सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-767/2009
(जिला उपभोक्ता फोरम, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्या-157/2006 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20.04.2009 के विरूद्ध)
जायसवाल इलेक्ट्रानिक्स एवं बैटरी सर्विस, नियर रेलवे गेट, मडि़याहूं, जौनपुर, एथराइज डीलर काली पावर बैटरी सर्विस, पो0 मडि़याहूं, जौनपुर।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
1. लाल बहादुर विश्वकर्मा पुत्र जीवन लखन विश्वकर्मा, निवासी ग्राम जलालपुर, बाईपास थाना व पोस्ट जलालपुर, जिला जौनपुर।
2. चंचल इलेक्ट्रानिक्स, जलालपुर बाईपास, पोस्ट जलालपुर, जिला जौनपुर, जरिए अनिल कुमार विश्वकर्मा।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2
समक्ष:-
1. माननीय श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री आर0के0 गुप्ता, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से : श्री उमेश कुमार श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक 17.11.2017
मा0 श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, परिवाद संख्या-157/2006, लाल बहादुर विश्वकर्मा बनाम जायसवाल इलेक्ट्रानिक्स एवं बैटरी सर्विस व अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20.04.2009 से क्षुब्ध होकर विपक्षी सं0-1/अपीलार्थी की ओर से याजित की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नवत् आदेश पारित किया गया है :-
'' परिवाद संख्या 157/2006 विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी जायसवाल इलेक्ट्रानिक्स एवं चंचल इलेक्ट्रानिक्स को व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी की बैटरी बदलकर उसकी जगह दूसरी अच्छी क्वालिटी की इक्साइड बैटरी निर्णय पारित होने के दो माह के अन्दर दे देवे व मु0 1000/-रू0 मानसिक क्षतिपूर्ति भी उपरोक्त अवधि के अन्दर परिवादी को अदा करें। ''
परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि विपक्षी संख्या-1 काली पावर बैटरी सर्विस का अधिकृत डीलर है और विपक्षी संख्या-2 विपक्षी संख्या-1 का सब डीलर है। परिवादी ने दिनांक 18.01.2005 को मु0 11000/- रूपये में इन्वर्टर बैटरी विपक्षी संख्या-2 से खरीदा, इन्वर्टर बैटरी खरीदने के बाद विपक्षीगण ने उसे परिवादी के घर जलालपुर बाईपास पर लगाया, किन्तु उक्त बैटरी लगाने के दो माह बाद ही मार्च 2005 में ही बैटरी खराब हो गयी, जिसकी शिकायत विपक्षी संख्या-2 से करने पर उसके द्वारा आश्वासन दिया गया कि जल्द ही बैटरी बदल दी जायेगी, किन्तु बार-बार दौड़ाने के बावजूद भी बैटरी दुरूस्त नहीं की गयी, जिससे क्षुब्ध होकर प्रश्नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।
विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवाद पत्र का विरोध करते हुए प्रतिवाद पत्र जिला फोरम के समक्ष दाखिल करते हुए मुख्यत: यह कहा गया कि विपक्षी संख्या-1 बैटरी सर्विस का डीलर है। विपक्षी संख्या-1 द्वारा यह भी कहा गया कि परिवादी ने कोई भी बैटरी उनके यहां से नहीं खरीदी और न ही कोई बैटरी मरम्मत के लिए दी गयी, परिवादी विपक्षी संख्या-1 का उपभोक्ता नहीं है, अत: परिवादी द्वारा परिवाद गलत तथ्यों पर योजित किया गया है, जो खारिज होने योग्य है।
विपक्षी संख्या-2 द्वारा परिवाद पत्र का विरोध करते हुए प्रतिवाद पत्र जिला फोरम के समक्ष दाखिल करते हुए मुख्यत: यह कहा गया कि वह विपक्षी संख्या-1 का दलाल/एजेण्ट या सब डीलर व प्रचारक नहीं है। परिवादी ने विपक्षी संख्या-2 से एक अदद इन्वर्टर विपक्षी संख्या-2 द्वारा निर्मित कराकर अपने यहां स्थापित कराया था। विपक्षी संख्या-2 ने अपनी सर्विस बैटरी इन्वर्टर के साथ दी थी, दो-तीन दिन तक टेस्टिंग के बाद परिवादी से जब बैटरी मांगी गयी तो परिवादी ने कहा कि काली पावर बैटरी स्टाकिस्ट से मैने बात कर ली है, जायसवाल इलेक्ट्रानिक्स से बैटरी लगवाने के बाद वह उसकी बैटरी वापस कर देगा, किन्तु परिवादी द्वारा उसकी सर्विस बैटरी वापस नहीं की गयी। इस प्रकार परिवादी द्वारा झूठे आधारों पर प्रश्नगत परिवाद योजित किया गया है, जो खारिज होने योग्य है।
