Uttar Pradesh

StateCommission

A/525/2019

Ex. Engg Vidyut Vitran Khand - Complainant(s)

Versus

Lal Ji - Opp.Party(s)

Isar Husain

25 Jul 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/525/2019
( Date of Filing : 22 Apr 2019 )
(Arisen out of Order Dated 16/04/2019 in Case No. EX/141/2017 of District Allahabad)
 
1. Ex. Engg Vidyut Vitran Khand
Ex. Engg Vidyut Vitran Khand 57 George Town Allahabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Lal Ji
S/O Late Bhuidhar Village Baijpur Pargana kewai Tahsil handia Distt. Allahabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Jul 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-525/2019

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रयागराज द्धारा इजराय वाद सं0-141/2017 में पारित आदेश दिनांक 16.4.2019 के विरूद्ध)

1- अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खण्‍ड II 57 जार्ज टाउन, इलाहाबाद।

2- एस0डी0ओ0 विद्युत वितरण खण्‍ड II धनूपुर हण्डिया, इलाहाबाद।

3- जूनियर इंजीनियर, ईडीडी II धनूपुर इण्डिया, इलाहाबाद।

                                              ........... अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम          

1- लाल जी,

2- इनराज मौर्या,

3- गुनराज मौर्या पुत्रगण स्‍व0 भूईधर, निवासी ग्राम बैजपुर, परगना केवाई, तहसील हण्डिया, जिला इलाहाबाद।

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य                  

अपीलार्थीगण के अधिवक्‍ता   : श्री इसार हुसैन

प्रत्‍यर्थीगण के अधिवक्‍ता     : श्री मदन मोहन यादव

दिनांक :- 25-7-2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रयागराज द्वारा इजराय वाद सं0-141/2017 लाल जी व अन्‍य बनाम अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खण्‍ड में पारित आदेश दिनांक 16.4.2019 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने विपक्षी/निर्णीत ऋण को एक-एक माह का साधारण कारावास व दो-दो हजार रूपये के जुर्माने की धनराशि से दण्डित किया है।

इस आदेश को इस आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने विधि विरूद्ध निर्णय/आदेश पारित किया है।

-2-

दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने धारा-27 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत एक-एक माह के कारावास की सजा सुनायी है तथा दो-दो हजार रूपये के जुर्माने की राशि से दण्डित किया है। जुर्माने की धनराशि जमा की गई है तथा विद्युत कनेक्‍शन भी जोड़ दिया गया है, इसलिए विपक्षीगण को एक माह के कारावास से दण्डित करने का कोई औचित्‍य नहीं रह गया है, फिर यह भी की धारा-27 के अन्‍तर्गत दोष सिद्ध करने के लिए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है। इस धारा के अन्‍तर्गत संक्षिप्‍त विचारण की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। अत: दोष सिद्धी का आदेश इस आधार पर विधि विरूद्ध है। तद्नुसार अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा दण्‍ड से सम्‍बन्धित पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है, यदि चूंकि दो-दो हजार रूपये अर्थदण्‍ड की राशि जमा करायी जा चुकी है, इसलिए यह राशि निर्णय के अनुपालन में जमा मानी जायेगी।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                 (सुशील कुमार)              

                  अध्‍यक्ष                                           सदस्‍य                                                                           

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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