जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-298/2014
जगन्नाथ पुत्र स्वामी नाथ निवासी ग्राम चंदई तारा पोस्ट-मेहदौना तहसील मिल्कीपुर थाना इनायतनगर, जिला फैजाबाद। ..........परिवादी
बनाम
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा प्रबन्धक षाखा बेनीगंज, परगना हवेली अवध तहसील सदर जिला फैजाबाद ............ विपक्षी
निर्णय दिनाॅंक 10.03.2016
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्व मनी बैक पालिसी की धनराषि रूपये 8,247/- विपक्षी से प्राप्त करने हेतु दायर किया है।
संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम से सन् 2005 में रूपये 50,000/- की मनी बैक पालिसी सं0 215269764 दिनंाक 31-03-2005 में अपने नाम से पालिसी लिया। परिवादी को बीमा अवधि के 5 वर्श पष्चात् मनी बैक के अनुसार सन् 2010 में 10000/- रूपये होना था। परिवादी ने बीमे की किष्त में अंतिम वापसी के समय परिवादी ने एक किष्त नही जमा किया, मार्च 2010 में रूपये 8,247/- का चेक विपक्षी ने परिवादी के पते पर भेजा, जो परिवादी को नही मिला। तो परिवादी ने पता किया तो पता चला कि दूसरा ब्यक्ति जगन्नाथ जो परिवादी के गांव का रहने वाला है, उसी के खाता में ए/सी नं0 1461 में समायोजित किया है। परिवादी को रूपये 8,247/- का भुगतान विपक्षी ने नही किया।
विपक्षी ने अपने जवाबदावें में कहा कि परिवादी द्वारा पालिसी लेेना स्वीकार किया है। परिवादी द्वारा मार्च 2010 को एस0बी0 का चेक संख्या 119684 मु0 8247/- दिनंाक 28-03-2010
को तैयार किया गया और दिनंाक 30-03-2010 को पालिसी धारक के घर के पते पर भेज दिया गया था, जो पालिसीधारक ने पालिसी लेते समय अपने प्रपोजल फार्म पर अपना पता अंकित किया था। विपक्षी ने दिनंाक 22-02-2016 को अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम फैजाबाद को पत्र दिनाॅंकित 22-02-2016 के साथ एक्सिस बैंक का चेक संख्या 379107 मु0 8,247/- परिवादी श्री जगन्नाथ को भुगतान किये जाने हेतु अध्यक्ष के नाम से जमा कर दिया गया। अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम के खाते में दिनंाक 26-02-2016 को उक्त धनराषि जमा हो चुकी है। यह धनराषि निर्णय के पूर्व जमा कर दिया है। परिवादी इस धनराषि को प्राप्त करने का अधिकारी है। इस प्रकार मैं इस परिवाद में बल नही पाता हूं परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.03.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष