राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1206/2015
(जिला उपभोक्ता फोरम, हाथरस द्वारा परिवाद संख्या-169/2013 में पारित निर्णय दिनांक 03.12.2014 के विरूद्ध)
मै0 श्री राधे गोपाल शीत गृह प्रा0लि0 नगला नन्दू, मथुरा
रोड, हाथरस जिला महामाया नगर द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर।
......अपीलार्थी@विपक्षी
बनाम
ललिता प्रसाद पुत्र श्री त्रिकाल सिंह निवासी नगला अनी, पोस्ट
बर्द्धवारी, परगना मुरसान तहसील हाथरस जिला हाथरस।
.......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री ओ0पी0 दुवेल, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 17.04.2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 169/13 ललिता प्रसाद बनाम मै0 श्री राधे गोपाल शीत गृह प्रा0लि0 में पारित निर्णय व आदेश दि. 03.12.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए परिवादी के आलू 259 पैकेट की कीमत रू. 77700/- व अवशेष धनराशि रू. 17079/- एवं रू. 11720/- 06 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है।
2. इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि परिवादी के कथनानुसार 259 पैकेट आलू बिक्री के लिए अपीलार्थी को
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दिए गए थे और पूरा पैसा नहीं दिया गया, इसलिए यह विवाद उपभोक्ता विवाद नहीं है, क्योंकि माल विक्रय किया गया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि यथार्थ में परिवादी का यह कथन है कि उसने प्रबंधक शीतगृह को अपना आलू विक्रय किया था, परन्तु क्रेता द्वारा पूर्ण कीमत अदा नहीं की गई, अत: स्पष्ट है कि यह संव्यवहार उपभोक्ता संव्यवहार नहीं है। परिवादी द्वारा अपना आलू विक्रय किया गया और यदि विक्रीत मूल्य की संपूर्ण कीमत प्राप्त नहीं हुई है तब सक्षम सिविल न्यायालय के समक्ष सिविल दावा प्रस्तुत करते हुए बकाया धनराशि की वसूली की जा सकती है। प्रस्तुत विवाद कदाचित उपभोक्ता विवाद नहीं है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्त होने योग्य है।
आदेश
4. अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह) सदस्य सदस्य
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निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2