपक्षी संख्या-1 लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा विपक्षी संख्या-2 शानू रस्तोगी को आवंटित प्लाट संख्या-ए-1/209, विनीत खण्ड गोमती नगर, लखनऊ पर निर्माण कार्य कराये जाने हेतु नक्शा जारी किया गया। उक्त नक्शे के विपरीत
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विपक्षी संख्या-2 द्वारा निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया जिस हेतु विपक्षी संख्या-2 द्वारा भूखण्ड पर गैरकानूनी रूप से खुदाई प्रारम्भ की गयी एवं अन्डरग्राउण्ड निर्माण की प्रक्रिया के दौरान जे0सी0बी0 से जारी खुदाई में लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत किये गये नक्शे के विपरीत बिना दो मीटर की जगह
छोडे़ खुदाई प्रारम्भ की गयी जिससे परिवादी के भवन संख्या-ए-1/208 डी, विनीत खण्ड गोमती नगर,लखनऊ को गहरी गंभीर क्षति हुई। यह भी स्पष्ट रूप से पाया गया कि विपक्षी संख्या-2 के द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विपरीत खुदाई की प्रक्रिया जे0सी0बी0 के माध्यम से करते हुए खुदाई लगभग 15-17 फिट गहरी की गयी जब कि स्वीकृत मानचित्र के अनुसार खुदाई की कोई स्वीकृत लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा विपक्षी संख्या-2 को उपरोक्त भूखण्ड पर प्रदान नहीं की गयी है।
यहॉं प्रश्न यह है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के द्वारा यदि उपरोक्त भूखण्ड की खुदाई की स्वीकृत मानचित्र में नहीं दी गयी थी, तब किस स्थिति में विपक्षी संख्या-2 द्वारा उपरोक्त भूखण्ड पर गहरी खुदाई लगभग 20 फिट तक की गयी जिससे परिवादी के निर्मित भवन को न सिर्फ अत्यधिक भयंकर क्षति हुई वरन् परिवादी का उपरोक्त भवन दिन-प्रतिदिन विभिन्न कोणों पर स्पष्ट रूप से क्षतिग्रस्त हो रहा है, साथ ही उपरोक्त भवन दिन-प्रतिदिन अपने स्थल पर धस रहा है। उपरोक्त भवन की सुरक्षा हेतु परिवादी द्वारा यद्धपि यथासम्भव प्रयास मजूदर इत्यादि लगाकर अनेकों जैक लगाये हुए किया गया, किन्तु फिर भी उन जैकों के स्थापन के उपरान्त भी भवन दिन-प्रतिदिन धस रहा है एवं उसकी प्रत्येक दीवार (बाहरी अथवा आन्तरिक) चटकती जा रही है जिससे संबंधित रंगीन छायाचित्र परिवादी के द्वारा इस न्यायालय के परिशीलन हेतु उपलब्ध कराये गये।
इस न्यायालय के सम्मुख पूर्व तिथियों पर विपक्षी प्राधिकरण की ओर से विद्धान अधिवक्ता के साथ-साथ विहित प्राधिकारी सुश्री पिया सिंह एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहायक अभियन्ता श्री अवधेश कुमार सिंह एवं अवर अभियन्ता श्री सुरेन्द्र द्धिवेदी उपस्थित हुए जो इस न्यायालय को किसी भी तिथि पर इस प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ रहे कि उनके द्वारा कब स्थल निरीक्षण के दौरान उपरोक्त खुदाई की प्रक्रिया के संबंध में आदेश पारित किया गया जब कि उपरोक्त खुदाई की प्रक्रिया विपक्षी संख्या-2 द्वारा लगभग एक सप्ताह में हुई।
परिवादी द्वारा उपरोक्त संबंध में संबंधित थाने में एवं विपक्षी लखनऊ विकास प्राधिकरण में सूचित किया गया, परन्तु न तो विपक्षी लखनऊ विकास
