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MANJU NISHAD filed a consumer case on 28 Jan 2021 against L&T GENERAL INSURANCE in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/33/2017 and the judgment uploaded on 29 Jan 2021.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 33 सन् 2017
प्रस्तुति दिनांक 14.02.2017
निर्णय दिनांक 28.01.2021
मंजू निषाद उम्र तखo 22 वर्ष पत्नी स्वo सुनील कुमार निषाद साकिन जोहरा पट्टी पोस्ट- तेरही, तहसील- सगड़ी, थाना- कप्तानगंज, जिला- आजमगढ़।
......................................................................................परिवादिनी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसके पति स्वo सुनील कुमार निषाद के नाम वाहन संख्या यू.पी.50ए.यू.4779 मारूति इर्टिगा एक पंजीकृत वाहन है। उक्त वाहन विपक्षी संख्या 01 से फुल बीमित था। जो दिनांक 23.06.2016 से 22.06.2017 तक वैध एवं प्रभावी था। जिसका बीमा पैकेज पॉलिसी के तहत हुआ था। उसके पति दिनांक 13.08.2016 को अपने व्यक्तिगत कार्य हेतु लखनऊ जा रहे थे कि फैजाबाद जिले में रौनाही थाना अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर गलत दिशा से एक ट्रक रोड पर टोल टैक्स बचाने के प्रयास में लींक मार्ग से तेजी व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए वाहन संख्या यू.पी.32 सी.एन. 6308 ट्रक का चालक एकाएक मुख्य मार्ग पर आकर उसके पति के वाहन में टक्कर मार दिया जिसके कारण उसके पति की मृत्यु हो गयी तथा गाड़ी में बैठे सभी लोगों की मृत्यु हो गयी। वाहन भी पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके बाबत स्थानीय थाना रौनाही फैजाबाद एफ.आई.आर. दर्ज कराया। विपक्षी संख्या 01 के यहाँ समस्त औपचारिकताएं को पूर्ण करते हुए विपक्षी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेजों को परिवादिनी ने उसे दिया। वाहन के पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त होने के कारण बीमा कम्पनी से
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ओ.डी. क्लेम की मांग किया। उसके वाहन का मूल्य 8,60,414/- रुपए के बाबत मूल्यांकन करते हुए विपक्षी ने फुल बीमा किया था। विपक्षी संख्या 02 ने दिनांक 23.01.2017 को परिवादिनी को पंजीकृत डॉक से एक पत्र भेजा और जिसमें उन्होंने कहा कि बीमित कार में चालक सहित बैठने की कुल क्षमता सात थी, किन्तु उसमें चालक सहित आठ लोग बैठे हुए थे इसलिए वाहन स्वामी द्वारा बीमा पॉलिसी का उल्लंघन किया गया है इसलिए ओ.डी.क्लेम वाहन क्षति के बाबत नहीं दिया जा सकता और यह कहते हुए क्लेम को अस्वीकार करते हुए स्पष्ट रूप से इन्कार कर दिया। विपक्षीगण के समग्र तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया। प्रथम सूचना रिपोर्ट व अन्य तथ्यों से भी यह स्पष्ट था कि उक्त दुर्घटना परिवादिनी के कार के चालक की लापरवाही की वजह से कतई घटित नहीं हुई थी न ही वाहन में क्षमता से अधिक लोगों को बैठने के कारण दुर्घटना ग्रस्त हुई थी बल्कि उक्त दुर्घटना ट्रक चालक द्वारा टोल टैक्स बचाने के प्रयास में उसके चालक के लापरवाही की वजह से एकाएक हाइवे पर आ जाने के कारण दुर्घटना घटित हुई। अतः विपक्षीगण से परिवादिनी का वाहन पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण बीमित धनराशि मुo 8,60,414/- रुपए व मानसिक क्षति हेतु मुo 25,000/- रुपए कुल मिलाकर 8,85,414/- रुपए मय 12% वार्षिक ब्याज के साथ परिवादिनी को दिलाया जाए।
परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी की ओर से कागज संख्या 7/1 बीमा पॉलिसी की छायाप्रति, कागज संख्या 7/2 वाहन के विवरण की छायाप्रति, कागज संख्या 7/3 एन.ओ.सी. की छायाप्रति, कागज संख्या 7/4 एच.डी.एफ.सी. जनरल इन्श्योरेन्स लिमिटेड का बीमा कम्पनी द्वारा भेजा गया पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 14/1 फाइनल रिपोर्ट के एफ.आई.आर. की छायाप्रति, एन.सी.आर.बी. की छायाप्रति, नक्शा नजरी की छायाप्रति, एफ.आई.आर. की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
एच.डी.एफ.सी. जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि तथाकथित दुर्घटना के समय वाहन का इस्तेमाल निजी कार्यों से न करके विपक्षी बीमा कम्पनी के बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन करके कामर्शियल कार्य हेतु इस्तेमाल की जा रही थी। परिवादिनी द्वारा ओ.डी. धनराशि प्राप्त किए जाने हेतु विपक्षी बीमा कम्पनी के यहाँ क्लेम फार्म भरकर क्लेम फार्म के साथ समस्त कागजात प्रस्तुत किया गया। जिसके बाबत विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत किए गए
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एफ.आई.आर. के मुताबिक कुल आठ व्यक्ति मय चालक मृत पाए गए जो बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार बैठने हेतु मान्य नहीं है जिसके आधार पर परिवादिनी का क्लेम विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा निरस्त करके परिवादिनी को सूचित कर दिया गया था। जबकि परिवादिनी द्वारा अपने बयान में उक्त कार में मय चालक आठ व्यक्ति को बैठा होना भी स्वीकार किया है। विपक्षी बीमा कम्पनी के बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार एवं परिवहन एथार्टी द्वारा जारी की गयी आर.सी. के मुताबिक उक्त कार में मय चालक को लेकर सात व्यक्ति के बैठने की क्षमता है जबकि उक्त कार में कुल आठ व्यक्ति बैठे थे एवं उक्त कार के चालक के पास वेतन भोगी लाइसेन्स भी नहीं था। इसलिए उसके क्लेम को निरस्त कर दिया गया। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादिनी को आर्थिक व मानसिक क्षति नहीं पहुंचाया गया है। परिवाद पत्र में लगाए गए आरोप कपोलकल्पित हैं। अतः परिवाद पत्र निरस्त किया जाए।
एच.डी.एफ.सी. जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 7/1 जो प्रलेखीय साक्ष्य परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत किया गया है उसमें सिटिंग कैपिसिटी दी गयी है जो कि ड्राइवर सहित सात होनी चाहिए। बीमा पॉलिसी में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि वाहन का यूज केवल सामाजिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा। यह हायर ऑर रिवार्ड, कैरिएज ऑफ गूड्स, ऑर्गनाइज्ड रेसिंग, पेस मेकिंग, स्पीड टेस्टिंग, रिलाइबिलिटी ट्रायल्स या इससे सम्बन्धित अन्य उपयोग के लिए नहीं किया जाएगा। परिवादिनी के कथनानुसार तथा इस पत्रावली के सम्यक अनुशीलन से यह पाया जाता है कि कार में ड्राइवर सहित कुल आठ व्यक्ति सवार थे और यह रजिस्ट्रेशन पॉलिसी तथा बीमा की शर्तों का उल्लंघन है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद- पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 28.01.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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