जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्याः-192/2017
उपस्थितः-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्री राजर्षि शुक्ला, व0 सदस्य।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
दिनाॅंकः-30 जनवरी, 2018
सत्यम पाण्डेय पुत्र श्री मालेश कुमार पाण्डेय म0नं0-ई-2/677, सेक्टर-एफ, सहारा स्टेट रोड, जानकीपुरम, लखनऊ। पिन कोड-226021
..............परिवादी।
बनाम
1&LAVA INTERNATIONAL LTD. A-56, SECTOR-64, NOIDA-201301 (U.P.) THROUGH ITS MANAGING DIRECTOR.
2&B.K. & Company F.I. Graphics Complex Bhopal House Near Nagar Nigam Hazratganj, Lucknow, Through Its Manager
निर्णय
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद खराब मोबाइल सेट बदलकर दूसरा सेट दिलाने अथवा मोबाइल की कीमत 9,100/-रूपये मय 12 प्रतिशत ब्याज, आर्थिक, मानसिक उत्पीड़न के लिए क्षतिपूर्ति 5,000/-रूपये व वाद व्यय 5,000/-रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने गनपति मोबाइल शाॅप नं0-बी-16, श्रीराम टावर, अशोक मार्ग, लखनऊ से एक लावा मोबाइल माॅडल नम्बर-Lava iris x5 4G जिसका सीरियल नम्बरः- 911455050833569 मुबलिग-9,100/-रूपये में दिनाॅंकः-11.09.2015 को क्रय किया था। उक्त मोबाइल क्रय करने के कुछ दिन बाद ही मोबाइल हैंग होने लगा, माईक का पूर्णतयाः काम न करना, नेटवर्क तथा बैटरी बैकअप एवं सेट गर्म होने की समस्या आने लगी। विपक्षी संख्या-02 को दिखाने पर मोबाइल को ठीक कर दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद फिर वही समस्याये आने लगी। परिवादी ने उक्त मोबाइल सर्विस सेन्टर पर सही करने हेतु दिनाॅंकः-10.12.2015 एवं 25.01.2016 को दिखाया तो सर्विस सेन्टर द्वारा सेट रिपेयर कर दिया गया, परन्तु कुछ समय बाद फिर वही समस्या आने लगी। दिनाॅंकः-20.04.2016 को उपरोक्त सेट विपक्षी संख्या-02 के यहाॅं जमा कर दिया गया तथा सारी समस्याओं से अवगत करा दिया गया। करीब एक सप्ताह तक मोबाइल सेट के ठीक होने के इन्तजार के उपरान्त सर्विस सेन्टर पर गया तो अवगत कराया गया कि मोबाइल अभी ठीक नहीं हो पाया है कुछ समय और लगेगा। दिनाॅंकः- 13.06.2016 को मोाबाइल ठीक होने की सूचना पर सर्विस सेन्टर जाकर मोबाइल परिवादी ने मोबाइल प्राप्त किया। परन्तु उक्त सेट में फिर समस्या आने लगी। परिवादी उक्त डिफेक्टिव सेट को नहीं रखना चाहता है क्योंकि उक्त सेट में मैनरीफक्चुअरिंग डिफेक्ट होने के कारण ही बार-बार खराब होता है। विपक्षीगण द्वारा डिफेक्टिव सेटर देकर अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी की गयी है।
परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को जारी किया गया। विपक्षीगण ने उपस्थित होकर प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया तथा कथन किया कि परिवादी ने प्रश्नगत मोबाइल जहाॅं से खरीदा है, प्रस्तुत मामले में उसे पक्षकार नहीं बनाया है। परिवादी द्वारा मोबाइल क्रय करने के लगभग 08 माह बाद केवल एक बार दिनाॅंकः-20.04.2016 को ही अपना मोबाइल चार्जिंग प्राब्लम बताकर रिपेयरिंग हेतु विपक्षी संख्या-02 सर्विस सेन्टर पर दिया था, तथा उसी दिन परिवादी का सेट परिवादी की पूर्ण संतुष्टि में रिपेयर करके वापस कर दिया गया था। परिवादी सर्विस सेन्टर की सेवा से पूर्ण रूप से संतुष्ट था। परिवादी द्वारा दिनाॅंकः-10.12.2015 एवं 25.01.2016 को रिपेयरिंग के लिये विपक्षी संख्या-02 के यहाॅं दिया था यह कहना बिल्कुल असत्य है। इस सम्बन्ध में परिवादी ने कोई साक्ष्य जैसे जाॅबशीट आदि प्रस्तुत नहीं किया है, जिससे साबित हो सके कि परिवादी ने उक्त दिनाॅंक को सेट मरम्मत हेतु विपक्षी संख्या-02 को दिया था। दिनाॅंकः-20.04.2016 के बाद से परिवादी आज तक उक्त मोबाइल की खराबी के सम्बन्ध में सर्विस सेन्टर पर दोबारा सम्पर्क नहीं किया। परिवादी का मोबाइल सही कार्य कर रहा है, उसमें कोई खराबी नहीं है। विपक्षीगण द्वारा सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी है। परिवादी का परिवाद निरस्त होने योग्य है।
परिवादी ने साक्ष्य में शपथ पत्र तथा मोबाइल क्रय किये जाने की रसीद, एवं जाॅंबशीट प्रस्तुत किया है।
अभिलेख का अवलोकन किया। अभिलेख अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादी ने जो मोबाइल क्रय किया था उसे वह सर्विस सेन्टर पर ले गया था, और उसकी जाॅबशीट भी अभिलेख पर उपलब्ध है। परिवादी के अनुसार त्रुटि का निवारण नहीं हुआ है और परिवादी विपक्षी की सेवा से संतुष्ट नहीं है, तथा उनका मोबाइल ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर रहा है। अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
विपक्षी का यह कथन है कि परिवादी विपक्षी संख्या-02 के यहाॅं दोबारा नहीं गया। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
अभिलेख से यह पता चलता है कि परिवादी ने अपना मोबाइल विपक्षी संख्या-02 के यहाॅं मरम्मत हेतु दिया था और मरम्मत के पश्चात परिवादी विपक्षी की सेवा से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि मोबाइल ठीक से कार्य नहीं कर रहा है। अतः परिवादी का परिवाद आशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को मोबाइल की कीमत मुबलिग-9,100/-(नौ हजार एक सौ रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज वाद दायर करने की तिथि से दो माह के अन्दर अदा करें। मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु मुबलिग-1500/-(एक हजार पाॅंच सौ रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के रूप में मुबलिग-1000/-(एक हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। दो माह के अन्दर उक्त रकम का भुगतान करना विपक्षीगण सुनिश्चित करें। परिवादी उपरोक्त रकम प्राप्त करते समय अपना खराब मोबाइल विपक्षी को वापस करेंगें।
(स्नेह त्रिपाठी) (राजर्षि शुक्ला) (अरविन्द कुमार)
सदस्य व0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,
प्रथम लखनऊ।