Manu Agrawal filed a consumer case on 21 Apr 2017 against LG India Electronics in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/183/2016 and the judgment uploaded on 28 Sep 2018.
1.एल0जी0 इण्डिया इलेक्ट्रॉनिक्स लि0, रजिस्टर्ड कार्यालय-स्थित प्लाट नं0-51 उद्योग बिहार, सूरजपुर कासना रोड ग्रेटर नौएडा, स्थानीय बिजनेस कार्यालय स्थित-कानपुर नगर द्वारा डाइरेक्टर।
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण से, प्रष्नगत टी.वी.माडल नं0-स्।7400 के स्थान पर अद्यतन मॉडल का नया टी.वी.सेट दिलाया जावे अथवा विकल्प में 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रष्नगत टी.वी. सेट की कीमत दिलायी जावे, मानसिक एंव षारीरिक क्षति के लिये रू0 5,00,000/-तथा परिवाद व्यय दिलाया जावे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा 47 इंच का एक स्ळ टी.वी.माडल नं0-स्।7400एब्च् स्म्क्एज्ट 3047श् विपक्षी सं0-2 से दिंनाक 12.02.2014 को उनके दुबई स्थित षोरूम से क्रय किया गया। जिसकी एक वर्श की वारण्टी थी। प्रष्नगत टी.वी. दिरहम 4199.00 में क्रय किया गया था। विपक्षी सं0-1 प्रष्नगत टी.वी. की निर्माता कम्पनी है। निर्णय में आगे इस टीवी को प्रष्नगत टी.वी. से उल्लिखित किया जावेगा। प्रष्नगत टी.वी. स्विच ऑन करने पर 8 इंच का काला कॉलम प्रष्नगत टी.वी.के दॉहिने ओर स्क्रीन में दिखने की कमी पायी गई। जिसकी षिकायत तुरन्त दिंनाक 13.02.2014 को जरिये ईमेल, षिकायत सं0-त्छ।1402ध्3005976 की गई। तदोपरान्त विपक्षी सं0-2 के द्वारा प्रष्नगत टी0वी0 ठीक किया गया। किन्तु उक्त समस्या पुनः उत्पन्न हुई। फलस्वरूप विपक्षी सं0-3 को पुनः प्रष्नगत टी.वी. मरम्मत हेतु भेजा गया। इस बार दिंनाक 03.03.2014 से काफी लम्बे समय तक विपक्षी सं0-3 के सर्विस सेन्टर में रहा। विपक्षी के एरिया सेल्स मैनेजर मंजरी यादव एंव वरि0 षाखा प्रबंधक कारिणीं सत्यनारायण के द्वारा टेलीफोन पर, बातचीत के दौरान प्रष्नगत टी.वी. में भारी कमी बतायी गई। जो कि ठीक नहीं की गई। किन्तु दिंनाक 02.05.2014 को परिवादिनी की षिकायत, बिना परिवादीको सूचित किये हुये बंद कर दी गई। जबकि प्रष्नगत टी.वी. फरवरी 2014 में ही क्रय किया गया था। फलस्वरूप परिवादिनी को दिंनाक 03.05.2014 को षिकायत सं0-त्छ।1405030ध्8753 दर्ज करानी पड़ी। जिस पर विपक्षी के गाजियाबाद कार्यालय से परिवादी को सूचित किया गया कि अब प्रष्नगत टी.वी. की मरम्मत नहीं की जा सकती। उससे परिवादिनी को भारी मानसिक कश्ट हुआ। तदोपरान्त परिवादिनी द्वारा दिंनाक 23.07.2014 को षिकायत सं0-त्छ।140723010096 दर्ज करायी गई। परिवादी की यह षिकायत बिना परिवादी को कोई उत्तर दिये हुये, एकतरफा बंद कर दी गई। परिवादी द्वारा पुनः दिंनाक 13.08.2014 को पंजीकृत षिकायत सं0- त्छ।140813049231 की गई। तदोपरान्त परिवादी को सूचित किया गया कि प्रष्नगत टी.