( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 1375/2024
सत्य पाल सिंह यादव बनाम लिबर्टी सूज व एक अन्य
दिनांक : 27-09-2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-51/2020 सत्य पाल बनाम लिबर्टी सूज में जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 17-05-2024 के विरूद्ध प्रस्तुत अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
‘’आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग, प्रथम लखनऊ ने परिवाद परिवादी की अनुपस्थित एवं अदम पैरवी में खारिज कर दिया है।‘’
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिक्ता श्री प्रशान्त वैश्य उपस्थित आए जब कि प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि वह जिला आयोग के समक्ष निश्चित तिथि पर उपस्थित होकर वाद की पैरवी नहीं कर सके और जिला आयोग द्वारा उनकी अनुपस्थिति एवं अदम पैरवी में वाद को निरस्त कर दिया है, अत: उसे वाद की पैरवी एवं अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु एक समय प्रदान किया जावे जिससे कि वह जिला आयोग के सम्मुख उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत कर सके।
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मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्त न्यायहित में प्रस्तुत अपील स्वीकार किये जाने योग्य पायी जाती है। तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है और जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग के इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग उपभपक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर 01 वर्ष की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें1
उभयपक्ष जिला आयोग के सम्मुख दिनांक 06-11-2024 को उपस्थित होंवे। पुन: स्थगन स्वीकार नहीं किया जावेगा। विपक्षीगण को नियत तिथि की सूचना नियमानुसार उपस्थित करायी जावेगी।
अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को विधि अनुसार निस्तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1