जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या-467/2018
उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-15/11/2018
परिवाद के निर्णय की तारीख:-12.01.2021
हर्ष कुमार श्रीवास्तव, आयु लगभग 21 वर्ष, पुत्र अरूण कुमार श्रीवास्तव, निवासी-मकान नं0-356/218/1047, शिवाजीपुरम, पोस्ट-राजाजीपुरम, लखनऊ।
...............परिवादी।
बनाम
1-M/s Lenovo India Pvt. Ltd. Ferns Icon, Level-2, Doddenakund village, Marathhalli Outer Ring Road, Marathhalli, Post-Kr Puram Hobli.
2-Health & Happiness Private Limited, Aaran Projects, Old Delhi Road, Shimla Mouza, Distt. Hoogly, Kolkata West Bangal, India-712249.
3-Infocare Services Indira Nagar-LIS, 1st Floor Vaibhav complex, Marutipuram gate, Opposite Lekhraj Khazana Market Faizabad Road Indira Nagar, Lucknow-226016. ...........विपक्षीगण।
आदेश द्वारा-श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
निर्णय
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से मोबाइल की कीमत 10,999.00 रूपया मय 18 प्रतिशत ब्याज की दर से, मानसिक कष्ट एवं मुकदमा खर्च 20,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने एक मोबाइल हैण्डसेट “लेनेवो के-8 प्लस, (वेनम ब्लैक 32 जी0बी0)” आई0एम0ई0आई0 नम्बर-864829031500421 है, जिसकी वारन्टी अवधि 18 माह है। विपक्षी संख्या 02 से दिनॉंक 26.11.2017 को 10,999.00 रूपये में क्रय किया था। उपरोक्त मोबाइल खरीदने के पश्चात् से ही खराब था तथा आउट गोईंग एवं इनकमिंग कॉल नहीं हो पाती थी, जिसके संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्या-03 को दिनॉंक 20.01.2018 को ठीक करने हेतु दिखाया तथा विपक्षी संख्या-03 ने मोबाइल को उसी दिन तुरन्त ठीक करके दे दिया। उपरोक्त मोबाइल जून 2018 में पुन: आउट गोईंग कॉल जाना पुन: बन्द हो गयी। इस संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 को दिनॉंक 30.06.2018 को ठीक करने हेतु दिया जिसे दो दिन बाद ठीक करके दे दिया गया। दिनॉंक 22.08.2018 से परिवादी के मोबाइल में पुन: आउट गोईंग एवं इनकमिंग कॉल आना जाना बन्द हो गयी तो विपक्षी संख्या 03 से समस्या के स्थायी समाधान के संबंध में संपर्क किया तब विपक्षी संख्या 03 ने कहा कि मोबाइल में गंभीर खराबी है, जो कम्पनी से ठीक हो सकती है। विपक्षी संख्या 03 ने स्वयं ठीक करने से मना कर दिया। परिवादी का मोबाइल दिनॉंक 22.08.2018 से काम नहीं कर रहा है। विपक्षी संख्या 01 ने अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी है।
विपक्षी संख्या 01 एवं 02 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही चल रही है।
विपक्षी संख्या 03 ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत करते हुए परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों को इनकार करते हुए अतिरिक्त कथन किया कि परिवादी मात्र एक बार दिनॉंक 30.06.2018 को मोबाइल लेकर आया था तो परिवादी के सेट की जॉंच परिवादी के सामने विपक्षी संख्या 03 के इंजीनियर द्वारा की गयी तो पता चला कि सेट में कोई खराबी नहीं है क्योंकि आउट गोईंग वाइस प्राब्लम परिवादी जिस कम्पनी का सिम इस्तेमाल कर रहा था उसकी वजह से थी इसलिये परिवादी को उसका मोबाइल वर्किंग कन्डीशन में परिवादी की संतुष्टि में वापस कर दिया गया। इसके बाद परिवादी द्वारा कभी भी विपक्षी