Rajasthan

Jhunjhunun

CC/139/2015

Bhavarlal - Complainant(s)

Versus

LIC - Opp.Party(s)

Shiv Hari Prasad

25 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/139/2015
 
1. Bhavarlal
Bapu Basti, Vard no.23,Jhunjhunu
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. LIC
Indara Nagar,Jhunjhunu
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Shiv Hari Prasad, Advocate
For the Opp. Party: L.B.Jain, Advocate
ORDER


तारीख हुक्म
                                                                   परिवाद संख्या 139/15

              हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज 
भंवरलाल    बनाम       भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा कार्यालय जीवन ज्योति
                       इन्द्रानगर, झुंझुनू जरिये शाखा प्रबंधक वगैरह                                                              नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए

25.06.2015              परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
     परिवादी की ओर से वकील श्री षिव हरिप्रसाद उपस्थित। विपक्षीगण की ओर से वकील श्री लालबहादुर जैन उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।       
     विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी की पत्नी श्रीमती सरबती देवी विपक्षी नं0 1 के यहां स्वीपर के पद पर नौकरी करती थी तथा विपक्षी संख्या 2 अपने व्यवसाय में लाभ अर्जित करने के लिये हैल्थ केयर पालिसी जरिये विपक्षी नं0 1 करता था। विपक्षी संख्या 2 के अनुबंध के मुताबिक जरिये विपक्षी संख्या 1 परिवादी की पत्नी  ने हैल्थ केयर पालिसी Sum Insured 85000ध्. ले रखी थी तथा प्रीमियम अनुबंध के मुताबिक परिवादी की पत्नी की सैलेरी से विपक्षी संख्या 1 कटौती कर विपक्षी संख्या 2 के पास जमा करवाता था। परिवादी उसकी पत्नी द्वारा ली गई पालिसी में टाईमपार्ट नोमिनी था। इसलिये परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है।
     विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन  किया है कि परिवादी की पत्नी श्रीमती सरबती का दौराने चालू हैल्थ केयर मेडिकल बीमा दिनांक 25.10.2013 को मृत्यु हो गई। परिवादी ने अपनी पत्नी का मेडिक्लेम प्राप्त करने के लिये दिनांक 30.05.2014 को विपक्षी संख्या 1 के कार्यालय में आवेदनपत्र जमा करवाया जो विपक्षी संख्या 1 ने विपक्षी संख्या 2 के कार्यालय में पेष किया जिस पर विपक्षी संख्या 2 द्वारा दिनांक 04.06.2014 के पत्र द्वारा चाहे दस्तावेजात परिवादी ने दिनांक 04.06.2014 को तीन प्रतियों में भरकर विपक्षी संख्या 2 के कार्यालय में प्रस्तुत कर दिये लेकिन परिवादी को किसी प्रकार का मेडिक्लेम नहीं मिला। परिवादी ने विपक्षीगण के कार्यालय से सम्पर्क किया तो कहा कि समय ज्यादा हो चुका है इसलिये क्लेम नहीं दिया जा सकता। 
अन्त में विद्धान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार कर विपक्षीगण से मेडिक्लेम दावा राषि 30297/-रूपये मय ब्याज दिलाये जाने का निवेदन किया।   
     

     विद्धान् अधिवक्ता विपक्षीगण ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि विपक्षी संख्या 2 से इस दावे का भुगतान विपक्षी निगम के यहां दिनांक 30 दिसम्बर,2014 को NEFT के माध्यम से प्राप्त हुआ, जिस पर विपक्षी निगम की ओर से परिवादी के बैंक खाता संख्या 44860100000020  खाता IFSC Code BARBOBRGBXX(BOB ग्रामीण बैंक झुंझुनू) में NEFT के माध्यम से दिनांक 31 दिसम्बर,2014 को 27,297/-रूपये का भुगतान जमा करा दिया गया है। परिवादी को उक्त दावे से सम्बन्धित सम्पूर्ण राषि पूर्ण व अन्तिम भुगतान के रूप में करदी गयी है। अब कोई राषि देय नहीं है।
अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण ने निवेदन किया कि परिवादी का परिवाद मय हर्जा खर्चा खारिज फरमाया जावे। 
उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
प्रस्तुत प्रकरण मे दिनांक 16.06.2015 को परिवादी भंवरलाल की ओर से एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कथन किया गया है कि उसे दिनांक 31.12.2014 को उसके उपरोक्त खाता संख्या 44860100000020 के अन्तर्गत 27297/-रूपये का भुगतान विपक्षीगण से प्राप्त हो चुका है तथा अब वह परिवाद नहीं चलाना चाहता है। विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत जवाब से भी इस तथ्य की पूर्ण रूप से पुष्टि होती है। इस प्रकार प्रकरण के तमाम तथ्यों व परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अब हस्तगत परिवाद पत्र में कोई विवाद शेष नहीं रह जाता है। 
उपरोक्त विवेचन के फलस्वरूप परिवादी की ओर से प्रस्तुत यह परिवाद सारहीन होने से खारिज किए जाने योग्य है, जो एतद्द्वारा खारिज किया जाता है।
खर्चा पक्षकारान अपना-अपना स्वंय वहन करेगें।
आदेश आज दिनांक 25.06.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया।
पत्रावली फैसल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो। 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

    
        

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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