जिला फोरम ने उभय पक्ष को सुनने एवं पत्रावली का परिशीलन करने के उपरांत उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश दिनांक 20.04.2009 पारित किया है।
अपील सुनवाई हेतु इस पीठ के समक्ष प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता तथा प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री उमेश कुमार श्रीवास्तव उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विद्वान अधिवक्तागण को विस्तार से सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्ध अभिलेखों का गम्भीरता से परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा मुख्य रूप से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 अपीलार्थी का उपभोक्ता नहीं है। विक्रय रसीद से स्पष्ट है कि दिनांक 18.01.2005 को एक इन्वर्टर बैटरी जायसवाल इलेक्ट्रानिक्स एण्ड बैटरी सर्विस आथराइज्ड डीलर द्वारा चंचल इलेक्ट्रानिक्स जलालपुर को बेचा जाना प्रतीत होता है, जिसमें उपभोक्ता का नाम अंकित नहीं है। परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 ने ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है, जिससे वह विपक्षी संख्या-1 व 2 का उपभोक्ता माना जा सके। खराब बैटरी के सम्बन्ध में किसी विशेषज्ञ की रिपोर्ट भी दाखिल नहीं की गयी है। जिला फोरम ने लिखित कथन एवं शपथपत्र पर बिना विचार किये ही उपरोक्त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया है, जो खारिज होने योग्य है।
प्रत्यर्थी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि जिला फोरम ने सभी तथ्यो पर गहनता से विचार करने के उपरांत निर्णय एवं आदेश पारित किया है, जो सही एवं उचित है।
आधार अपील एवं सम्पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया, जिससे यह तथ्य विदित होता है कि परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 का उपभोक्ता नहीं है। अपीलार्थी द्वारा इन्वर्टर बैटरी नहीं बेची गयी है। प्रत्यर्थी संख्या-2/विपक्षी संख्या-2 अपीलार्थी का अधिकृत विक्रेता अथवा एजेण्ट नहीं है। परिवादी द्वारा Jaiswal Electronics & Battery Service का कागज दिनांकित 18.01.2005 प्रस्तुत किया गया है, जो कि निम्नवत् है:-
Date 18-1-05
चंचल इले0 जलालपुर
2 piece K.P. tubules 11000.00
1500
2502 11000.00
Two Years Garanty
उपरोक्त रसीद पर परिवादी का नाम अंकित नहीं है। प्रस्तुत रसीद बिल/कैश मेमों नहीं माना जा सकता है तथा उस पर अंकित Two Years Garanty को भी गारण्टी अथवा वारण्टी नहीं माना जा सकता है, क्योंकि विक्रेता जब कोई वस्तु बेचता है तब रसीद पर वस्तु का नाम, क्रेता का नाम तथा विक्रीत मूल्य अंकित करता है, परन्तु परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 द्वारा प्रस्तुत कागजात को रसीद नहीं माना जा सकता है, क्योंकि यह बैटरी किसको बेची गयी है, उसका नाम अंकित नहीं है। कोई भी व्यक्ति उक्त कागजात को पा जाये और दावा करे कि हमने जायसवाल इलेक्ट्रानिक्स एण्ड बैटरी सर्विस से उपरोक्त बैटरी खरीदी है, इस आधार पर उसे उपभोक्ता माना जाये, यह उचित नहीं है। उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 अपीलार्थी का उपभोक्ता नहीं है, क्योंकि प्रस्तुत बिल/रसीद पर क्रेता अथवा उपभोक्ता का नाम अंकित नहीं है। अनुमान के आधार पर किसी को उपभोक्ता नहीं माना जा सकता है। अत: अपीलार्थी के तर्क में बल पाया जाता है। अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला फोरम, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्या-157/2006, लाल बहादुर विश्वकर्मा बनाम जायसवाल इलेक्ट्रानिक्स एवं बैटरी सर्विस व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20.04.2009 अपास्त किया जाता है।
पक्षकारान अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वंय वहन करेंगे।
पक्षकारान को इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(संजय कुमार) (महेश चन्द)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-4