वी. का पैनल बदलना पड़ेगा। वास्तव में यह त्रुटि, वह त्रुटि है जो कि प्रष्नगत टी.वी., इंस्टाल करने के समय से ही थी। विपक्षीगण की संयुक्त व पृथक रूप से जिम्मेदारी है कि वे परिवादी को समुचित सेवा प्रदान करते। किन्तु विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी कारित की गई है और इस प्रकार से परिवादी को तंग व परेषान किया गया है। प्रष्नगत टी.वी. में प्रारम्भ से ही निर्माणीं त्रुटि थी। जिसे विपक्षीगण के द्वारा ठीक नहीं किया गया। दिंनाक 23.03.2015 को प्रष्नगत टी.वी. में पावर सप्लाई यूनिट की कमी की सूचना भी विपक्षीगण को दी गई थी। दिंनाक 24.03.2015 को विपक्षी के इंजीनियर के द्वारा प्रष्नगत टी.वी. का निरीक्षण किया गया और परिवादी को यह सूचित किया गया कि प्रष्नगत टी.वी. के लिये पावर सप्लाई यूनिट इनके पास नहीं है। विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
4.विपक्षी सं0-1 एंव 3 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र के तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि निर्माता वारण्टी कार्ड में दी गई षर्तो के अनुसार प्रष्नगत टी.वी. क्रय करने के बाद से एक वर्श की वारण्टी प्रदान करता है। जिसमें उत्पाद की टूट-फूट के कारण आयी खराबी संरक्षित नहीं है। परिवादी द्वारा प्रष्नगत एल.ई.डी. क्रय करते समय उसका पूर्ण संचालन देखकर क्रय किया गया था। प्रष्नगत टी.वी.सेट दुबई से इण्डिया लाने में लुई लापरवाही के कारण खराब हुआ है। परिवादी की दिंनाक 13.02.2014 की षिकायत पर प्रष्नगत एल.ई.डी. में बाहरी जर्क लगने के कारण स्क्रीन में खराबी आ गई थी। अतः पूरी स्क्रीन नयी लगाकर दिंनाक 23.02.2014 को, सही हालत में प्रष्नगत टी.वी. परिवादी को दी गई थी। परिवादी का यह कथन असत्य है कि उसने दिंनाक 03.03.2014 को पुनः षिकायत दर्ज करायी। वास्तविकता यह है कि परिवादी ने दिंनाक 23.03.2014 को डिसप्ले प्राब्लम की षिकायत की थी। जिसका जॉब नं0-त्छ।140323075058 था। तदोपरान्त सर्विस सेन्टर में उत्पाद मॅगा लिया गया। परन्तु पार्ट उपलब्ध न होने की सूचना उपभोक्ता को सर्विस सेन्टर द्वारा दी गई। परिवादी का एल.ई.डी.बाहर दुबई में क्रय किया गया था। अतः उसके पार्ट भी बाहर से मॅगाने में देर लगने हेतु सर्विस सेन्टर उत्तरदायी नहीं है। निर्माता कम्पनी वारण्टी षर्तो के अंतर्गत खराब हुये पार्ट को बदलकर नये पार्ट लगाकर उसे पुनः संचालित करने हेतु उत्तरदायी है। परन्तु किसी खराबी के कारण सम्पूर्ण उत्पाद बदलकर देने के लिये उत्तरदायी नहीं है। प्रष्नगत टी.वी. का पार्ट आ जाने पर प्रष्नगत टी.वी. सर्विस सेन्टर में मॅगाकर दिंनाक 17.06.2014 को, उसका स्क्रीन बदलकर, नया लगाया गया। इस प्रकार पुनः ठीक करके वापस कर दिया गया। इस प्रकार विपक्षीगण की सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। परिवादी द्वारा वास्तविक तथ्यों को छिपाकर निर्माता व सर्विस सेन्टर के ऊपर असत्य दोशारोपण किया गया है। परिवादी द्वारा दिंनाक 23.07.2014 को षिकायत दर्ज कराने पर उसका एल.