Uttar Pradesh

Bahraich

CC/209/2012

Smt. Prem Lata Agarwal - Complainant(s)

Versus

LG Electronics India Pvt.Ldt - Opp.Party(s)

Sri Raghvendra Srivastava

30 Apr 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER FORUM
Bahraich (UP)
 
Complaint Case No. CC/209/2012
 
1. Smt. Prem Lata Agarwal
Moh. Meera Kholpura City Bahraich
...........Complainant(s)
Versus
1. LG Electronics India Pvt.Ldt
A27 Mohan Coopretiv Industrial State Mathura Road New Delhi 110044
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. DEEPAK KUMAR SRIVASTAVA PRESIDENT
 HON'BLE MR. NAVED AHAMAD MEMBER
 
For the Complainant:Sri Raghvendra Srivastava, Advocate
For the Opp. Party: Sri Devendra Singh, Advocate
ORDER

          समक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम बहराइच
वाद सं0 209/12
श्री मती प्रेमलता अग्रवाल वयस्क पत्नी श्री शिवेन्द्र कुमार अग्रवाल नि0 मो0 मीराखेलपुरा शहर व जिला, बहराइच।   परिवादनी।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                             बनाम
1-एल0जी0इलेक्ट्ानिक्स इण्डिया प्राइवेट लि0 ए 27 मोहन कोआपरेटिव इन्डस्ट्यिल स्टेट मथुरा रोड नई दिल्ली 110044
2-एल0जी0इलेक्ट्ानिक्स इण्डिया प्राइवेट लि0 बी/537 हरिकुन्ज केशव नगर सीतापुर रोड लखनऊ                                                 .     .                                              विपक्षीगण। 
                                                                                                                                                                                                                      
                          उपस्थिति:- श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष,
                                     श्री नवेद अहमद ,सदस्य
                            -निर्णय-
     प्रस्तुत परिवाद पत्र परिवादनी श्री मती प्रेमलता अग्रवाल द्वारा विपक्षीगण एल0जी0इलेक्ट्ानिक्स इण्डिया प्राइवेट लि0 ए 27 मोहन कोआपरेटिव इन्डस्ट्यिल स्टेट मथुरा रोड नई दिल्ली 110044 एवं एल0जी0 इलेक्ट्ानिक्स इण्डिया प्राइवेट लि0बी/537हरिकुन्ज केशव नगर सीतापुर रोड लखनऊ                                                  के विरूद्ध नया ए0सी0 अथवा उसके स्थान पर ए0सी0 की कीमत दिलाये जाने  हेतु दाखिल किया गया हैं।
    परिवाद पत्र में परिवादी का कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादनी ने विपक्षी सं01 द्वारा निर्मित एक स्पिल्ट ए0सी0 उनके स्थानीय डीलर श्रावस्ती इन्टर प्राइजेज छावनी बाजार से दि0 27.05.05 को 22500/रू0 में क्रय किया था। निर्माता कंपनी द्वारा दी जाने वाली वारन्टी अवधि समाप्त हो जाने के उपरान्त विपक्षी सं02 जो कि विपक्षी सं01 कंपनी का अथराइज्ड सर्विस सेन्टर हैं के इंजीनियरों द्वारा बताये जाने पर परिवादी ने अपने उक्त ए0सी0 की रेगुलर मेन्टेनेन्स के लिये विपक्षी सं0.1 कंपनी द्वारा चलाई जा रही मेन्टेनेन्स स्कीम हैपी लिविंग प्लान से आकर्षित होकर उक्त प्लान दि0 02.05.12 को ले लिया जिसके लिये परिवादी ने मु0 2475/रू0 अदा किये हैं और जिसकी ऐनुअल मेनटेनेन्स अविध 02.05.12 से 01.05.13 तक थी। उक्त प्लान लेने के उपरान्त परिवादी का ए0सी0 दि0 25.06.12 को खराब हो गया तथा उसकी कूलिंग बंद हो गई जिस पर परिवादी ने उसी दिन विपक्षी सं02 को सूचित किया विपक्षी के सर्विस इंजीनियर परिवादी के घर आये और उन्होने ए0सी0 चेक करने के बाद बताया कि ए0सी0 का कम्प्रेशर खराब हो गया हैं इसके बाद ए0सी0 का कम्पे्रशर बदल कर नया कम्प्रेशर लगा दिया और उसमें गैस भरकर ए0सी0 को चला दिया गया। परन्तु दो दिन बाद ही ए0सी0 ने पुनः काम करना बंद कर दिया तथा उसकी कूलिंग फिर खत्म हो गई जिस पर परिवादी ने विपक्षी सं02 को सूचित किया जिस पर उसके इंजीनियर परिवादनी के घर आये तथा ए0सी0 चेक किया और उन्होंने बताया कि ए0सी0 का कूलिंग क्वायल लीक हैं, जो अभी कम्पनी में उपलब्ध नहीं हैं, उपलब्ध होने पर बदल दिया जायेगा, यह कहकर लोग चले गये। परिवादी विपक्षीगण से बराबर सम्पर्क करती रही परन्तु विपक्षीगण उक्त कूलिंग क्वायल उपलब्ध हो जाने का बहाना बनाकर टालते चले आ रहे हैं। परिवादी का उपरोक्त ए0सी0 खराब पड़ा हुआ हैं और उसने बिल्कुल काम करना बंद कर दिया हैं।  भीषण गर्मी व उमस से आतंकित होकर परिवादनी को मजबूरन दूसरा ए0सी0क्रय करना पड़ा।
                              