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प्राधिकरण द्वारा किसी प्रकार की अपेक्षित कार्यावाही विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध सुनिश्चित की गयी न ही संबंधित थाने द्वारा कोई कार्यवाही सुनिश्चित की गयी। अन्ततोगत्वा परिवादी को पूरे परिवार के साथ अपने घर को छोड़कर सामने की सड़क के किनारे अपना आसियाना बनाना पड़ा। परिवादी के परिवार में लगभग 08 लोग है जिनमें से एक छोटा बच्चा व तीन महिलाऍं हैं जो खुले आसमान के नीचे विगत तीन माह से निवासित हैं। विपक्षीगण द्वारा उनके रहने हेतु भी कोई विशेष व्यवस्था न किया जाना विपक्षीगण की मानसिक अकर्मण्डता को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न यह है कि जब इतनी बड़ी दुर्घटना परिवादी के साथ घटित हुई तब उसके उपचार हेतु विपक्षीगण द्वारा क्या अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित की गयी इसका उत्तर नकारात्मक में अथवा कोई कार्यवाही न किया स्वयं परिलक्षित है।
विपक्षी संख्या-2 की ओर से प्रस्तुत परिवाद में उनके विद्धान अधिवक्ता श्री आर0 के0 गुप्ता द्वारा अपना वकालतनामा एवं प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया जिसके पश्चात उन्हें आदेशित किया गया कि वे परिवादी के भवन में हुई क्षति को आंकलित कराने हेतु किसी आर्कीटेक्ट से निरीक्षण कराकर, निरीक्षण आख्या एवं भवन की सुदृढ़ता हेतु अपेक्षित आंकलित धनराशि का विवरण उल्लिखित करते हुए इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत करें। श्री आर0 के0 गुप्ता विद्धान अधिवक्ता द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिनांकित 18-04-2023 प्रस्तुत करते हुए आर्कीटेक्ट सर्वश्री बिल्डवेल द्वारा श्री अंकित गुप्ता द्वारा परिवादी के भवन की क्षति के संबंध में रेनोवेशन हेतु आंकलित गणना व धनराशि उल्लिखित करते हुए आख्या प्रस्तुत की, जिसमें आर्कीटेक्ट द्वारा धनराशि रू0 08,46,328/-रू0 उल्लिखित किया गया जो पत्रावली पर उपलब्ध है।
विहित प्राधिकारी लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा कारण बताओं नोटिस विपक्षी संख्या-2 को दिनांक 08-02-2023 को दिया जाना, तदोपरान्त विहित प्राधिकारी व जोनल अधिकारी, सहायक अभियन्ता/अवर अभियन्ता (प्रवर्तन) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पत्रावली पर उपलब्ध है जिसके अनुसार उपरोक्त प्रवर्तन जोन-1 जिसमें सहायक अभियन्ता व अवसर अभियन्ता द्वारा भी हस्ताक्षर किये गये है तथा जिसमें निम्न तथ्य स्पष्ट रूप से उल्लिखित किये गये हैं :-
‘’अनाधिकृत निर्माण का विवरण
- लगभग 540.00 वर्गमी0 क्षेत्रफल के भूखण्ड सूख्या-ए-1/209 विनीत खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ पर मानचित्र संख्या LDA/BP/21-22/2512 Date 21-03-2022 स्वीकृत है। पक्ष द्वारा उक्त भूखण्ड पर बेसमेंट के निर्माण हेतु पर्याप्त सुरक्षा मानकों के बिना खुदाई का कार्य किये जाने के कारण बगल के भवन में कुछ दरारें आ गयी है एवं बाउण्ड्रीवॉल गिर गयी है।
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2- पक्ष के निर्माण के विरूद्ध उ0प्र0 नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा-27(1), 28(1) के अन्तर्गत कार्यवाही प्रस्तावित है।
इस न्यायालय के सम्मुख विहित प्राधिकारी द्वारा एक पत्र दिनांकित 09-02-2023 वास्ते अवैध निर्माण रोकने के बारे में पुलिस उपायुक्त महानगर, लखनऊ को प्रेषित किया जाना भी उपलब्ध है, साथ ही स्थल निरीक्षण आख्या हस्ताक्षर द्वारा सहायक अभियन्ता, प्रवर्तन जोन-1 दिनांकित 28-04-2023 उपलब्ध है जिसके साथ कुछ रंगीन छायाचित्र भी उपलब्ध है।
परिवादी द्वारा अनाधिकृत खुदाई के कार्य के संबंध में संबंधित पुलिस स्टेशन, थाना गोमती नगर में दिनांक 06-02-2023 को सूचना दी गयी फिर भी उपरोक्त अविधिक खुदाई कार्य न तो पुलिस द्वारा और न ही लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा रोका गया, मात्र विहित प्राधिकारी, लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा एक पत्र दिनांकित 08-02-2023 विपक्षी संख्या-2 के नाम से जारी करते हुए कार्य रोकने का आदेश पारित किया गया जिसके पश्चात भी उपरोक्त खुदाई का कार्य अगले कुछ दिनों तक जारी रहा। विहित प्राधिकारी द्वारा आदेश (वाद संख्या-192/2013) में पारित किया जाना भी पत्रावली पर उपलब्ध है, परन्तु उक्त आदेश में आदेश की तिथि का कोई उल्लेख नहीं है।
