Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/201/2008

RAJKUMARI - Complainant(s)

Versus

LIC - Opp.Party(s)

10 Apr 2019

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/201/2008
( Date of Filing : 15 Oct 2008 )
 
1. RAJKUMARI
AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. LIC
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 10 Apr 2019
Final Order / Judgement

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 201 सन् 2008

   प्रस्तुति दिनांक 15.10.2008

                                     निर्णय दिनांक 10.04.2019

  1. राजकुमारी उम्र लगo 56 वर्ष ..................... पत्नी स्वo रामसूरत
  2. आशीष उम्र लगo 25 वर्ष
  3. अनुराग उम्र लगo 20 वर्ष ....................... पुत्रगण स्वo रामसूरत
  4. सुषमा उम्र लगo 36 वर्ष
  5. सुमन उम्र लगo 33 वर्ष
  6. संगीता उम्र लगo 31 वर्ष
  7. सीमा उम्र लगo 29 वर्ष ...........................पुत्रीगण स्वo रामसूरत

साo मौo अतरौलिया तहo बूढ़नपुर, जिला- आजमगढ़।

  •  

 

बनाम

भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड जरिए शाखा प्रबन्धक भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड शाखा कार्यालय रैदोपुर ऑफीसर्स कालोनी तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।

...................................................................................विपक्षी।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि परिवादी नम्बर 01 के पति व परिवादी संख्या 02 ता 07 के पिता जीवन बीमा पॉलिसी नम्बर 292526372 का आजमगढ़ से करवाया था और उसकी किश्त नियमित रूप से जमा की जाती रही है। अंतिम प्रीमियम जमा करने के उपरान्त दिनांक 04.10.2006 को पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो गयी। पॉलिसी का क्लेम सम्बन्धित कार्यालय में अप्लाई किया, किन्तु विपक्षी ने पॉलिसी होल्डर बीमा की तिथि से पहले से बीमारी हालत में चल रहा था तथा बिना किसी रिकार्ड के यह भी आरोप लगाया गया था कि संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट से बीमाधारक का इलाज चल रहा था उक्त आपत्ति के विरूद्ध ...                                                          P.T.O.

2

परिवादीगण ने विपक्षी से इस सन्दर्भ में विवरण मांगा कि पॉलिसी होल्डर दिनांक 11.09.2006 के पूर्व बीमारी के सम्बन्ध में कोई रिकार्ड न होने के कारण जवाब देने में विपक्षी असमर्थ रहा। उपरोक्त आधार पर परिवादीगण ने भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड से संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट के रिपोर्ट से अवगत कराया गया तो विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड उक्त सम्बन्ध में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा सका। परिवादीगण ने विपक्षी से यही कहा कि पॉलिसी होल्डर दिनांक 11.09.2006 के पूर्व संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट में इलाज चल रहा था बिल्कुल गलत है। क्योंकि उसके विषय में कोई जानकारी नहीं है न तो बीमा होल्डर का कोई चिकित्सकीय इलाज हुआ। इसके अलावां अधिकृत एजेन्ट तथा अधिकृत डॉक्टर ने बीमा के पूर्व चेकअप किया तथा पूर्ण संतुष्ट होने के उपरान्त पॉलिसी होल्डर का बीमा किया। बीमा कम्पनी कोई भुगतान नहीं कर रही है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह 1,00,000/- रुपया मय बोनस मृत्यु दिनांक 04.10.2006 से भुगतान की तिथि तक 11% वार्षिक ब्याज अदा करे। मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 50,000/- रुपये अदा करे।

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 6/1 राजकुमारी द्वारा बीमा कम्पनी को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 मण्डलीय कार्यालय गोरखपुर को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ द्वारा राजकुमारी को लिखे गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है।

विपक्षी द्वारा कागज संख्या 7/1 जवाबदावा दिनांक 03.02.2010 को प्रस्तुत किया गया था, जबकि उसे जवाबदावा दाखिल करने हेतु दिनांक 01.12.2008 को ही आदेशित किया गया था। दिनांक 26.10.2009 के आदेश पत्र में भी लिखा हुआ है कि                                                        P.T.O.

3

पक्षकारगण उपस्थित आए। इस सन्दर्भ में यदि हम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 13(1)(ए.) का परिशीलन करें तो इसमें यह प्रावधान दिया गया है कि जवाबदावा विपक्षी के हाजिर होने के 30 दिन के अन्दर अथवा यदि उस अवधि को बढ़ा दिया जाए तो 45 दिन के अन्दर दाखिल किया जाना चाहिए। विपक्षी द्वारा उपरोक्त समय के अन्दर अपना जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः उस जवाबदावे को निर्णय में लिखने की कोई आवश्यकता नहीं है। चूंकि विपक्षी द्वारा कोई जवाबदावा नहीं प्रस्तुत किया गया है। अतः ऐसी स्थिति में उसके द्वारा प्रस्तुत कोई भी शपथ पत्र अथवा प्रलेखीय साक्ष्य पढ़ा नहीं जाएगा। यहाँ इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि जो जवाबदावा विलम्ब से प्रस्तुत किया गया है वह विलम्ब से क्यों प्रस्तुत किया गया। इस सन्दर्भ में भी विपक्षी ने जवाबदावा के साथ कोई प्रार्थना पत्र विलम्ब माफ करने का भी नहीं दिया है।

ऐसी स्थिति में परिवाद पत्र में किए गए कथन, शपथ पत्र में किए गए कथन तथा परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य है। परिवादी की ओर से सबूत कागज संख्या 6/3 जो प्रस्तुत किया गया है वह संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का है जिसमें यह लिखा हुआ है कि 11 सितम्बर, 2006 से पूर्व इस समय एल.आई.सी. के पास है तो कृपया उक्त मृतक का पंजीकरण संख्या एवं किस विभाग में उनका इलाज चल रहा है उसकी छायाप्रति अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराया जाए जिससे अग्रिम कार्यवाही हो सके, लेकिन विपक्षी ने ऐसा कुछ नहीं किया। अतः ऐसी स्थिति में परिवाद स्वीकार होने योग्य है।

आदेश

परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड आजमगढ़ को आदेशित किया जाता है कि वह                                                       P.T.O.

4

परिवादीगण को पॉलिसी नम्बर 292526372 के तहत 1,00,000/- (एक लाख रुपया) रुपया व बोनस मृत्यु के दिनांक 04.10.2006 तक भुगतान अन्दर तीस दिन में करें। परिवाद प्रस्तुत करने की तिति से अन्तिम भुगतान की तिथि तक विपक्षी परिवादीगण को 09% वार्षिक ब्याज भी देंगे। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को शारीरिक व मानसिक कष्ट हेतु 30,000/- रुपया (तीस हजार रुपया) भी अदा करें। 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 10.04.2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                      (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER

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