Chhattisgarh

Janjgir-Champa

CC/14/31

KRISHNA MOHAN PANDEY - Complainant(s)

Versus

LAFARGE INDIA PVT. LTD. AND OTHER - Opp.Party(s)

VIJAY RATHOUR

21 Oct 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Janjgir-Champa
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/31
 
1. KRISHNA MOHAN PANDEY
LODER COLONY GOPAL NAGAR LAFARGE TAH. PAMGARH
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. LAFARGE INDIA PVT. LTD. AND OTHER
GOPAL NAGAR TAH. PAMGARH
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
2. A.G.M. LAFARGE INDIA PVT. LTD.
GOPAL NAGAR TAH PAMGARH
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
3. H.R. PERSONAL OFFICER LAFARGE INDIA PVT. LTD.
GOPAL NAGAR TAH. PAMGARH
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY PRESIDENT
 HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA MEMBER
 HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE MEMBER
 
For the Complainant:
VIJAY RATHOUR
 
For the Opp. Party:
SMT PARVIN BANO
 
ORDER

                                         जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)

 

                                                                             प्रकरण क्रमांक:- CC/31/2014
                                                                             प्रस्तुति दिनांक:- 08/08/2014


कृश्ण मोहन पाण्डेय पिता तारकेष्वर पाण्डेय उम्र 55 वर्श
जाति ब्राम्हण सा.लोडर कालोनी गोपाल नगर लाफार्ज,
तह.पामगढ़, जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.   ..................आवेदक/परिवादी
    
                       ( विरूद्ध )    
                 
1 लाफार्ज इंडिया प्रायवेट लिमिटेड
गोपाल नगर तह. पामगढ़, जिला जांजगीर

2. ए.जी.एम. लाफार्ज इंडिया प्रायवेट लिमि.   
गोपाल नगर तह. पामगढ़, जिला जांजगीर

3. एच आर पर्सनल आफीसर लाफार्ज इंडिया
प्रायवेट लिमि. गोपाल नगर तह. पामगढ़,
जिला जांजगीर                 .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण

                                                            ///आदेश///
                                   ( आज दिनांक  21/10/2015 को पारित)

    1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध ग्रेज्यूटी की राषि 1,14,000/-रू. 18 प्रतिषत ब्याज की दर से दिनांक 25.03.2014 से, मानसिक क्षति के लिए 50,000/-रू., 5,000/-रू. प्रति माह 25.03.2014 से राषि भुगतान तिथि तक, वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने हेतु दिनांक 08.08.2014 को प्रस्तुत किया है ।   
2. स्वीकृत तथ्य है कि अनावेदक क्रमांक 1 प्रायवेट लिमिटेड कंपनी है, अनावेदक क्रमांक 2 एवं 3 उसके कर्मचारी हैं । अनावेदक क्रमांक 1 सीमेंट उत्पादन का कार्य करता है । परिवादी उत्तर प्रदेष बलिया का निवासी है । 
3. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी उपरोक्त दिए गए पते पर निवासरत है तथा लाफार्ज इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के गोपाल नगर में वेलफेयर सोसायटी में ड्रायव्हर के पद पर कार्य करता था आवेदक द्वारा उक्त पद से त्यागपत्र दे दिया गया और अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा दिनांक 25.03.2014 को आवेदक का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया, अनावेदक क्रमांक 1 कंपनी है तथा अनावेदक क्रमांक 2 एवं 3 उसके कर्मचारी है । अनावेदक क्रमांक 1 सीमेंट उत्पादन का कार्य करती है । आवेदक का त्यागपत्र स्वीकार करने उपरांत आवेदक ने कई बार अनावेदकगण से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया और ग्रेज्यूटी की राषि की मांग किया परंतु अनावेेदकगण द्वारा ग्रेज्यूटी की राषि 1,14,000/-रू. का भुगतान नहीं किया, जिस पर आवेदक ने अधिवक्ता नोटिस दिनांक 18.06.2014 को प्रेषित किया, किंतु नोटिस का जवाब अनावेदकगण द्वारा नहीं दिया गया और न ही आवेदक को अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा 1,14,000/-रू. की राषि का भुगतान किया गया। आवेदक छ.ग. का मूल निवासी नहीं है, आवेदक उत्तरप्रदेष का निवासी है तथा बिना कार्य के छ.ग. में ठहरा हुआ है, जिसके कारण आवेदक को प्रतिमाह 5,000/-रू. का खर्च करना पड़ रहा है। इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा आवेदक को ग्रेज्यूटी की राषि 1,14,000/-रू. प्रदान न कर सेवा में कमी की गई, जिससे आवेदक को आर्थिक एवं मानसिक परेषानी का सामना करना पड़ रहा है। अतः परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत कर अनावेदकगण से ग्रेज्यूटी की राषि 1,14,000/-रू. 18 प्रतिषत ब्याज की दर से दिनांक 25.03.2014 से, मानसिक क्षति के लिए 50,000/-रू., 5,000/-रू. प्रति माह 25.03.2014 से राषि भुगतान तिथि तक, वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने का निवेदन किया है । 
4.  अनावेदकगण ने जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्य को छोड़ शेष सभी तथ्यों से इंकार करते हुए कथन किया है कि परिवादी के अभिवचन के अनुसार ही वह वेलफेयर सोसायटी के अंतर्गत ड्रायवर के पद पर कार्यरत था, अतः वेलफेयर सोसायटी परिवादी के इस परिवाद में आवष्यक पक्षकार है, वेलफेयर सोसायटी एक पंजीकृत संस्था है, जो सहकारी सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत है तथा अनावेदकगण को इस परिवाद में अनावष्यक रूप से पक्षकार बनाया गया है, परिवादी द्वारा त्याग पत्र दिये जाने, उसे स्वीकार किये जाने इत्यादि के संबंध में उक्त संस्था ही स्पष्ट जवाब दे सकती है । जब परिवादी अनावेदकगणों के अधिनस्थ कार्यरत नहीं था, तो अनावेदकगणों से संपर्क किए जाने एवं किसी भी प्रकार की राषि का भुगतान किये जाने का प्रष्न ही उत्पन्न नहीं होता । उक्त सोसायटी के सचिव से प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवादी द्वारा प्रभुनाथ यादव के लड़की के साथ भा.द.वि. की धारा 354 सहपठित धारा 08 पास्को अधिनियम के अंतर्गत अपराध किया गया, जिसका प्रथम सूचना पत्र क्रमांक 66/2014 दिनांक 27.03.2014 थाना मुलमुला था, उक्त सोसायटी द्वारा परिवादी को कारण बताओ सूचना प्रेषित की गई, उपरोक्त अपराध के समय ही परिवादी उक्त सोसायटी के कार्य से अनुपस्थित होकर फरार हो गया, जिसके कारण उसके विरूद्ध जाॅच इत्यादि की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो पाई । उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 2 के अनुसार परिवादी उपभोक्ता की परिभाषा में नहीं आता क्योंकि परिवादी वेलफेयर सोसायटी का कर्मचारी था तथा वह वेतन या रकम प्राप्त कर वह अपनी सेवाएं उक्त वेलफेयर सोसायटी को प्रदान करता था । इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं की गई है, बल्कि परिवादी द्वारा द्वारा अनावष्यक रूप से अनावेदकगण को परिवाद में संयोजित कर प्रताडि़त किया गया है, जिसके लिए अनावेदकगण परिवादी से प्रतिकारात्मक व्यय के रूप में 50,000/-रू. प्राप्त करने का अधिकारी है, अतः परिवादी का परिवाद असत्य आधारों पर प्रस्तुत होने के कारण सव्यय निरस्त किये जाने योग्य होने से निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है ।
5. सुनवाई तिथि को परिवादी उपस्थित रहने में असफल रहा है। अनावेदकगण/विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा परिवाद का जवाब प्रस्तुत किया गया है, जिससे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 13 (2)(ग) अनुसार परिवाद पर गुणागुण पर विनिष्चय करने का विचार किया गया । 
6. अभिलेखगत सामग्री का परिषीलन किया गया है ।
7. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
1. क्या परिवादी उपभोक्ता है ? 
2. क्या गोपाल नगर वेलफेयर सोसायटी आवष्यक पक्षकार है ?
3. क्या अनावेदकगण द्वारा परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी की गई है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न क्रमांक 1 का सकारण निष्कर्ष:-
8. परिवादी/आवेदक ने परिवाद पत्र के समर्थन में अपना षपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसके द्वारा परिवादी ने अनावेदक क्रमांक 1 का स्थायी व नियमित कर्मचारी था । दिनांक 25.03.2014 को सेवा निवृत्त त्याग पत्र अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा स्वीकार करने से व उसके पूर्व अनावेदक क्रमांक 1 कंपनी के गोपाल नगर में कंपनी की वेलफेयर सोसायटी में ड्रायव्हर के पद पर कार्यरत था बतलाया है। इस प्रकार परिवादी ने स्वयं को अनावेदक क्रमांक 1 का स्थायी व नियमित कर्मचारी होना बताया है । परिवादी ने परिवाद पत्र के साथ सूची अनुसार दस्तावेज ए.जी.एम. क्रमांक 2 एवं 3 के नाम से भेजी गई पंजीकृत सूचना की प्रति तथा  गोपाल नगर वेलफेयर सोसायटी का परिवादी का सेलरी स्लीप माह फरवरी 2014 एवं अक्टूबर 2014 का प्रस्तुत किया है । 
9. परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों से वह गोपाल नगर वेलफेयर सोसायटी में कार्यरत था प्रथम दृश्टया स्पश्ट हुआ है । परिवादी अनावेदक क्रमांक 1 लाफार्ज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गोपाल नगर में अनावेदक क्रमांक 1 का स्थायी व नियमित  कर्मचारी था दर्षाने के लिए कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है । 
10. अनावेदकगण की ओर से जवाब में परिवादी के इस तथ्य को इंकार किया है कि परिवादी अनावेदकगण का स्थायी व नियमित कर्मचारी था, बल्कि परिवादी को परिवाद के तथ्य अनुसार गोपाल नगर वेलफेयर सोसायटी, जो एक पंजीकृत संस्था है के अंतर्गत कार्यरत होना बताया है। इस प्रकार परिवादी को अनावेदकगण का कर्मचारी होने से इंकार किए हैं। ऐसी स्थिति में परिवादी का यह दायित्व है कि वह यह तथ्य विधिक रूप से स्थापित करे कि वह अनावेदगण का न केवल कर्मचारी है, बल्कि प्रस्तुत परिवाद अंतर्गत उपभोक्ता की श्रेणी में आता है, उक्त तथ्य को प्रमाणित करने के लिए परिवादी ने कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है । परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाण से वह अनावेदगण का उपभोक्ता था स्थापित प्रमाणित नहीं हुआ है, फलस्वरूप यह निश्कर्श किया जाना हम उचित पाते हैं कि परिवादी अनावेदकगण का उपभोक्ता था प्रमाणित नहीं कर पाया है, उक्त अनुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक 1 का निश्कर्श प्रमाणित नहीं किया गया है, में हम देते हैं । 
विचारणीय प्रष्न क्रमांक 2 का सकारण निष्कर्ष:-
11. परिवाद पत्र अनुसार परिवादी गोपाल नगर में कंपनी की वेलफेयर सोसायटी में ड्रायव्हर के पद पर कार्यरत था उक्त पद से त्याग पत्र दिया गया और उसे अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा स्वीकार किया गया उक्त तथ्य को भी अनावेदकगण द्वारा इंकार किया गया है। इस प्रकार परिवादी को अनावेदकगण का कर्मचारी होकर उक्त पद से त्याग पत्र दिया गया और उसे अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा स्वीकार किया गया को स्थापित किया जाना है । अनावेदकगण ने जवाब में बताया है कि परिवादी के  विरूद्ध पुलिस थाना मुलमुला में अपराध दर्ज किया गया प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के संबंध में सोसायटी द्वारा जांच की कार्यवाही की गई, जिसमें परिवादी अनुपस्थित होकर फरार हो गया, जिससे उक्त आधार पर तर्क किया गया है कि उसका त्याग पत्र वेलफेयर सोसायटी द्वारा विचाराधीन रखा गया है । उपरोक्त परिस्थिति में अनावेदकगण का यह पक्ष कि परिवाद अंतर्गत गोपाल नगर वेलफेयर सोसायटी परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक पक्षकार है, उचित रूप से होना हम पाते हैं । 
12. परिवाद में कार्यवाही हेतु परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हो रहे हैं । ऐसी स्थिति में आवष्यक पक्षकार के विरूद्ध परिवादी ने अपना यह परिवाद उचित रूप से प्रस्तुत नहीं किया गया है, निष्कर्षित किए जाने योग्य होना हम पाते हैं । उपरोक्त अनुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक 2 का निष्कर्ष ’’हाॅं’’ में दिया जाता है । 
विचारणीय प्रष्न क्रमांक 3 का सकारण निष्कर्ष:-
13. परिवाद अंतर्गत की सामग्री से परिवादी अनावेदकगण का उपभोक्ता था स्थापित प्रमाणित नहीं हुआ है, फलस्वरूप अनावेदकगण ने परिवादी का गे्रज्यूटी की राषि का भुगतान नहीं किया का तथ्य प्रकट नहीं होने से अनोदकगण द्वारा परिवादी से सेवा में कमी की गई है का तथ्य भी अनावेदकगण के विरूद्ध स्थापित प्रमाणित नहीं होना हम पाते हैं, तद्नुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक 3 ’’प्रमाणित नहीं’’ होना पाते हुए निष्कर्षित करते हैं। 
14. उपरोक्तनुसार अभिलेखगत साम्रग्री से अनावेदकगण के विरूद्ध परिवादी द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद स्वीकार करने योग्य होना हम नहीं पाते हैं, फलस्वरूप निरस्त किए जाने योग्य पाते हुए निरस्त करते हैं । 
15. उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्यय स्वयं वहन करें । 
 

( श्रीमती शशि राठौर)      (मणिशंकर गौरहा)        (बी.पी. पाण्डेय)     
      सदस्य                                  सदस्य                अध्यक्ष   

 

 

 
 
[HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE]
MEMBER

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