जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 163/2015
सुरेष टाक पुत्र श्री चांद मल टाक, जाति-टाक, निवासी-बेजला कुआ, नागौर, तहसील व जिला-नागौर (राज.)। -परिवादी
बनाम
1. स्ळ म्समबजतवदपबे प्दकपं च्अजण् स्जकण् च्सवज छवण् 51ए ैनतंरचनत ज्ञंरदं त्वंकए ळतमंजमत छवपकं (न्ण्च्ण्).201306
2. स्ळ म्समबजतवदपबे प्दकपं च्अजण् स्जकण् श्र।ड ।च्च्म्ग्ए छमंत भ्क्थ्ब् ठंदाए डंदेंतवूंत ळंतकमदए ज्पउइमत डंतामजए छंहंनतण्
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री ईष्वर जयपाल, अध्यक्ष।
2. श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री रमेष कुमार ढाका, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।
2. श्री महावीर विष्नोई, अधिवक्ता, वास्ते अप्रार्थीगण।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
निर्णय दिनांक 25.05.2016
1. यह परिवाद अन्तर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 संक्षिप्ततः इन सुसंगत तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया कि परिवादी ने अपने घरेलू उपयोग के लिए नागौर में षिवबाडी स्थित एल.जी. के षोरूम राजा इलेक्ट्राॅनिक्स से एल.जी. की एलईडी टी.वी. माॅडल 24 एल.एन. 4300 सीरियल नम्बर 304 पीएमएनडी 000687 जरिये बिल नम्बर 21569 दिनांक 25.06.2013 को 17,700/- रूपये में खरीद की। इस एलईडी टी.वी. पर एक साल की वारंटी दी गई और यह एलईडी टी.वी. एक साल बाद निर्माण सम्बन्धी दोश के चलते खराब हो गई। इस पर परिवादी राजा इलेक्ट्राॅनिक्स पर गया तो वहां बताया गया कि टी.वी. की वारंटी खत्म हो चुकी है, इसलिए आप इसे सर्विस सेंटर ले जाओ, वहां पर वे या तो रिपेयर कर देंगे या टी.वी. बदलवा देंगे। इस पर परिवादी दिनांक 17.04.2015 को एलईडी टी.वी. लेकर अप्रार्थी संख्या 2 सर्विस सेंटर गया तो वहां से कहा गया कि उक्त एलईडी के पार्टस उपलब्ध नहीं है, इसलिए उक्त टी.वी. रिपेयर नहीं हो सकती, कुछ दिन में पता कर लेना। यदि पार्टस उपलब्ध हो जाएंगे तो लगा देंगे अन्यथा 20 प्रतिषत राषि की कटौती कर इस एलईडी को बदलकर नई दिलवा देंगे। अभी इसे अपने घर ले जाओ। काफी दिन तक अप्रार्थी संख्या 2 ने जवाब नहीं दिया तो दिनांक 18.05.2015 को परिवादी, अप्रार्थी संख्या 2 के पास गया और पूछताछ की तो बताया कि आपका एलईडी टी.वी. रिप्लेस करवा देंगे। रिप्लेस के लिए आपको एलईडी टी.वी. हमारे यहां जमा करवानी होगी। तब परिवादी ने दिनांक 18.05.2015 को ही अप्रार्थी संख्या 2 के पास एलईडी टी.वी. को जमा करवा दी, जिसकी प्राप्ति रसीद भी उसके कर्मचारी द्वारा दी गई। लेकिन काफी दिन तक उसकी टी.वी. रिप्लेस नहीं करने पर उसने दिनांक 18.06.2015 को एल.जी. के कस्टमर सेंटर पर बातचीत की तथा षिकायत नम्बर आरएनए 150618093136 दिये गये। फिर कस्टमर सेंटर पर पता किया तो बताया गया कि आपकी एलईडी की 20 प्रतिषत कटौती करते हुए सर्विस सेंटर से कोई भी एल.जी. की अन्य टी.वी. ले सकते हैं। तो वो इस बात पर तैयार भी हो गया। इस बीच अप्रार्थी संख्या 2 ने कहा कि उसकी एलईडी टी.वी. के पार्टस अब मिल रहे हैं। इसलिए आपकी एलईडी टी.वी. रिपेयर कर देंगे। तो परिवादी ने कहा कि जब मैं डिफरेंस राषि का भुगतान करने के लिए तैयार हूं तो उक्त निर्माण सम्बन्धी त्रुटि से ग्रसित एलईडी टी.वी. को रिपेयर क्यांे करवायें। इस दौरान अप्रार्थी संख्या 2 ने स्पश्ट मना कर दिया तथा कहा कि मैं तो केवल उक्त टी.