तदोपरान्त विहित प्राधिकारी द्वारा दिनांक 14-03-2023 को भवन गिराने/फिलिंग करने की नोटिस विपक्षी संख्या-2 को जारी किया जाना पत्रावली पर पाया गया जिसमें विपक्षी संख्या-2 को 30 दिन की अवधि में अनाधिकृत कार्य को बंद कर देने का आदेश किया गया।
इस न्यायालय द्वारा पूर्व में आदेश पारित करते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण से अपेक्षा की गयी थी कि वह बिना विलम्ब के परिवादी के भवन से तीन मीटर तक मिट्टी की भराई का कार्य सुनिश्चित किया जावे जिससे कि परिवादी के भवन को भविष्य में क्षति न हो। मिट्टी की भराई का कार्य निकाय चुनाव को उल्लिखित करते हुए समय व्यतीत किया गया तथा यह कथन किया गया कि लेबरों की अनुपलब्धता के कारण कार्य कराये जाने में विलम्ब हो रहा है। तदोपरान्त तीन सप्ताह की अवधि में उपरोक्त मिट्टी की भराई का कार्य सुनिश्चित करें, जिस हेतु यदि उन्हें मिट्टी को रोकने के लिए सपोर्ट हेतु दीवार का निर्माण/रिटेनिंग वाल को बनाने की आवश्यकता हो तो वह यथासम्भव 10 दिन में उपरोक्त कार्य को युद्धस्तर पर किया जाना सुनिश्चित किया जावे।
तदनुसार विपक्षी संख्या-1 लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहायक अभियन्ता/अवर अभियन्ता जो इस न्यायालय के सम्मुख उपस्थित हैं अगली निश्चित तिथि से तीन दिन पूर्व सशपथ पत्र इस आदेश में संबंधित कार्य का
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विवरण एवं रंगीन छायाचित्र प्रस्तुत करें, अगली निश्चित तिथि पर अपना पक्ष द्वारा अधिवक्ता इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत करें।
अगली निश्चित तिथि पर सहायक अभियन्ता/अवर अभियन्ता इस न्यायालय के सम्मुख उपलब्ध रहेंगे। परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा अगली तिथि से तीन दिन पूर्व विवादित स्थल एवं परिवादी के भवन का रंगीन छायाचित्र विविध प्रार्थना पत्र के साथ विपक्षीगण के विद्धान अधिवक्तागण को प्राप्त कराकर कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे।
तदनुसार प्रस्तुत परिवाद को पुन: सुनवाई हेतु दिनांक 20-06-2023 को अपरान्ह् 3.00 बजे मेरे समक्ष (इन चेम्बर) सूचीबद्ध किया जावे।
उक्त आदेश के अनुपालन में लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से स्थल निरीक्षण आख्या श्री दिलीप कुमार शुक्ला अधिवक्ता के माध्यम से सहायक अभियन्ता प्रवर्तन जोन-1, श्री अवधेश कुमार सिंह एवं अवर अभियन्ता सुरेन्द्र द्विवेदी द्वारा हस्ताक्षरित सचित्र प्रस्तुत की गयी। उपरोक्त स्थल निरीक्षण आख्या की प्रति उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्वय को लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से उपस्थित अधिवक्ता द्वारा प्राप्त करायी गयी।