ई.डी., घर जाकर चेक कराया गया, जिसमें कोई खराबी नहीं थी। सेट पूर्णतः सही कार्य कर रहा था। परिवादी द्वारा वारण्टी अवधि में अंतिम बार दिंनाक 11.09.2014 को अपनी एल.ई.डी. के विशय में षिकायत दर्ज करायी गई तथा उक्त तारीख को ही एल.ई.डी. में नयी स्क्रीन लगाकर उसे पूर्ण संतुश्टि में प्रदान की गई है। परिवादी के टी.वी. में यदि निर्माण दोश होता तो वह पार्ट बदलने पर पुनः कार्य नहीं करता। परिवादी का निर्माण दोश के सम्बन्ध में किया गया कथन अप्रमाणित ,असत्य तथा अस्वीकार है । विपक्षीगण/उत्तरदातागण वारण्टी के अंतर्गत केवल पार्ट बदलने हेतु तथा सर्विस देने हेतु पाबंद हैं। नया टी.वी. बदलकर देने के लिये पाबंद नहीं हैं। परिवादी द्वारा दिंनाक 11.09.2014 को अपना प्रष्नगत टी.वी. ठीक कराने के बाद प्रष्नगत टी.वी. में वारण्टी अवधि दिंनाक 11.02.2015 को समाप्त हो गई थी। इस बीच परिवादी द्वारा कोई षिकायत दर्ज नहीं करायी गई। परिवादी द्वारा प्रष्नगत एल.ई.डी. का बिना षिकायत पूर्ण उपयोग किया जाता रहा है तथा अंत में दिंनाक 23.03.2015 को षिकायत दर्ज करायी गई, जो ।जिमत ॅंततंदजल थी। दिंनाक 23.03.2015 को षिकायत प्राप्त होने पर, प्रष्नगत एल.ई.डी. दिंनाक 24.03.2015 को चेक कराया गया, जिसमें कोई खराबी नहीं पायी गई। केवल उसका साफ्टवेयर रिमोट से रिसेट किया गया था। प्रष्नगत एल.ई.डी. पूर्णतः कार्य कर रहा था। उसके किसी पार्ट में कोई खराबी नहीं थी। परिवादी द्वारा टैक्नीषियन चार्ज मुबलिग 1100/-रू0 का भुगतान नहीं किया गया, जो कि आज तक बकाया है। परिवादी के दिंनाक 23.04.2015 की षिकायत पर प्रष्नगत एल.ई.डी. में वोल्टेज उतार-चढाव के कारण पावर सप्लाई व पी.वी.सी. बोर्ड में खराबी पायी गई। किन्तु परिवादी प्रष्नगत टी.वी. की वारण्टी दिंनाक 11.02.2015 को समाप्त हो जाने के कारण, परिवादी द्वारा पार्टस का मूल्य अदा करने पर प्रष्नगत एल.ई.डी.ठीक किया जा सकता था। किन्तु परिवादी पार्टस का मूल्य अदा करने के लिये तैयार नहीं हुआ। जिसके लिये परिवादी स्वॅय उत्तरदायी है। परिवादी द्वारा विपक्षीगण पर अनुचित दवाब डालकर मुफ्त सेवा व पार्ट बदलने की मंषा से परिवाद दाखिल किया गया है जो विधिक रूप से पोशणींय नहीं है। परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
4. विपक्षी सं0-2 की ओर से बावजूद तामीला कोई उपस्थित नहीं आया न ही परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र के तथ्यों के खण्डन में कोई जवाबदावा अथवा प्रलेखीय/षपथपत्रीय साक्ष्य दाखिल किया गया। अतः फोरम द्वारा दिंनाक 24.10.2017 को विपक्षी सं0-2 के विरूद्व कार्यवाही एकपक्षीय चलने का आदेष पारित किया गया।