वी. को ही रिपेयर करूंगा और जो चार्ज लगेगा वो आपको देना है और मैं उक्त प्रोडक्ट को नहीं बदलवाउंगा। लेकिन काफी समय तक परिवादी अप्रार्थी संख्या 2 के यहां एलईडी टीवी को रिपेयर/बदलवाने के लिए चक्कर काटता रहा। इसके अलावा जब अप्रार्थी संख्या 1 बीस प्रतिषत राषि की कटौती करते हुए जब दूसरा प्रोडक्ट देने के लिए सहमत हो गया तो ऐसी स्थिति में अप्रार्थी संख्या 2 को 20 प्रतिषत कटौती के अनुसार नया प्रोडक्ट उपलब्ध कराना चाहिए। लेकिन अप्रार्थी संख्या 2 ने इससे इंकार कर दिया। जबकि अप्रार्थी संख्या 2, अप्रार्थी संख्या 1 के अधीन कार्य करता है तथा उसके बनाये गये नियमानुसार ही सर्विस सेंटर चलाता है तो उसे अप्रार्थी संख्या 1 के कहे अनुसार कार्य करना चाहिए। लेकिन अप्रार्थी संख्या 2 अपनी हठधर्मिता पर अड गया। जो अप्रार्थीगण की सेवा में कमी है। अतः परिवादी को निर्माण सम्बन्धी दोश से ग्रसित एलईडी टीवी की मूल राषि में से 20 प्रतिषत कटौती करते हुए दूसरी नई एलईडी टीवी दिलवाई जावे। इसके अलावा परिवाद में अंकितानुसार अन्य अनुतोश दिलाया जावे।
2. अप्रार्थी संख्या 1 एवं 2 की ओर से प्रस्तुत जवाब में मुख्य रूप से कहा गया है कि परिवादी की ओर से खरीदी गई एलईडी टी.वी. में निर्माण सम्बन्धी कोई त्रुटि नहीं थी बल्कि वांरटी पीरियड समाप्त होने के बाद टी.वी. के अंदर मैन पी.सी.डी. में खराबी आ गई। एलईडी में उक्त खराबी विद्युत उतार-चढाव या वोल्टेज की कमी से आ सकती है। इसके अलावा केबल कनेक्षन के चलते भी कई बार केबल में फाल्ट आने पर एलईडी टी.वी. खराब हो सकता है। जिसका निर्माण सम्बन्धी दोश से कोई सम्बन्ध नहीं है। परिवादी का उक्त टी.वी. वारंटी अवधि के बाद खराब हुआ है और वारंटी अवधि समाप्त होने के बाद ही सर्विस सेंटर आया है। जिस पर अप्रार्थी संख्या 2 ने खराब पार्टस का खर्चा 3,250/- रूपये परिवादी को बता दिया तथा कहा कि पार्टस आने में समय लगेगा, जैसे ही पार्टस आएंगे सूचित कर देंगे। इससे परिवादी भी सहमत था। जैसे ही अप्रार्थी संख्या 2 के पास पार्टस आये तो उसने परिवादी को सूचित किया तो परिवादी दिनांक 02.07.2015 को एलईडी टी.वी. लेकर उसके पास आ गया और उसने दिनांक 06.07.2015 को उपरोक्त एलईडी टी.वी. तैयार कर परिवादी को सूचना दी तो उसने इसे लेने से मना कर दिया तथा कहा कि मुझे तो नई एलईडी चाहिए। इस पर उसने परिवादी को बताया कि वह तो केवल सर्विस सेंटर चलाता है। एलईडी बदलना कम्पनी का काम है। अगर कम्पनी बदलती है तो उसे कोई आपति नहीं है। उसने परिवादी को कहा कि वह खराब एलईडी को रिपेयर करने में लगे पार्टस व सर्विस चार्ज की राषि 3,250/- रूपये देकर एलईडी टी.वी. ले जाये। परिवादी जैसे ही अप्रार्थी संख्या 2 के पास खराब एलईडी टी.वी. लेकर आया तो उसने तत्परता दिखाते हुए उसे दुरूस्त कर समुचित सेवा दी। इस तरह अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से किसी तरह की सेवा में कमी नहीं रखी गई है। अतः परिवादी का परिवाद खारिज किया जावे।
3. दोनों पक्षों की ओर से अपने-अपने षपथ-पत्र एवं दस्तावेजात पेष किये गये।