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 विपक्षीगण द्वारा चलाई जाने वाली हैपी लिविंग प्लान मु0 2475/रू0 देने के बावजूद भी परिवादनी को अपने  ए0सी0 से कोई लाभ नहीं प्राप्त हो सका। विपक्षीगण द्वारा उचित सेवाये न दिया जाना उनकी सेवाओं में त्रुटि हैं।
   विपक्षीगण ने अपने सम्मलित वादोत्तर में परिवादनी के द्वारा ए0सी0 क्रय किये जाने उसके द्वारा हैपी लिविंग प्लान लिये जाने तथा खराब होने पर ए0सी0 का कम्प्रेशर बदलने के तथ्यों को स्वीकार करते हुये अपने अतिरिक्त कथनों में कहा हैं कि ए0सी0 का कम्प्रेशर बदलने के बाद परिवादनी द्वारा विपक्षीगण के पास कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई और न ही कोई इंजीनियर परिवादनी के घर गया विपक्षीगण का यह भी कथन है कि परिवादनी द्वारा यह कहा जाना कि विपक्षीगण के इंजीनियर परिवादनी के घर आये और ए0सी0 का क्वायल लीक हंै बताया कतई असत्य और निराधार हैं। अगर ऐसी कोई बात होती तो परिवादनी द्वारा विपक्षीगण को टेलीफोन के माध्यम से सूचित किया जाता और कम्पलेन दर्ज की गयी होती। परिवादनी द्वारा झूठा आरोप, विपक्षीगण पर लगाया गया हैं। ए0एम0सी0 लेने के तुरन्त बाद दि0 25.06.12 को ए0सी0 खराब होने की सूचना की गई, तुरन्त इंजीनियर परिवादनी के घर भेजा गया अैर ए0सी0 को ठीक कर दिया गया। इसके अतिरिक्त कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। ए0सी0 प्रोडक्ट के ऐनुवल मेन्टीनेन्स चार्ज में कम्प्रेशर ,पी0सी0बी0 मोटर व कूलिंग क्वाईल लीक था तो उसके संबध में परिवादनी को नोटिस विपक्षीगण को लिखित नोटिस देनी चाहिये थी और कूलिंग क्वायल बदल दिया जाता। परिवादनी ने जान बूझकर कर बिना नोटिस दिये सीधे परिवाद दाखिल कर दिया हैं जो असत्य है। यदि कूलिंग क्वाईल लीक हैं तो उसे ठीक कर दिया जायेगा और ए0एम0सी0 के अन्तर्गत रिपलेसमेन्ट के अन्तर्गत जो वारन्टी दी गयी हैं उसे रिपलेसमेन्ट कर दिया जायेगा। ए0एम0सी0 करा लेने से ए0सी0की कीमत दिये जाने का प्राविधान नहीं हैं। केवल ए0सी0 में खराब पुर्जे बदलने की जिम्मेदारी कंपनी की हैं और बदले गये खराब पुर्जे कंपनी की सम्पत्ति होगे। परिवाद पत्र गलत तथ्यों पर दायर किया गया हैं। परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार केवल दिल्ली न्यायालय का हैं। 
  परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में अपना स्वयं का शपथ पत्र तथा कुछ अभिलेखों की छाया प्रतियां दाखिल की गई ।  
  विपक्षीगण के ओर से श्री अशोक शर्मा का शपथ पत्र एवं कुछ अभिलेख दाखिल किये गये हैं। इन अभिलेखों का यथा स्थान वर्णन किया जायेगा। 
  हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता के तर्क सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया है। 
   जहां तक परिवादी द्वारा ए0सी0 खरीदने और मेन्टनेस हेतु हैप्पी लिविंग प्लान खरीदने का प्रश्न हैं यह तथ्य दोनो हीं पक्षों को स्वीकार हेै इस तथ्य पर भी पक्षकारों में काई विवाद नहीं है कि ऐनुअल मेनटेनेन्स अविध 02.05.12 से 01.05.13 थी। विपक्षीगण को यह भी स्वीकार है कि दि0 25.06.12 को परिवादी का ए0सी0 खराब हो गया और इस सम्बन्ध में परिवादनी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई तथा विपक्षीगण के सर्विस इंजीनियर परिवादनी के घर आये और उन्होनंे ए0सी0 चेक करने के बाद बताया कि ए0सी0 का कम्प्रेशर खराब हो गया हैं ए0सी0 का कम्प्रेशर बदल कर नया कम्प्रेशर लगा दिया गया। इस प्रकरण में विवाद केवल इतना हैं कि परिवादनी के कथनानुसार उसका ए0सी0 ठीक होने के दो दिन बाद ही उसनें कूलिंग बंद कर दिया तब इस बारे में परिवादनी ने विपक्षी सं02 को सूचित किया विपक्षी सं02 के इंजीनियर उनके घर पुनः आये और उन्होंने ए0सी0 का निरीक्षण किया तथा निरीक्षण करने के उपरान्त यह बताया कि ए0सी0 का कूलिंग क्वायल लीक हैं जो अभी कंपनी में उपलब्ध नहीं है। उपलब्ध होने पर 
                            