5. परिवादी की ओर से विपक्षी सं0-1 व 3 के जवाबदावा के खण्डन में प्रति उत्तर दाखिल किया गया है। जिसमें परिवाद पत्र के तथ्यों की पुश्टि की गई है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 21.03.2016, षपथपत्र दिंनाकित 21.04.2017 व षपथपत्र के साथ संलग्नक के रूप में कागज सं0-10/1 लगायत 10/17 क्रमषः टी.वी. क्रय की रसीद, वारण्टी सर्विस, ईमेल सूचना प्रपत्र , रिटेल इनवाइस, सत्यापित करके दाखिल किये हैं। परिवादी ने सूची दिंनाकित 21.03.2016 से प्रष्नगत टी.वी. का रिटेल इनवाइस, टी.वी. की त्रुटि के सम्बन्ध में की गई जी.मेल कापी, वारण्टी सर्विस व ऑथ्राइज्ड सर्विस सेन्टर की जॉबषीट आदि प्रपत्रों की छायाप्रतियॉ दाखिल की हैं।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-1 व 3 की ओर से जवाबी षपथपत्र अनिल कुमार यादव पुत्र राम किषन यादवव सर्विस इंचार्ज कानपुर रीजन एल.जी. इलेक्ट्रॉनिक्स (इण्डिया) प्रा0 लि0 रजिस्टर्ड आफिस-51 कासना रोड नौएडा का षपथपत्र दिंनाकित 11.07.2017 दाखिल किया गया है।
8. पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय साक्ष्यों का तथा प्रलेखीय साक्ष्यों का यथा-आवष्यक स्थान पर आगे निर्णय में उल्लेख किया जायेगा।
निष्कर्श
8. परिवादी एंव विपक्षी सं0-1 व 3 के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में निम्नलिखित विचारणींय वाद बिन्दु बनते हैंः-
1.क्या प्रष्नगत टी.वी.सेट दुबई से इण्डिया लाने में हुई लापरवाही के कारण खराब हुआ है, यदि हॉ तो प्रभाव?
2.क्या प्रष्नगत टी.वी.सेट में कोई निर्माणीं त्रुटि है, यदि हॉ तो प्रभाव?
3.अनुतोष।
निस्तारण वाद बिन्दु सं0-1. क्या प्रष्नगत टी.वी.सेट दुबई से इण्डिया लाने में हुई लापरवाही के कारण खराब हुआ है, यदि हॉ तो प्रभाव?
यह वाद बिन्दु सिद्व करने का भार विपक्षी सं0-1 व 3 का है। विपक्षी सं0-1 व 3 की ओर से यह कथन किये गये हैं कि प्रष्नगत टी.वी.सेट परिवादी द्वारा दुबई से क्रय करके इण्डिया लाया गया है। प्रष्नगत टी.वी.सेट में दुबई से इण्डिया लाने में हुई लापरवाही के कारण खराबी आयी है। इस सम्बन्ध में परिवादी का कथन यह है कि दुबई से इण्डिया लाने में प्रष्नगत टी.वी. में खराबी नहीं हुई है। प्रष्नगत टी.वी. को बहुत सम्भाल कर दुबई से इण्डिया लाया गया है।
उपरोक्तानुसार उपरोक्त वाद बिन्दु पर उभय पक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि यद्यपि यह वाद बिन्दु सिद्व करने का भार विपक्षी सं0-1 व 3 का है। किन्तु विपक्षी सं0-1 व 3 के द्वारा अपने उपरोक्त कथन को प्रमाणित करने के लिये कोई साक्ष्य प्रस्तुत न हीं किया गया है।
अतः प्रस्तुत वाद बिन्दु परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षीगण-1 व 3 के विरूद्व निस्तारित किया जाता है।
निस्तारण वाद बिन्दु सं0-2. क्या प्रष्नगत टी.वी.सेट में कोई निर्माणीं त्रुटि है, यदि हॉ तो प्रभाव?