4. बहस अंतिम योग्य अधिवक्ता पक्षकारान सुनी गई एवं अभिलेख का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री से स्पश्ट है कि परिवादी ने अप्रार्थी एल.जी. इलेक्ट्राॅनिक्स इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा निर्मित एलईडी टी.वी. दिनांक 25.06.2013 को जरिये बिल प्रदर्ष 2 क्रय किया था तथा अप्रार्थी संख्या 2 इस कम्पनी का अधिकृत सर्विस सेंटर है। ऐसी स्थिति में स्पश्ट है कि परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता रहा है। यह स्वीकृत स्थिति है कि परिवादी द्वारा क्रय किये गये एलईडी टी.वी. की वारंटी अवधि एक वर्श थी एवं परिवादी का टी.वी. वारंटी अवधि समाप्त होने के बाद खराब होने पर दिनांक 17.04.2015 को कम्पनी के सर्विस सेंटर पर ले जाया गया, जहां कुछ पार्ट्स खराब पाये जाने पर उन्हें बदलकर नये लगाते हुए टी.वी. सही कर दिया गया। लेकिन जब सर्विस सेंटर की ओर से रिप्लेस किये गये पार्ट्स एवं सर्विस चार्ज हेतु कुल 3,250/- रूपये की मांग की जाने पर पक्षकारान में यह विवाद उत्पन्न हुआ है। परिवादी का यह कथन है कि अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा यह बताया गया था कि 20 प्रतिषत राषि कटौती कर एलईडी टी.वी. को बदलकर नया दिलवा देंगे। लेकिन अप्रार्थीगण ने इस तथ्य को पूर्णतया गलत बताते हुए स्पश्ट किया है कि अप्रार्थी संख्या 2 कम्पनी की ऐसी किसी भी पाॅलिसी को बताने हेतु अधिकृत भी नहीं है। परिवादी की ओर से ऐसा कोई प्रलेख या कम्पनी की ओर से जारी किसी स्कीम का ही हवाला दिया है जिसके आधार पर 20 प्रतिषत कटौती कर नया टी.वी. दिया जाना कहा गया हो। ऐसी स्थिति में किसी सुदृढ व स्पश्ट साक्ष्य के अभाव में यह नहीं माना जा सकता कि अप्रार्थी पक्ष की ओर से 20 प्रतिषत राषि की कटौती कर खराब टी.वी. को बदलकर नया टी.वी. दिलाने बाबत् कहा गया हो। यह पूर्व में ही स्पश्ट किया जा चुका है कि परिवादी का टी.वी. वारंटी अवधि समाप्त होने के बाद खराब हुआ था, ऐसी स्थिति में अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा टी.वी. ठीक कर रिप्लेस किये गये पार्ट्स की कीमत एवं सर्विस चार्ज की मांग कर किसी प्रकार का सेवा दोश नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा पत्रावली पर ऐसी भी कोई साक्ष्य नहीं लाई गई है जिसके आधार पर यह माना जा सके कि विवादित एलईडी टी.वी. में विनिर्माण सम्बन्धी कोई त्रुटि रही हो।
5. उपर्युक्त विवेचन से स्पश्ट है कि इस मामले में प्रथम दृश्टया अप्रार्थीगण का कोई सेवा दोश प्रकट नहीं होता है। उक्त के बावजूद बहस के दौरान अप्रार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता ने स्वीकार किया है कि परिवादी का एलईडी टी.वी. आज भी दुरूस्त हालत में अप्रार्थी संख्या 2 सर्विस सेंटर पर पडा है। जिसे परिवादी ले जा सकता है तथा इस बाबत् पूर्व में मांग की गई सर्विस चार्ज आदि की राषि 3,250/- रूपये भी अप्रार्थी नहीं लेंगे। उपर्युक्त तथ्य को देखते हुए परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद खारिज करने के साथ परिवादी को निर्देष दिया जाता है कि अप्रार्थी संख्या 2 सर्विस सेंटर से अविलम्ब अपना एलईडी टी.वी. प्राप्त कर ले।
आदेश
6. परिवादी सुरेष टाक द्वारा प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा-12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 विरूद्ध अप्रार्थीगण खारिज किया जाता है तथा परिवादी को निर्देष दिया जाता है कि अप्रार्थी संख्या 2 सर्विस सेंटर से अविलम्ब अपना एलईडी टी.वी. प्राप्त कर ले। पक्षकारान खर्चा अपना-अपना वहन करे।
7. आदेष आज दिनांक 25.05.2016 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
।बलवीर खुडखुडिया। ।ईष्वर जयपाल। ।श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य। सदस्य अध्यक्ष सदस्या