राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-२५३०/१९९४
(जिला मंच, सीतापुर द्वारा परिवाद सं0-९६/१९९३में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०८-१९९४ के विरूद्ध)
१. ब्रान्च मैनेजर, इलाहाबाद बैंक लहरपुर ब्रान्च, लहरपुर, जिला सीतापुर।
२. रीजनल मैनेजर, इलाहाबाद बैंक, रीजनल आफिस सीतापुर, जिला-सीतापुर।
.............. अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।
बनाम्
मै0 लहरपुर फिलिंग स्टेशन, लहरपुर, जिला सीतापुर।
............... प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२. मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : २०-०१-२०१६.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज यह पत्रावली प्रस्तुत हुई। पुकार करवाये जाने पर उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। यद्यपि प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री रतन कान्त शर्मा ने अपनी उपस्थिति दे दी है, किन्तु वे आज पीठ के समक्ष उपस्थित नहीं हैं। यह अपील वर्ष १९९४ से लम्बित है, अत: यह समीचीन पाया गया कि पत्रावली पर उपलब्ध अपील के मेमो एवं अन्य समस्त अभिलेखों के आधार पर इस अपील का निस्तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाय। तद्नुसार हमारे द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों का भली-भांति अवलोकन किया गया।
यह अपील, जिला मंच, सीतापुर द्वारा परिवाद सं0-९६/१९९३ मै0 लहरपुर फिलिंग स्टेशन बनाम प्रबन्धक इलाहाबाद बैंक व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०८-१९९४ के विरूद्ध योजित की गयी है।
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संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी के अभिकथनों के अनुसार वह लहरपुर में पेट्रोलियम उत्पाद का व्यापार करता है। लहरपुर में राष्ट्रीयकृत बैंक एक मात्र इलाहाबाद बैंक ही है। इलाहाबाद बैंक प्रत्यर्थी/परिवादी से ड्राफ्ट बनवाने पर ढाई रूपया प्रति हजार की दर से कमीशन लेता था, किन्तु अब अपीलार्थी बैंक ०५/- रू० प्रति हजार की दर से कमीशन की मांग कर रहा है। इस दर पर कमीशन का भुगतान न करने पर अपीलार्थी बैंक, प्रत्यर्थी/परिवादी का बैंक ड्राफ्ट बनाने से इन्कार कर रहा है। अत: परिवाद इस अनुतोष के साथ योजित किया गया कि अपीलार्थी बैंक को निर्देशित किया जाय कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी का बैंक ड्राफ्ट बनाये। विद्वान जिला मंच ने प्रश्नगत परिवाद को स्वीकार करते हुए अपीलार्थी बैंक को निर्देशित किया कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा १०,०००/- रू० से ऊपर बैंक ड्राफ्ट बनवाने पर उससे केवल ढाई रूपया प्रति हजार की दर से ड्राफ्ट बनवाने का चार्ज प्राप्त करे।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवाद के अभिकथनों से यह विदित होता है कि किसी उपभोक्ता विवाद के सन्दर्भ में वस्तुत: परिवाद योजित नहीं किया गया है। परिवादी ने इस सन्दर्भ में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है कि उसने बैंक ड्राफ्ट बनवाने हेतु आवेदन किया और अपीलार्थी बैंक ने बिना किसी तर्कसंगत कारण के प्रत्यर्थी/परिवादी का बैंक ड्राफ्ट नहीं बनाया। प्रत्यर्थी/परिवादी का यह कथन है कि अपीलार्थी बैंक ढाई रूपया प्रति हजार की दर के स्थान पर उससे ०५/-रू० प्रति हजार की दर से बैंक ड्राफ्ट के कमीशन की मांग कर रहा है। विद्वान जिला मंच द्वारा यह निर्देशित किया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा १०,०००/- रू० से ऊपर बैंक ड्राफ्ट बनवाने पर उससे केवल ढाई रूपया प्रति हजार की दर से ड्राफ्ट बनवाने का चार्ज प्राप्त किया जाय। उल्लेखनीय है कि बैंक ड्राफ्ट बनाने में कमीशन की दर निर्धारित करना बैंक का नीतिगत निर्णय होता है। बैंक ड्राफ्ट के कमीशन की दर के निर्धारण का क्षेत्राधिकार उपभोक्ता न्यायालय का नहीं माना जा सकता।
परिवाद के अभिकथनों में प्रत्यर्थी/परिवादी ने ऐसी किसी विशिष्ट घटना का उल्लेख नहीं किया है कि जब कथित रूप से उसने कोई बैंक ड्राफ्ट अपीलार्थी बैंक से बनवाया हो और अपीलार्थी बैंक ने प्रत्यर्थी/परिवादी से, स्वीकृत दर से अधिक
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दर पर, कमीशन लिया हो। बिना किसी विशिष्ट घटना का उल्लेख किए सेवा में कमी का मामला नहीं माना जा सकता।
ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से विद्वान जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय त्रुटिपूर्ण है, अत: अपील स्वीकार किए जाने तथा प्रश्नगत निर्णय एवं अपास्त करते हुए परिवाद निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच, सीतापुर द्वारा परिवाद सं0-९६/१९९३ मै0 लहरपुर फिलिंग स्टेशन बनाम प्रबन्धक इलाहाबाद बैंक व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०८-१९९४ अपास्त करते हुए परिवाद निरस्त किया जाता है।
अपीलीय व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(महेश चन्द)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-५.