जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम कानपुर नगर
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या
पुरूशोत्तम सिंह..............................................सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्याः-469/2013
प्रदीप कुमार गुप्ता एडवोकेट पुत्र श्री डी.पी. गुप्ता निवासी मकान नं0-68/172, लोकमन मोहाल, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. मे0 एल.जी. इलेक्ट्रानिक्स लि0 ए-27 मोहन को0इण्ड0 इस्टेट मथुरा रोड नई दिल्ली द्वारा प्रबन्ध निदेषक।
2. मे0 फ्रेण्ड्स रेडियो एण्ड ग्रामोफोन कार 24/42 बिरहाना रोड, कानपुर नगर द्वारा प्रोपराइटर।
..............विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.09.2013
निर्णय की तिथिः 30.11.2015
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी द्वारा परिवादी को निर्माणी त्रुटिरहित रेफ्रिजरेटर देने का आदेष किया जाये, परिवादी/उपभोक्ता के षारीरिक, मानसिक क्लेश के लिए रू0 10000.00 एवं वाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार, संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि विपक्षी सं0-2, विपक्षी सं0-1 का अधिकृत विक्रेता है। विपक्षी सं0-1 द्वारा निर्मित एक रेफ्रिजरेटर माॅडल नं0-जी.एल. 285 बी.ई.जी. 5 सीरियल नं0- 212 पी.आर.टी.वाई. 014369 रू0 18300.00 में रसीद सं0-1647 से परिवादी ने क्रय किया था। किन्तु उक्त रेफ्रिजरेटर कूलिंग नहीं कर रहा था, जिसकी षिकायत विपक्षी सं0-2 को तुरन्त मौखिक रूप से की गयी। पुनः विपक्षी सं0-1 के टोल-फ्री नम्बर पर की गयी। विपक्षी सं0-1 का मैकेनिक आया, किन्तु ठीक न कर सका। परिवादी द्वारा विभिन्न तिथियों पर विपक्षी सं0-1 के टोलफ्री सेंटर में लगातार षिकायत की गयी। दिनांक
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26.06.13 की षिकायत के पष्चात विपक्षी सं0-1 के मैकेनिक दो बार आये। विपक्षी सं0-1 के मैकेरिक द्वारा रेफ्रिजरेटर ठीक करने का प्रयास किया गया, किन्तु वे समस्या का निदान नही कर सके। फलस्वरूप परिवादी द्वारा दिनांक 22.07.13 को विपक्षी को विधिक नोटिस भेजी गयी, किन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित अन्यान्य कथन का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा रेफ्रिजरेटर क्रय करने के तुरन्त बाद निर्माता कंपनी ने अपने सर्विस सेंटर से टेक्नीषियन भेजकर दिनांक 15.02.13 को परिवादी को डेमो दिलाया गया तथा रेफ्रिजरेटर संचालन की जानकारी दी गयी। उस समय परिवादी का फ्रिज पूर्णतया ठीक कार्य कर रहा था। परिवादी का यह कथन असत्य है कि प्रष्नगत फ्रिज में क्रय करने की तिथि से ही कूलिंग की षिकायत थी। दिनांक 26.04.13 को फ्रिज चेक कराया गया तब जानकारी हुई कि परिवादी के फ्रिज में अनियमित विद्युत आ जाने से उसका ओवर लोड प्रोटेक्टर खराब हो गया था। अतः उक्त पार्ट नया लगाकर परिवादी का फ्रिज ठीक कर चालू किया गया। दिनांक 30.04.13, 08.05.13 व 11.05.13 को परिवादी द्वारा षिकायत की गयी, जिस पर टेक्नीषियन परिवादी का फ्रिज चेक करने गया, परन्तु परिवादी ने उसे अपना फ्रिज न तो दिखाया और न ही चेक करने दिया व समयाभाव का हवाला देकर वापस कर दिया। पुनः परिवादी ने षिकायत दिनांक 02.06.13 के अनुपालन में दिनांक 02.06.13 को विपक्षी के टेक्नीषियन ने परिवादी के फ्रिज का निरीक्षण किया। परन्तु परिवादी के फ्रिज में किसी पार्ट में खराबी नहीं थी, केवल परिवादी के फ्रिज का थर्मोस्टेट एडजस्ट कर दिया तथा परिवादी का फ्रिज ठीक कार्य करने, परिवादी को चेक कराया गया। इसके पष्चात पुनः दिनांक 06.06.13 को परविादी द्वारा षिकायत दर्ज कराने पर फ्रिज चेक कराया गया, तो देखा गया कि परिवादी के फ्रिज का रिले वायर हटा हुआ था, जिसे टेक्नीषियन द्वारा पुनः लगा दिया गया तथा फ्रिज पूर्णतया कार्य
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करने लगा। परिवादी बिना खराबी के लगातार झूठी षिकायतें दर्ज कराता रहा। दिनांक 21.06.13, 26.06.13, 27.06.13, 29.06.13 व 29.06.13 को परिवादी द्वारा षिकायत दर्ज करायी गयी। उक्त षिकायतों पर जब-जब टेक्नीषियन परिवादी के घर गया तब-तब परिवादी ने अपने फ्रिज को टेक्नीषियन को चेक नहीं कराया व टेक्नीषियन से कहा कि वह षिकायत टोल-फ्री नम्बर पर चेक करा रहा है। टेक्नीषियन ने उक्त तथ्यों से विपक्षी को अवगत कराया। जिससे स्पश्ट है कि परिवादी का एकमात्र उद्देष्य साक्ष्य संकलित करना मात्र था। जबकि उसका फ्रिज पूर्णतया सही कार्य कर रहा है। परिवादी द्वारा झूठी षिकायतें दर्ज करायी गयी हैं। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
4. परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब दाखिल करके अपने परिवाद पत्र में किये गये कथन की पुनरावृत्ति की गयी है और यह कहा गया है कि विपक्षी द्वारा बावजूद विधिक नोटिस प्रार्थी की समस्या के स्थायी निदान हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। वह समस्या आज भी अनवरत बनी हुई है। विपक्षी द्वारा कोई भी ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, जो यह सिद्ध करता हो कि विपक्षी के टेक्नीषियन परिवादी के फ्रिज के निदान हेतु फ्रिज दोबारा देखने आये हों।
5. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-2 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-2 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी सं0-2 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 22.05.14 को विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से दाखिल किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वंय का षपथपत्र दिनांकित 02.09.13, 25.08.14 एवं 29.01.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में बिल सं0-1647 दिनांकित 11.02.13 की प्रति, ई-मेल की प्रति, नोटिस की प्रति सेल एण्ड सर्विस की प्रति तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
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विपक्षी सं0-1 की ओर से दाखिल किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में एस0एन0 सिंह एरिया सर्विस मैनेजर का षपथपत्र दिनांकित 30.09.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में जाॅबसीटों की प्रतियां दाखिल किया है।
ःःनिष्कर्शःः
8. फोरम द्वारा परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा दाखिल लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्ष को सुनने तथा पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि दिनांक 02.07.15 के आदेष के अनुपालन में विपक्षी द्वारा प्रष्नगत फ्रिज ठीक कराकर फोरम में प्रस्तुत किया गया। आदेष दिनांक 24.07.15 के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी को प्रष्नगत फ्रिज मरम्मत होने के पष्चात फोरम से वापस लेकर जाने का आदेष पारित किया गया है। दिनांक 20.04.15 को परिवादी द्वारा आदेष पत्र के हासिये पर इस बात की टिप्पणी अंकित की गयी है कि, ’’मा0 फोरम के आदेष पर विपक्षी द्वारा फ्रिज की मरम्मत कर दी गयी है, वर्तमान में संतोशजनक कार्य कर रहा है।’’ इसके पष्चात परिवादी सम्बन्धित फ्रिज, फोरम से अपने घर वापस लेकर गया है। जिससे यह सिद्ध होता है कि परिवादी द्वारा याचित उपषम की प्रतिपूर्ति अब हो चुकी है। परिवादी द्वारा अब परिवाद व्यय एवं मानसिक, आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु तर्क प्रस्तुत किये गये हैं।
प्रष्नगत फ्रिज वारंटी अवधि में खराब होने के कारण व विपक्षी द्वारा परिवादी के अनुसार प्रष्नगत फ्रिज ठीक न करने के कारण परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा है। अतः परिवादी को परिवाद व्यय दिलाया जाना न्यायसंगत है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का प्रष्न है, उक्त के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण उक्त उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। परिवादी, परिवाद व्यय दोनों विपक्षी में से किसी एक विपक्षी से क्लेम करने का अधिकारी है।
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ःःःआदेषःःः
9. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि, प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में रू0 5000.00 अदा करे।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-469/2013
30.11.2015
मुकद्मा पुकारा गया। निर्णय सुनाया गया।
ःःःआदेषःःः
परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि, प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में रू0 5000.00 अदा करे।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष