Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/1842

L I C - Complainant(s)

Versus

Lalli Yadav - Opp.Party(s)

Sri Vineet Sahai Bisaria

26 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/1842
( Date of Filing : 26 Oct 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. L I C
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Lalli Yadav
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1842/2009

Branch Manager, Life Insurance Corporation of India & other Vs. Smt. Lalli Yadav

दिनांक : 26.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

           परिवाद संख्‍या-111/2006, श्रीमती लल्‍ली यादव बनाम शाखा प्रबंधक, भारतीय जीवन बीमा निगम में विद्वान जिला आयोग, बाराबंकी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16.09.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर  अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया एवं प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री आर0के0 मिश्रा को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। 

          जिला उपभोक्‍ता आयोग ने बीमित लवलेश कुमार की मृत्‍यु पर बीमित राशि अंकन 1,00,000/-रू0 06 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है तथा ब्‍याज की गणना दावा प्रस्‍तुत करने की तिथि से करने के लिए आदेशित किया गया है।

            बीमाधारक के पक्ष में बीमा पॉलिसी जारी करना, उसकी मृत्‍यु होना बीमा निगम को स्‍वीकार है, परंतु बीमा निगम का कथन है कि बीमा क्‍लेम प्राप्‍त करने के लिए औपचारिकताएं पूर्ण नहीं की गयी, इसलिए बीमा क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया जा सका। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने भी अपने निर्णय में यह अंकित किया है कि बीमा निगम को अभिलेख उपलब्‍ध कराये जायें, यानि यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि बीमा निगम को अभिलेख उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं, इसलिए अभिलेख उपलब्‍ध न कराने के कारण समय पर बीमित राशि की अदायगी नहीं हो सकी, इसलिए क्‍लेम प्रस्‍तुत करने की तिथि से 06 प्रतिशत ब्‍याज अदा करने का आदेश उचित नहीं कहा जा सकता क्‍योंकि स्‍वयं परिवादी द्वारा समयावधि पर दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं कराये गये। अत: अंकन 1,00,000/-रू0 की पर ब्‍याज की गणना जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय की तिथि दिनांक 16.09.2009 से की जायेगी। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

आदेश

            प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि बीमित धनराशि अंकन 1,00,000/-रू0 पर ब्‍याज की गणना पारित निर्णय/आदेश की तिथि दिनांक 16.09.2009 से की जायेगी। शेष निर्णय/आदेश पुष्‍ट किया जाता है।                 

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

           

 

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

  •  

 

 

              संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.