राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-25/2023
संजीव कुमार जैन पुत्र स्व0 श्री किशन चन्द्र जैन, निवासी मलपुरा, थाना मलपुरा, आगरा।
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- मण्डलीय प्रबन्धक, भारतीय जीवन बीमा निगम, डिवीजन कार्यालय आगरा।
2- प्रबन्धक, दि न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, प्रथम तल, 17ए, कोपरेज रोड़, मुम्बई-400039
3- प्रबन्धक, मेडी असिस्ट इण्डिया टी0पी0ए0 प्रा0लि0 प्रथम तल, नोर्थ विंग, प्लॉट-7, एक्सकाम हाउस, साकी विहार रोड, साकीनाका, अंधेरी (ईस्ट) मुम्बई-400072
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री नवीन कुमार तिवारी
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 09.01.2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी संजीव कुमार जैन द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम आगरा द्वारा परिवाद सं0-64/2020 में पारित एक पक्षीय आदेश दिनांक 30.8.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
-2-
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा बीमा से सम्बन्धित प्रत्यर्थी बीमा कम्पनी की देयता हेतु प्रस्तुत परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख योजित किया गया, जो यद्यपि पूर्व में कुछ तिथियों पर सूचीबद्ध हुआ, परन्तु कोविड महामारी के कारणवश अन्य परिवादों के साथ उपरोक्त परिवाद भी स्थगित किया गया। निश्चित तिथि दिनांक 30.8.2022 को परिवादी व्यक्तिगत कारण से एवं परिवाद की तिथि के सम्बन्ध में जानकारी न होने के कारण उपस्थित नहीं हो सका, जिसमें किसी प्रकार का कोई दुराशय नहीं था, तद्नुसार अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि एक अवसर अपीलार्थी को सुनवाई का प्रदान किया जाना न्यायहित में उचित होगा।
हमारे विचार से उपरोक्त परिवाद, परिवादी की अनुपस्थिति में अदम पैरवी के कारण खारिज किया गया है, परन्तु आदेश में अपेक्षित समुचित विवरण उल्लिखित किया जाना नहीं पाया गया। तद्नुसार परिवाद बिना किसी गुणदोष पर विचार एवं टिप्पणी किये प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-64/2020 में पारित आदेश दिनांक 30.8.2022 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-64/2020 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, इस आदेश की प्राप्ति से 06 माह की अवधि में बिना किसी पक्ष को स्थगन प्रदान करते हुए करना सुनिश्चित करें।
-3-
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 31.01.2023 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जाए।
इस आदेश की प्राप्ति से प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के अधिवक्ता को इस आदेश की सूचना दो सप्ताह की अवधि में अपीलार्थी/परिवादी के अधिवक्ता द्वारा प्राप्त करायी जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वइ इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1