यह वाद बिन्दु सिद्व करने का भार परिवादी पर है। इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह तर्क किये गये हैं कि प्रष्नगत टी.वी.सेट दिंनाक 12.02.2014 को विपक्षी सं0-1 के दुबई स्थित षोरूम से क्रय किया गया था। विपक्षी सं0-1 प्रष्नगत टी.वी. की निर्माता कम्पनी है। प्रष्नगत टी.वी. स्विचऑन करने पर 8 इंच का काला कॉलम प्रष्नगत टी.वी. के दॉहिने ओर स्क्रीन पर देखने की कमी, चलने की कमी पायी गई। जिसकी षिकायत तुरन्त दिंनाक 13.02.2014 को जरिये ईमेल, षिकायत सं0- त्छ।1402ध्3005976 पर की गई। परिवादी के उपरोक्त कथन से स्पश्ट होता है कि प्रष्नगत टी.वी. क्रय करने के एक माह एक दिन में ही उपरोक्त समस्या उत्पन्न हो गई। उक्त समस्या दिंनाक 03.03.2014 को विपक्षी के सर्विस सेन्टर, विपक्षी सं0-3 के द्वारा दोबारा भेजने पर ठीक की गई। विपक्षी सं0-1 व 3 की ओर से यह स्वीकार किया गया है कि प्रष्नगत टी.वी. में षिकायत आने पर परिवादी द्वारा दिंनाक 13.02.2014 को षिकायत की गई है। उक्त षिकायत पर पूरी स्क्रीन नयी लगाकर दिंनाक 23.02.2014 को प्रष्नगत टी.वी.सेट परिवादी को वापस किया गया। स्वॅय विपक्षीगण के द्वारा परिवादी की दूसरी षिकायत दिंनाकित 23.03.2014, षिकायत सं0-त्छ।140323075058 स्वीकार की गई है और तत्सम्बन्धित षिकायत को दूर करने के लिये आवष्यक पार्ट बाहर से मॅगाने पर मरम्मत करके देने में देर लगना भी स्वीकार किया गया है। पुनः विपक्षीगण के द्वारा दिंनाक 17.06.2014 को प्रष्नगत टी.वी. की स्क्रीन बदलकर नयी स्क्रीन लगाया जाना स्वीकार किया गया है। विपक्षीगण के द्वारा उपरोक्त तथ्यों को स्वीकार करने के पष्चात पुनः वारण्टी अवधि समाप्त होने के पश्चात दिंनाक 23.03.2015 की षिकायत को ।जिमत ॅंततंदजल बताया गया है और यह भी कहा गया है कि प्रष्नगत एल.ई.डी. दिंनाक 24.03.2015 को चेक कराया गया, जिसमें कोई खराबी नहीं पायी गई। केवल उसका साफ्टवेयर रिमोट से त्म.ेमज किया गया था। विपक्षीगण के द्वारा विरोधाभाशी बयान करते हुये यह भी कहा गया है कि परिवादी के प्रष्नगत टी.वी. की वारण्टी दिंनाक 11.02.2015 को समाप्त हो जाने के कारण, परिवादी द्वारा पार्टस का मूल्य अदा करने पर प्रष्नगत एल.ई.डी. ठीक की जा सकती थी। किन्तु परिवादी पार्टस का मूल्य अदा करने के लिये तैयार नहीं हुआ। इसके लिये परिवादी स्वॅय उत्तरदायी है। विपक्षीगण के द्वारा उपरोक्त दोनो कथन, एक यह कि दिंनाक 24.03.2015 को प्रष्नगत टी.वी. सेट में कोई खराबी नहीं पायी गई और दूसरा यह कथन कि, दिंनाक 11.02.2015 को परिवादी द्वारा पार्टस का मूल्य अदा करने पर प्रष्नगत एल.ई.डी. ठीक किया जा सकता था। किन्तु परिवादी पार्टस का मूल्य अदा करने के लिये तैयार नहीं हुई, जिसके लिये परिवादी स्वॅय उत्तरदायी है - दोनो विरोधाभाशी कथन हैं। विपक्षीगण की ओर से किये गये उपरोक्त विरोधाभाशी कथन के कारण विपक्षीगण का कथन सत्यता से परे प्रतीत होता है। प्रष्नगत एल.ई.डी. क्रय करने के एक माह के अंदर ही खराब हो जाने के कारण और पुनः वारण्टी अवधि में ही खराब हो जाने के कारण फोरम का यह मत है कि प्रष्नगत टी.