Uttar Pradesh

StateCommission

A/2577/2014

UPPCL - Complainant(s)

Versus

Lekhraj - Opp.Party(s)

Santyosh Kumar Misra

21 Jul 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2577/2014
(Arisen out of Order Dated 10/11/2014 in Case No. C/45/2014 of District Shahjahanpur)
 
1. UPPCL
Shahjahanpur
Shahjahanpur
UP
...........Appellant(s)
Versus
1. Lekhraj
Sahjahanpur
Sahjahanpur
UP
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 21 Jul 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

               अपील संख्‍या : 2577/2014

            (सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, शाहजहॉपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-45/2014 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10-11-2014 के विरूद्ध)

 

Uttar Pradesh Power Corporation Limited on behalf of Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Limited, Electricity Distribution Division-I, Shahjahanpur, through its Executive Engineer.

                                                   अपीलार्थी

बनाम्

 

Lekhraj Son of Late Chhotelal R/o Village-Narautha Hansram, Block Khutar, Tehsil Puwayan District Shahjahanpur.

                                                    प्रत्‍यर्थी

समक्ष  :-

1-  मा0 श्री राम चरन चौधरी,         पीठासीन सदस्‍य।

2-  मा0 श्रीमती बाल कुमारी,          सदस्‍य।

 

उपस्थिति :

 

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-  श्री संतोष कुमार मिश्रा।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-     सुश्री तारा गुप्‍ता।

 

दिनांक : 04/12/2017

मा0 श्री बाल कुमारी, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित निर्णय

    

     परिवाद संख्‍या-45/2014 लेखराज  बनाम् मध्‍यांचल विघुत वितरण निगम लि0 में जिला फोरम, शाहजहॉंपुर द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश दिनां‍क 10-11-2014 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अनतर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की है।

     आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने निम्‍न आदेश पारित किया है-

 

 

 

 

 

 

2

 

     ‘’विपक्षी विद्युत विभाग द्वारा परिवादी के विरूद्ध अंकन 52,118/-रू0 के लिए जारी किया गया वसूली प्रमाण पत्र निरस्‍त किया जाता है। परिवादी निर्णय की प्रतिलिपि संबंधित तहसीलदार को प्राप्‍त करा दे।

     परिवादी को पहुँचे मानसिक कष्‍ट की प्रतिपूर्ति के रूप में अंकन 2000/-रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में अंकन 1,000/-रू0 का भुगतान विपक्षी विघुत विभाग द्वारा किया जाये।

     संक्षेप में इस केस के तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी के ग्राम नरौठा हंसराम में उसके घर में 001558 जनता विद्युत कनेक्‍शन लगा था। गॉंव में दिनांक 30-05-1979 को भीषण आग लगी थी जिसमें परिवादी का मकान मय विघुत संयोजन जलकर ध्‍वस्‍त हो गया, इसके बाद से कभी विघुत लाईन खींची नहीं गयी1 परिवादी ने इसकी सूचना विघुत विभाग को कई बार दी। दिनांक 18-08-1994 को भी अधिशासी अभियन्‍ता को लिखित पत्र दिया जिस पर उन्‍होंने जे0ई0 खुटार को समर्पण आख्‍या हेतु आदेशित किया लेकिन इसके बावजूद भी बिलिंग बंद की गयी। अब विघुत विभाग ने परिवादी के विरूद्ध दिनांक 30-01-2014 को आर0सी0 जारी कर दी है। इस प्रकार विपक्षी विघुत विभाग ने सेवाओं में कमी की है इसलिए यह परिवाद योजित किया गया है।

     विपक्षी विघुत विभाग ने वादोत्‍तर में परिवाद पत्र के कथनों को गलत कहा और यह कहा कि उसने वर्ष 1979 में कनेक्‍शन को स्‍थाई तौर पर विच्‍छेदित नहीं कराया। परिवादी ने अपने मकान में आग लगने की कोई सूचना विघुत विभाग को नहीं दी इसलिए परिवाद पोषणीय नहीं है।

    अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री संतोष कुमार मिश्रा उपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से सुश्री तारा गुप्‍ता उपस्थित।

    उभयपक्ष के विद्धान अधिवकता के तर्क को सुना गया तथा आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

    पत्रावली का परिशीलन यह दर्शाता है कि अपीलार्थी ने अपने जवाब में जिला फोरम के समक्ष यह कथन किया कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने वर्ष 1979 में कनेक्‍शन स्‍थायी रूप से विच्‍छेदित नहीं कराया था और आग लगने की सूचना विभाग को दी जबकि प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि दिनांक 30-05-1979 को उसके गॉंव में भीषण आग में उसके घर के साथ-साथ विघुत कनेक्‍शन भी जल गया तब से वहॉं कोई लाईन नहीं खींची गयी। प्रत्‍यर्थी/परिवादी के इस कथन को सत्‍यापित करने के लिए ग्राम प्रधान ने अपने हस्‍ताक्षर के साथ मुहर लगाकर प्रमाणित किया है। इसके अलावा गॉंव के अन्‍य पॉंच लोगों ने भी प्रमाणित किया है तथा अधिशाषी अभियन्‍ता ने जे0ई0 खुटार सेदिनांक 18-08-1994 को सरेन्‍डर रिपोर्ट मांगी इसके

 

3

 

संबंध में अपीलार्थी ने अपने जवाब में कुछ नहीं कहा है इससे स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍यर्थी के यहॉं दिनांक 30-05-1979 से कनेक्‍शन पुन: संयोजित नहीं किया गया। दिनांक 14-02-2008 को 30,208/-रू0 के बिल की नोटिस मिलने के बाद प्रत्‍यर्थी ने जिलाधिकारी से भी शिकायत की, जबकि मकान जलने के एवज में जिलाधिकारी के यहॉं से मुआवजा भी मिला था। इससे स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी द्वारा इतने लंबे समय से कनेक्‍शन न होने पर भी बिल भेजना व उसकी वसूली का नोटिस देना निश्चित रूप से उसकी सेवा में कमी है। अत: जिला फोरम ने विस्‍तृत विवेचना के बाद विधि अनुकूल आदेश पारित किया है और उसमें हस्‍तक्षेप की कोई आवश्‍यकता नहीं है। तद्नुसार अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

    अपील निरस्‍त की जाती है। जिला फोरम, शाहजहॉंपुर द्वारा पारित निर्णय व आदेश दिनांकित 10-11-2014 की पुष्टि की जाती है।

    उभयपक्ष अपना अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

 

   (राम चरन चौधरी)                           (बाल कुमारी)

    पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

कोर्ट नं0-5 प्रदीप मिश्रा, आशु0

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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