Uttar Pradesh

StateCommission

CC/143/2022

Smt. Krishna Devi Rastogi and another - Complainant(s)

Versus

Lucknow Development Authority and others - Opp.Party(s)

Rajesh Kumar Rastogi

24 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/143/2022
( Date of Filing : 22 Nov 2022 )
 
1. Smt. Krishna Devi Rastogi and another
W/o Late Sri Rajendra Prasad Rastogi R/o 433/398 Ramnagar Balaganj Chawk Lucknow-3 Pattrachar Pata Through Ado. Rajesh Kumar Rastogi 441/R.N./216-17 Rastoginagar Balaganj Chawk Lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. Lucknow Development Authority and others
Through Sachiv L.D.A. Gomti Nagar Vipin Khand Lucknow
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Nov 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक)

परिवाद संख्‍या-143/2022

श्रीमती कृष्‍णा देवी रस्‍तोगी व एक अन्‍य बनाम सर्वश्री लखनऊ विकास प्राधिकरण व चार अन्‍य

दिनांक: 24.11.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवादीगण के अधिवक्‍ता श्री राजेश कुमार रस्‍तोगी को सुना।

प्रस्‍तुत परिवाद में इस न्‍यायालय के सम्‍मुख मांगे गये अनुतोष हेतु वास्‍तव में परिवादीगण को जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद प्रस्‍तुत किया जाना था, न कि इस न्‍यायालय के सम्‍मुख। परिवादीगण द्वारा कुल धनराशि विपक्षी लखनऊ विकास प्राधिकरण के सम्‍मुख 2,59,100/-रू0 जमा किया गया है। उपरोक्‍त धनराशि को दृष्टिगत रखते हुए तथा प्रस्‍तुत परिवाद में अपेक्षित अनुतोष हेतु प्रस्‍तुत परिवाद को सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख योजित किये जाने हेतु आदेशित किया जाता है।

तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद अन्‍तिम रूप से निस्‍तारित किया जाता है।

कार्यालय को आदे‍शित किया जाता है कि प्रस्‍तुत परिवाद में उपलब्‍ध उन प्रपत्रों को परिवादीगण के अधिवक्‍ता श्री राजेश कुमार रस्‍तोगी को वापस प्रदान किया जावे, जो प्रपत्र जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किये जाने हेतु आवश्‍यक हों। प्रपत्रों को वापस किये जाने की प्रक्रिया कार्यालय द्वारा 01 सप्‍ताह की अवधि में परिवादीगण द्वारा प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र प्राप्‍त होने की अवधि से सुनिश्चित की जावे। तदनुसार आदेश पारित किया जाता है।    

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                        (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                          अध्‍यक्ष           

जितेन्‍द्र आशु0,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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