Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/472/2014

Syed Hamidul - Complainant(s)

Versus

L.M.L. - Opp.Party(s)

03 Aug 2024

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/472/2014
( Date of Filing : 01 Sep 2014 )
 
1. Syed Hamidul
Akbarnagar
Lucknow
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. L.M.L.
Kanpur
Kanpur
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MRS. sonia Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 03 Aug 2024
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-  472/2014    

उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

         श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

         श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।               

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-01.09.2014

परिवाद के निर्णय की तारीख:-03.08.2024

सैय्यद हमीदुल बारी पुत्र सैय्यद अब्‍दुल बारी पता-546/3/338ए, अकबर नगर फैजाबाद रोड, लखनऊ ।                                 ............परिवादी।                                             

                                                  

                             बनाम

1.   प्रबन्‍ध निदेशक, एल0एम0एल0 लि0 सी-10, पनकी I इस्‍टेट साईट II कानपुर-208022 ।

2.   मै0 श्रीनाथ ऑटो एजेन्‍सी (अधिकृत डीलर एल0एम0एल0 लि0) स्थित-यूनाइटेड हाउसकल्‍याणपुर, रिंग रोड, लखनऊ-226020 ।     ............विपक्षीगण।

                                                    

परिवादी के अधिवक्‍ता का नाम:-एम0जी0 खान।

विपक्षीगण के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री जितेन्‍द्र सिंह।

आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

                               निर्णय

 

1.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद धारा-12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत इस आशय से प्रस्‍तुत किया गया है कि विपक्षीगण से वाहन का लिया गया मूल्‍य 58,000.00 रूपये व वाहन क्रय करने की तिथि 29.12.2011 से मय 16 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज, मानसिक व आर्थिक पीड़ा हेतु 20,000.00 रूपये व वाद व्‍यय 10,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया गया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी संख्‍या 01 एल0एम0एल0 लि0 स्‍कूटर का निर्माता है तथा विपक्षी संख्‍या 02 एल0एम0एल0 लि0 का अधिकृत डीलर है। विपक्षीगण द्वारा एल0एम0एल0 4 स्‍ट्रोक व टू स्‍ट्रोक स्‍कूटर को 86 कि0मी0/प्रतिलीटर का माइलेज देने तथा दो साल या 30,000.00 कि0मी0 की वारन्‍टी होने का प्रचार किया गया।

3.   परिवादी विपक्षीगण द्वारा उक्‍त दोपहिया स्‍कूटर का 86 कि0मी0/प्रतिलीटर माइलेज देने तथा दो वर्ष की वारन्‍टी होने के प्रलोभन में आकर विपक्षी संख्‍या 02 मेसर्स श्रीनाथ ऑटो एजेन्‍सी लखनऊ से दिनॉंक 29.12.2011 को 58,000.00 रूपये अदा करके विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा निर्मित एल0एम0एल0 सेलेक्‍ट 4 स्‍ट्रोक  ईएसबीएस III निर्माता कम्‍पनी व डीलर/अधिकृत विक्रेता श्रीनाथ ऑटो एजेन्‍सी पर विश्‍वास करके क्रय किया जिसका इंजन नम्‍बर-NOE-24B3091283 व फ्रेम/चेचिस संख्‍या MD722EACJ3112790 व पंजीकरण संख्‍या-UP-32-DZ 9516 है।

4.   परिवादी के उक्‍त वाहन के क्रय करने की तिथि से कभी भी माइलेज 32 किमी/प्रतिलीटर से लेकर 36 कि0मी0/प्रतिलीटर से ज्‍यादा का नहीं दिया। उक्‍त वाहन में शुरू से ही मैनूफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट होने के कारण इंजन जल्‍दी गरम हो जाना एवं सेल्‍फ में खराबी आयी, स्‍टार्टिंग की समस्‍या आदि तरह-तरह की परेशानियॉं बनी रहीं। परिवादी ने उक्‍त वाहन को क्रय करने के पश्‍चात उक्‍त निर्धारित अवधि में विपक्षी संख्‍या 02 के सर्विस सेन्‍टर पर सर्विस भी करायी लेकिन उक्‍त वाहन में मैनूफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट होने के कारण माइलेज की समस्‍या, इंजन प्राब्‍लम इत्‍यादि में कमी नहीं आयी तथा परिवादी अपने उक्‍त वाहन से लगातार परेशान होता रहा है।