श्री आमोद राठौर परिवादी के अधिवक्ता द्वारा परिवादी के निवास स्थल, जो कि विपक्षी सं0-2 द्वारा करायी गयी अवैधानिक खुदाई के कारण अति क्षतिग्रस्त हुआ के रंगीन चित्र कुल संख्या-2 प्रस्तुत किये गये हैं जो पत्रावली पर सुरक्षित रखे जावें। विपक्षी सं0-2 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0गुप्ता द्वारा विपक्षी सं0-1 द्वारा इस न्यायालय द्वारा किये गये पूर्व आदेश के अनुपालन में अनधिकृत रूप से विपक्षी संख्या-2 द्वारा खुदाई कराये गये गड्ढे, जिसके कारण परिवादी के 3 मंजिला मकान को घोर क्षति हुई को बचाने हेतु परिवादी के मकान से तीन मीटर से अधिक का पैसेज छोड़ते हुये आर0सी0सी0 के माध्यम से रिटेनिंगवाल बनवायी की गयी का उल्लेख किया तथा उपरोक्त स्थल अर्थात परिवादी के मकान व विपक्षी संख्या-2 के भूखण्ड के बीच के स्थल को मिटटी से भरा हुआ स्थल पाया गया। उस स्थल के चित्रों को देखने से लगता है कि उपरोक्त आर0सी0सी0 वाल को विपक्षीगण द्वारा कम से कम अभी 2 फिट और ऊंचा किया जाना आवश्यक है। तदनुसार मिट्टी की भराई भी आवश्यक है। जिस कार्य को
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विपक्षीगण द्वारा दो सप्ताह में सुनिश्चित किया जावे एवं उसमें किसी तरह का कोई व्यवधान किसी भी पक्ष के द्वारा उत्पन्न न किया जावे ।
श्री आर0के0गुप्ता विपक्षी सं0-2 की ओर से स्थल निरीक्षण एवं परिवादी के निवास स्थल को हुई क्षति के संबंध में सिबिल इंजीनियर सर्व श्री विन्डवेल, श्री अंकित गुप्ता , द्वारा आंकलित करते हुये अपनी आख्या/रिर्पोट प्रस्तुत की गयी थी जिसमें अनुमानित क्षति अथवा उपरोक्त क्षति के संबंध में आवश्यक रिपेयरिंग हेतु धनराशि-8,46,328/- ( आठ लाख छियालिस हजार तीन सौ अट्ठाइस ) की गणना करते हुये रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी जिसकी देयता हेतु विपक्षी संख्या-2 द्वारा अपनी सहमति भी व्यक्त की गयी।
श्री आमोद राठौर परिवादी के अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि उपरोक्त धनराशि मात्र मकान को हुई क्षति को पूर्ण किये जाने के संबंध में अनुमान के आधार पर उल्लिखित की गयी है जब कि वास्तव में मकान को अत्यधिक क्षति पहुँची है अर्थात कई जगह से मकान के वीम में दीवारो पर दरार तथा मकान में कई प्रकार के निर्माण से संबंधित टूटफूट व मूल निर्माण में खुदाई की घटना के कारण कमियां हो गयी हैं जिनका निवारण असंभव है। अनावश्यक परिस्थितियों से परिवादी को तथा उसके परिवारिजन को जूझना पड़ रहा है जिससे परिवादी अपने परिवार के साथ उक्त मकान से 4 माह से बाहर रहकर गुजारा कर रहा है।
समस्त तथ्यों को दृष्टितग रखते हुये एवं विशेष रूप से यह कि विपक्षीगण द्वारा रिटेनिंग वाल का निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है व परिवादी के मकान व विपक्षी सं0-2 द्वारा भूखण्ड में जो विधि अनुसार दूरी होनी चाहिये उक्त को पूर्ण करते हुये रिटेनिंग वाल का निर्माण कराया गया है जिससे कि परिवादी
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को भविष्य में किसी प्रकार की क्षति न रहे तथा विशेष रूप से यह कि विपक्षी सं0-2 द्वारा भविष्य में भवन में विपक्षी सं0-1 द्वारा पास किये गये भवन नक्शे के विपरीत अन्य कोई निर्माण न कराया जावेगा प्रस्तुत परिवाद की पक्षकारों के अधिवक्तागण को सुनने के उपरान्त अंतिम रूप से निर्णित किया जाता है।
तदनुसार विपक्षी सं0-2 द्वारा विपक्षी सं0-1 के सम्मुख दो सप्ताह की अवधि मे शपथपत्र प्रस्तुत करते हुये यह शपथ पत्र दिया जावेगा कि उसके द्वारा भवन का निर्माण विपक्षी सं0-1 द्वारा भवन नक्शे के अनुसार ही सुनिश्चित किया जावेगा जिसमें किसी प्रकार की कोई अवैधानिक निर्माण कदापि नही किया जावेगा तथा निर्माण प्रक्रिया में कोई अड़चन परिवादी अथवा उसके परिवारिजनो द्वारा नहीं की जावेगी।
विपक्षी सं0-1 प्राधिकरण के सहायक अभियन्ता प्रवर्तन जोन प्रथम एवं अवर अभियंता द्वारा प्रति सप्ताह स्थल निरीक्षण कर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के सम्मुख स्थल निरीक्षण रिपोर्ट/ आख्या प्रस्तुत की जावेगी जिसमें निर्माण के संबंध में सम्पूर्ण उल्लेख किया जावेगा।
विपक्षी सं0-2 द्वारा आवासीय भवन हेतु भूमि की खुदाई जो लगगभ 15 फिट अवैधानिक रूप से की गयी है जिस कारण से परिवादी के भवन में अनेकों दरारे आ गयी हैं जिस कारण से परिवादी को शारीरिक,मानसिक व आर्थिक क्षति हुई, जो विपक्षी सं0-1 व 2 के द्वारा स्वयं स्वीकार की गयी हैं।
जहॉंतक आर्टिटेक्ट द्वारा अपनी आख्या में जो धनराशि परिवादी के भवन की मरम्मत व व्यवस्था हेतु उल्लिखित की गयी वह मेरे विचार से तथ्यों को देखते हुये वास्तव में करायी जाने वाली मरम्मत हेतु अत्यधिक कम प्रतीत होती है अतएव उक्त आंकलित धनराशि के स्थान पर विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी
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को धनराशि 15,00,000/- ( पन्द्रह लाख ) दो सप्ताह की अवधि अर्थात दिनांक 05-07-2023 तक प्राप्त करायी जावे साथ ही विपक्षी संख्या-2 द्वारा शारीरिक, मानसिक, आर्थिक कष्ट हेतु धनराशि-5,00,000/- (रूपये पॉंच लाख ) का भुगतान भी दो सप्ताह की अवधि में परिवादी को प्रदान करना सुनिश्चित किया जावे।
चॅूकि भवन के नक्शे के विपरीत विपक्षी सं0-2 द्वारा अवैधानिक रूप से विपक्षी सं0-1 लखनऊ विकास प्राधिकरण सहायक अभियन्ता (श्री अवधेश कुमार सिंह) प्रवर्तन जोन सं0-1 लखनऊ विकास प्राधिकरण लखनऊ एवं अवर अभियंता लखनऊ विकास प्राधिकरणके द्वारा की गयी अनदेखी व घोर लापरवाही के कारण हुई क्षति हेतु परिवादी, को जो आर्थिक, शारीरिक, मानसिक कष्ट हुआ, जिस हेतु उपरोक्त अवर अभियंता श्री सुरेन्द्र तिवारी एवं श्री अवधेश कुमार सिंह सहायक अभियन्ता (प्रवर्तन जोन -1) के विरूद्ध लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी, तथा उपरोक्त सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियंता के प्राधिकरण से स्थानान्तरण के लिये विधि के अनुसार शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी साथ ही उपरोक्त अवर अभियन्ता एवं सहायक अभियंता, जिनकी मिली भगत से विपक्षी संख्या 2 द्वारा लगभग 15 फिट गडढ़ा वेसमेट के निर्माण हेतु जे0सी0बी0 के प्रयोग से किया गया है जिस कारण से परिवादी के भवन को अत्यधिक क्षति हुई जिसकी अभिव्यक्ति/उल्लेख विधिक प्राधिकारी लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा भी संज्ञान में लेते हुये अपने आदेश अपने में की गयी है, जो निश्चित रूप से अवर अभियंता व सहायक अभियंता के विरूद्ध कार्यवाही हेतु समुचित आधार है, अतएव उपरोक्त सहायक अभियंता व अवर अभियंता द्वारा परिवादी को एक-एक लाख रूपये (प्रत्येक) की धनराशि हर्जाने के रूप में स्वयं द्वारा एक माह की अवधि में प्राप्त
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करायी जावेगी। यदि इस आदेश का अक्षरश: अनुपालन विपक्षीगण द्वारा सुनिश्चित नही किया जावेगा तब उनके विरूद्ध विधिनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी।
विपक्षी सं0-1 लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इस आदेश के अनुपालन में विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें एवं इस आदेश की प्रति प्रमुख सचिव नगर नियोजन व अध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण को दो सप्ताह में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। तदनुसार परिवाद निस्तारित किया जाता है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वे इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
कोर्ट नं0-1
निरंजन लाल वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2,