वी. प्रारम्भ से ही खराब थी। इस सम्बन्ध में भ्वदवनतंइसम क्मसीप ैजंजम ब्वउउपेपवद द्वारा भ्नदकंप डवजवत प्दकपं स्जक टध्े स्जण्ब्वस ैण्च्ण्ैण्त्माप दृब्च्श्र.2015 टवसनउम.3 में यह विधिक सिद्वान्त प्रतिपादित किया गया है कि, श्डंदनिंबजनतपदह कममिबज. प्द उवकमतद जपउमे सपमि पे मगजतमउमसल इनेलए चमवचसम कवदष्ज ींअम जपउम जव जांम जीमपत इतंदक दमू बंत जव ूवतोवच तिमुनमदजसल वित तमचंतपदह कममिबजेण् दृ । इतंदक दमू बंत वि अमतल ीपही ुनंसपजल ंदक चवजमदबल पे मगचमबजमक जव तनद जव 70.80ए000 ाउे ूपजीवनज ंदल चतवइसमउ दृ ब्वउचसंपदंदज ेनिमितमक ं सवज पद हमजजपदह ीपे बंत तमचंतमक जपउम ंदक ंहंपद. छव िंनसज पद पउचनहदमक वतकमते ीमदबम बवदपितउमकण्
मान0 राज्य आयोग दिल्ली के द्वारा उपरोक्त मामले में प्रतिपादित विधिक सिद्वान्त प्रस्तुत मामले में लागू होते हैं जिसका लाभ परिवादी को प्राप्त होता है और फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि प्रस्तुत मामले में निर्माणीं त्रुटि थी। जैसा कि परिवादी द्वारा कहा गया है, वरना प्रष्नगत टी.वी. क्रय करने के एक माह से ही परिवादी को बार-बार ठीक कराने के लिये क्यों जाना पड़ता?
अतः प्रस्तुत वाद बिन्दु परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षीगण के विरूद्व निस्तारित किया जाता है।
वाद बिन्दु संख्या-3 अनुतोश-
उपरोक्त वाद बिन्दुओं में दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंॅषिक रूप से उसे प्रष्नगत टी.वी. का मूल्य 4199 दिरहम, जिसकी भारतीय मुद्वा की कीमत, दिंनाक 12.02.2014 में जो थी, मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दौरान मुकदमा तायूम वसूली विपक्षी सं0-1 निर्माता कम्पनी से, प्रष्नगत टी.वी. सेट वापस परिवादी से प्राप्त करके दिलाये जाने हेतु अथवा उसी मॉडल का दूसरा नया टी.वी. परिवादी को उपलब्ध कराने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है एंव रू0 5000/-परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहॉ तक अन्य याचित उपषम का प्रष्न है - के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
प्रस्तुत मामले में विपक्षी सं0-2 प्रष्नगत टी.वी. का विक्रेता है और विपक्षी सं0-3 प्रष्नगत टी.वी. का सर्विस सेन्टर है। सर्विस सेन्टर का कार्य सेवा देना है और विक्रेता का कार्य विक्रय करना है। यदि निर्माणीं त्रुटि है तो उसके लिये निर्माता कम्पनी को ही उत्तरदायी बनाया जाना न्यायसंगत है। अतः विपक्षी सं0-2 एंव 3 के विरूद्व परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
:ःआदेषःःः
9. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, उपरोक्त कारणों से, ऑषिक रूप से विपक्षी सं0-1 निर्माता कम्पनी के विरूद्व स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 को आदेषित किया जाता है कि वह प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी को प्रष्नगत टी.वी. का मूल्य 4199 दिरहम, जिसकी भारतीय मुद्वा की कीमत जो, दिंनाक 12.02.2014 में थी, मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दौरान मुकदमा तायूम वसूली अदा करे तथा प्रष्नगत टी.वी. सेट वापस परिवादी से प्राप्त करे एंव रू0 5000/- (पॉच हजार रू0) परिवाद व्यय अदा करे अथवा उसी मॉडल का दूसरा नया टी.वी.परिवादी को प्रदान करे।
विपक्षी सं0-2 एंव 3 के विरूद्व परिवाद खारिज किया जाता है।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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