के यहॉं मोबाइल में खराबी के संबंध में संपर्क नहीं किया गया। यदि मोबाइल में खराबी थी तो परिवादी को विपक्षी के यहॉं संपर्क करके अपना मोबाइल रिपेयरिंग हेतु जमा करना चाहिये था जो कि परिवादी द्वारा नहीं किया गया। इससे स्पष्ट है कि परिवादी का मोबाइल बिल्कुल सही है उसमें कोई खराबी नहीं है। इससे स्पष्ट है कि विपक्षी संख्या 03 द्वारा सेवा में कमी नहीं की गयी है। अत: विपक्षी संख्या 03 के विरूद्ध परिवाद निरस्त होने योग्य है। विपक्षी संख्या 03 का कार्य वारन्टी अवधि में मरम्मत हेतु लाये गये सेटों की मरम्मत करना होता है, सेट को बदलने अथवा कीमत वापस करने का अधिकार व दायित्व शर्तों के अधीन केवल निर्माता कम्पनी/विपक्षी संख्या 01 का होता है। परिवादी विपक्षी संख्या 03 का उपभोक्ता नहीं है।
पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों एवं साक्ष्य के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 02 से एक लेनेवो मोबाइल क्रय किया था जो खरीदने के पश्चात् ही खराब हो गया जिसमें आउटगोईंग व इनकमिंग काल नहीं हो पाती थी, जिसके संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 से संपर्क कर ठीक करवाया। परन्तु उसके तत्काल बाद ही मोबाइल पुन: खराब हो गया, जिसे पुन: ठीक कर परिवादी को विपक्षी संख्या 03 द्वारा वापस कर दिया गया। इसके पश्चात् पुन: मोबाइल में खराबी आ गयी जिसके विषय में विपक्षी संख्या 03 ने कहा कि मोबाइल में गंभीर खराबी है जो कम्पनी से ही ठीक हो सकती है।
परिवादी ने मोबाइल विपक्षी संख्या 02 को धनराशि अदा करके क्रय किया था जिससे परिवादी विपक्षी संख्या 02 का उपभोक्ता है। विपक्षी संख्या 03 ने अपने उत्तर पत्र में यह उल्लेख किया है कि परिवादी द्वारा जब मोबाइल में खराबी के विषय में संपर्क किया गया तो परिवादी की संतुष्टि के अनुसार उसका मोबाइल ठीक कर दिया गया और इसके उपरान्त परिवादी द्वारा उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया और उनका यह कहना कि मोबाइल ठीक नहीं किया गया गलत एवं मनगढ़न्त है। पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों से स्पष्ट होता है कि परिवादी का मोबाइल वारन्टी पीरियड में खराब हुआ है और वारन्टी पीरियड में यदि कोई वस्तु खराब होती है तो उसे ठीक या मरम्मत कराना विक्रेता की जिम्मेदारी होती है। वारन्टी की शर्तों में स्पष्ट उल्लेख है कि वस्तु में कोई किसी प्रकार की खराबी विक्रेत की जिम्मेदारी होती है और उसे उस वस्तु को ठीक करना/मरम्मत करना वारन्टी शर्तों के अन्तर्गत निर्धारित है। उपरोक्त वर्णित परिस्थिति में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षी संख्या 01 व 02 को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादी द्वारा मोबाइल उपलब्ध कराये जाने पर 45 दिन के अन्दर उसे मरम्मत/ठीक कराया जाना सुनिश्चित करें। यदि उक्त अवधि में विपक्षी संख्या 01 02 द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो मोबाइल की कीमत मुबलिग 10,999.00 (दस हजार नौ सौ निन्यानबे रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से अदा करेंगे। परिवादी को मानसिक कष्ट एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग 5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी विपक्षी संख्या 02 परिवादी को अदा करेंगें।
(अशोक कुमार सिंह) (स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।