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बदल दिया जायेगा। परिवादनी विपक्षीगण से बराबर सम्पर्क करती रही परन्तु उसके ए0सी0 का कूलिंग क्वायल बदला नहीं गया विपक्षीगण बराबर टाल मटोल करते रहे। विपक्षीगण की ओर से इस कथन से इन्कार करते हुये कहा कि परिवादनी ने ऐसी कोई शिकायत विपक्षीगण से नहीं की हैं। विपक्षीगण के इंजीनियर परिवादनी के घर गये थे। वादोत्तर में विपक्षीगण द्वारा यह भी कहा गया कि यदि कूलिंग क्वायल के संबध में परिवादनी को शिकायत थी तो उसको  शिकायत लिखित में विपक्षीगण को देनी चाहिये थी। यहां हम यह समझ पाने में पूर्णतया असमर्थ हैं कि दि0 25.06.12 को जब परिवादनी द्वारा ए0सी0 के खराब होने की शिकायत विपक्षीगण को की गई तो विपक्षीगण के इंजीनियर परिवादनी के घर पर आये और उन्होनें ए0सी0 को चेक करने के बाद उसका कम्प्रेशर बदल दिया तथा यह दो दिन तक ठीक काम करता रहा परन्तु दो दिन उपरान्त ए0सी0 की कूलिंग फिर बंद हो गई। विपक्षीगण के इंजीनियर द्वारा अवश्य ही कम्प्रेशर बदले जाने का तथ्य अपने जाब कार्ड में अंकित किया गया होगा। तथा ए0सी0 सही चलने पर परिवादनी से उसकी सन्तुष्टि का प्रमाण पत्र भी लिया होगा । विपक्षीगण द्वारा ऐसा कोई जाब कार्ड या सन्तुष्टि का प्रमाण पत्र मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। परिवादनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क किया गया कि परिवादी द्वारा जो शिकायत पहली बार की गई उसी के सन्दर्भ में दूसरी बार शिकायत की गई  और सम्भवतया इसी कारण वश दूसरी बार परिवादी को कंपलेट का नंबर नहीं दिया गया विपक्षीगण का यह दायित्व था कि परिवादनी का ए0सी0 ठीक से काम नहीं कर रहा हो तो जिन कारणों से ए0सी0 ठीक काम न कर रहा हो उसका निराकरण उनके द्वारा किया जाना था। हैप्पी लिविंग प्लान के अन्तर्गत ए0एम0सी में यदि परिवादनी का ए0सी0 का कूंलिग क्वायर काम नहीं कर रहा था। तो विपक्षीगण को यह कूलिंग क्वायल अविलम्ब बदलना चाहिये था।
   विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा हमारे सम्मुख यह भी तर्क किया गया कि परिवादनी ने अपने परिवाद पत्र में नया ए0सी0 अथवा ए0सी0 की कीमत का अनुतोष चाहा हैं जबकि वारन्टी के अन्तर्गत केवल सामान को ठीक करके दिया जाता है। न कि उसको बदल कर उसके स्थान पर दूसरा नया सामान दिया जाता हैं। हम विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता के इस तर्क से पूर्णतया सहमत हैं। 
  विपक्षीगण द्वारा परिवादी के ए0सी0 का ए0एम0सी0 होने के बावजूद कूलिंग क्वायल न बदलना निश्चित रूप से सेवाओं में कमी हैं। परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य हैं।
   परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में यह अनुतोष चाहा गया है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाये कि वे परिवादनी को नया ए0सी0 अथवा उसकी कीमत मु0 22500रू0मय ब्याज अदा करे तथा ए0एम0सी0 का 2475 रू0 उनको वापस दिलाया जाये। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क हैं कि विपक्षीगण द्वारा जो वारन्टी परिवादनी को दी गई थी। उसके नियम एवं शर्तो के अनुसार ए0एम0सी0 की अवधि में कोई दोष होने पर उसके पार्टस विपक्षीगण द्वारा बदलना स्वीकार किया गया हैं परन्तु नया ए0सी0 बदल कर दिया जाने का प्राविधान वारन्टी के तहत नहीं हैं।विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि ए0एम0सी0 की धनराशि 2475/रू0 दिलाये जाने का भी कोई औचित्य नहीं हैं क्योकि उसी ए0एम0सी0 के आधार पर परिवादनी अपना ए0सी0 ठीक कराने के बावत शिकायत कर रही हैं हम विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता के इस तर्क से पूर्णतया सहमत हैं कि ए0एम0सी0     के अंतर्गत जो नियम व शर्ते निर्धारित की गई हैंउसमें खराब ए0सी0 के स्थान पर
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नया ए0सी0 उपलब्ध कराये जाने का कोई प्राविधान नहीं हैं इसके अलावा ए0एम0सी0 का शुल्क वापस दिये जाने का भी कोई औचित्य नहीं हैं
                               आदेश
   परिवादनी का परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता हैं तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता हैं कि वह इस निर्णय के 30 दिवस के अंदर परिवादनी के स्पिलिट ए0सी0 में हुई त्रुटियों का निराकरण करे। यदि विपक्षीगण नियत अवधि में परिवादनी का ए0सी0 ठीक नहीं करते तो परिवादनी को यह अधिकार होगा कि वो विपक्षीगण से अपनी सन्तुष्टि के उपरान्त उसी माडल का नया चालू ए0सी0 अथवा 22500/रू0 प्राप्त कर सके परिवादनी को हुई मानसिक एवं शारीरिक क्षति के लिये रू0 10,000/रू0 तथा वाद-व्यय मु0 2000/रू0 भी विपक्षीगण अदा करेगा। 

( नवेद अहमद )                                ( दीपक कुमार श्रीवास्तव )
      सदस्य                                            अध्यक्ष  
   निर्णय आज दि0 30-04-15 को खुले फोरम में उद्घोशित एवं हस्ताक्षरित करके सुनाया गया। 

   (नवेद अहमद)                               ( दीपक कुमार श्रीवास्तव )  

     सदस्य                                                   अध्यक्ष
                                                           दि0 30-04-15

 

 

 
 
[HON'BLE MR. DEEPAK KUMAR SRIVASTAVA]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. NAVED AHAMAD]
MEMBER

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