Uttar Pradesh

StateCommission

A/1998/1565

N E Railway - Complainant(s)

Versus

Ladley Giri - Opp.Party(s)

M H Khan

12 Dec 2014

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1998/1565
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. N E Railway
Lucknow
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, 0 प्र0 लखनऊ

                   अपील संख्‍या  1565 सन  1998      सुरक्षित

 (जिला उपभोक्‍ता फोरम, द्वितीय लखनऊ के  परिवाद  संख्‍या-79/1996 में  पारित निर्णय/आदेश दिनांक-13-10-1997 के विरूद्ध)

1-जनरल मैनेजर, एन.ई. रेलवे।

2-स्‍टेशन मास्‍टर, एन0ई0 रेलवे, लखनऊ।

                                         ...अपीलार्थीगण/विपक्षीगण                                                                                                                                                 

                             बनाम

1-लाडली गिरी पुत्र नरायन गिरी

2-श्रीमती कमला गिरी पत्‍नी लाडली गिरी

3-पंकज गिरी पुत्र लाडली गिरी

4-शालू गिरी पुत्री लाडली गिरी

5-मनीष गिरी पुत्र लाडली गिरी                    प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

          सभी निवासीगण मोहल्‍ला द्वारिकापुरी, जिला लखीमपुर खीरी।

6-वीरेन्‍द्र कुमार पुत्र राज बहादुर।

7-नरेश कुमार पुत्र कृष्‍ण कुमार।

8-अनूप कुमार पुत्र कृष्‍ण कुमार।

         सभी निवासीगण भूफरवानाथ जिला लखीमपुरखीरी।

                                          .....प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण                               

समक्ष:-

   1-मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

   2-मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य।                             

अधिवक्‍ता  अपीलार्थी       : श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्‍ता।

अधिवक्‍ता प्रत्‍यर्थी          : श्री आर0के0 मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 30-12-2014

मा0 श्री  अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन न्‍यायिक सदस्‍य, द्वारा उदघोषित।

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी ने विद्वान जिला मंच, द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद  संख्‍या-79/1996 जनरल मैनेजर एन.ई. रेलवे बनाम लाडली गिरी में  पारित निर्णय/आदेश दिनांक-13-10-1997 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की है, जिसमें

(2)

विपक्षीगण को आदेश दिया गया है कि वह प्रत्‍येक परिवादी को 1100-00 रूपये - 1100-00 रूपये तीन माह में अदा कर दें अन्‍यथा इस धनराशि पर 2 प्रतिशत मासिक ब्‍याज देय होगा।

परिवादीगण द्वारा यह परिवाद 2,00,000-00 रूपये क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया गया है।

संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादीगण ने वैष्‍णोंदेवी जाने के लिए लखनऊ से जम्‍मूतवी में आरक्षण दिनांक-17-06-1995 के लिए कराया था। यह सभी लखीमपुर के निवासी थे। सम्‍बन्धित आरक्षण डिब्‍बा एस0-8 गाड़ी के साथ नहीं लगा था। अत: उन्‍हें वापस  जाना पड़ा। उन्‍होंनें 2,00,000-00 रूपये की क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की मांग की है।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि तकनीकी दोष के कारण एस-08 कोच उस दिन नहीं लग सकी, जिसके लिए रेलवे प्रशासन दोषी नहीं है और टिकट मूल्‍य वापस किये जाने हेतु रेलवे क्‍लेम्‍स ट्रिब्‍यूनल 1987 की धारा-13 (ए) (बी) के अनुसार परिवाद/प्रत्‍यावेदन प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए था, क्‍योंकि उपरोक्‍त अधिनियम की धारा-15 के अर्न्‍तगत किसी अन्‍य न्‍यायालय को इस सम्‍बन्‍ध में श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया कि उसके द्वारा आरक्षण कराये जाने के बाद भी परिवादीगण/प्रत्‍यर्थीण यात्रा नहीं कर सकें, क्‍योंकि एस-08 जिसमें उनका आरक्षण था, वह बोगी नहीं लगी थी। विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी कहा गया है कि जिला मंच द्वारा सही निर्णय पारित किया गया है।

प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावली में उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया। परिवादीगण/प्रत्‍यर्थीगण की ओर से यह तर्क दिया गया है कि दिनांक-13-06-1995 को जम्‍मूतवी रेल में एस0-8 कोच नहीं लगा था, जिसमें उनका आरक्षण था और वह यात्रा सम्‍पन्‍न नहीं कर सकें।

 परिवादीगण/प्रत्‍यर्थीगण ने अपने आरक्षण के टिकट की फोटो प्रति दाखिल की है, जिससे कि विदित होता है कि उसका आरक्षण एस-08 बोगी में

(3)

किया गया था, किन्‍तु तकनीकी दोष के कारण यात्रा वाले दिन बोगी नहीं लगी, जिसके कारण परिवादीगण/प्रत्‍यर्थीगण यात्रा नहीं कर सके।

रेलवे क्‍लेम ट्रिब्‍यूनल एक्‍ट 1987 की धारा-13 (1) (बी) के अर्न्‍तगत परिवादीगण/प्रत्‍यर्थीगण को अपना प्रत्‍यावेदन प्रस्‍तुत करना चाहिए था, क्‍योंकि किसी अन्‍य न्‍यायालय  द्वारा इस प्रकार के प्रकरण को सुनने का क्षेत्राधिकार उपरोक्‍त अधिनियम की धारा-15 के अर्न्‍तगत नहीं है। अत‍: ऐसी परिस्थिति में विद्वान जिला मंच को श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है और उसके द्वारा पारित निर्णय निरस्‍त किये जाने योग्‍य है तथा अपीलकर्तागण की अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

अपीलकर्तागण की अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद  संख्‍या-79/1996 जनरल मैनेजर एन.ई. रेलवे बनाम लाडली गिरी में  पारित निर्णय/आदेश दिनांक-13-10-1997 निरस्‍त किया जाता है। परिवादी यदि चाहे तो अपना परिवाद/प्रत्‍यावेदन सक्षम न्‍यायालय/‍अि‍धकरण के समक्ष प्रस्‍तुत कर सकता है, जो कालबाधित नहीं माना जायेगा।

उभय पक्ष अपना-अपना अपील व्‍यय स्‍वयं वहन करेगें।

उभयपक्ष को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार नि:शुल्‍क उपलब्‍ध करायी जाय।

 

     ( अशोक कुमार चौधरी                    (संजय कुमार )                       

       पीठासीन सदस्‍य                             सदस्‍य

आर0सी0वर्मा, आशु. ग्रेड-2

कोर्ट नं0-3

 

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.