5.   उक्‍त वाहन मात्र 9650 किलोमीटर चलने पर इंजन पूरी तरह से जाम हो जाने व माइलेज में कभी भी बढ़ोत्‍तरी न होने पर व अन्‍य प्रकार की तरह-तरह की मैनूफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट होने पर कम्‍पनी व डीलर द्वारा उक्‍त वाहन को 86 कि0मी0/प्रतिलीटर का एवरेज दिये जाने का प्रचार करने की बाते गलत साबित होने पर परिवादी ने उक्‍त वाहन से तंग व परेशान होकर दिनॉंक 10.10.2013 को उक्‍त वाहन को बदलकर इंजन अन्‍य मैनूफैक्‍चरिंग कमियों को बदलने के लिये विपक्षी संख्‍या 02 के सर्विस सेन्‍टर श्रीनाथ ऑटो एजेन्‍सी यूनाइटेड हाउस कल्‍याणपुर रिंग रोड, लखनऊ पर देकर आया। विपक्षी संख्‍या 02 ने उक्‍त वाहन को दिनॉंक 10.10.2013 को लेने के पश्‍चात न तो दूसरा वाहन दिया और न ही उसका मूल्‍य वापस किया और वाहन आज भी विपक्षी संख्‍या 02 के गैराज में पड़ा हुआ है।

6.   वाहन न होने से परिवादी को आवागमन में अत्‍यधिक शरीरिक कठिनाई तो हो ही रही है साथ ही मानसिक व आर्थिक पीड़ा भी उठानी पड़ रही है। परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से दिनॉंक 01.08.2014 को पंजीकृत नोटिस भेजकर नोटिस प्राप्‍त करने के पश्‍चात 15 दिन के अन्‍दर परिवादी को झूठा प्रलोभन देकर खराब वाहन देकर परिवादी से वाहन का लिया गया मूल्‍य 58,000.00 को क्रय करने की तिथि से मय 16 प्रतिशत ब्‍याज वापस करने की याचना की है।

7.   विपक्षीगण ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया कि वाहन से संबंधित विवरण ओनर्स मैनुअल में होता है। वाहन पर दो वर्ष अथवा 30,000 कि0मी0 जो पहले हो उसकी वारन्‍टी दी गयी है। 86 कि0मी0/लीटर माइलेज देने का आरोप विपक्षीगण पर लगाया जाना उचित नहीं है। परिवादी द्वारा वाहन का माइलेज 32/36 कि0मी0/लीटर का कथन उचित नहीं है क्‍योंकि दो बार सर्विसिंग की तिथियों 14.01.2012, 22.08.2012 के दौरान वाहन का माईलेज टेस्‍ट किया गया था जिसमें जो परिणाम आये वे 60 किमी और 65/ किमी के बीच प्रतिलीटर आये थे।

8.   विपक्षी ने अपने अभिकथन में बताया है कि परिवादी का कहना कि वाहन 32/36 किमी से ज्‍यादा माइलेज नहीं दे रहा है। त्रुटिपूर्ण है। वाहन में मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट नहं है। परिवादी ने किसी एजेन्‍सी से इसका प्रमाण नहीं दिया है। दो वर्ष तक परिवादी ने वाहन का पूर्ण उपभोग किया है। यदि डिफेक्‍ट होता तो वाहन दो वर्ष तक नहीं चलता। दो वर्ष की वारंटी पीरियड बीतने के साथ ही परिवादी द्वारा मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट व अन्‍य कई कमियॉं दिखाकर वाहन दिनॉंक 10.10. 2013 को विपक्षी संख्‍या 02 को उनके वर्कशाप में जमा कर दिया गया। परिवादी उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अविधिक रूप से विपक्षीगण से अनुचित लाभ लेना चाहते हैं। परिवादी ने अनुचित लाभ लेने की मंशा से परिवाद दाखिल किया है। विपक्षी ने सेवा में कोई कमी नहीं की है। अत: परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है।

9.   परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में मौखिक साक्ष्‍य के रूप में शपथ पत्र एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में आर0सी0, विज्ञापन की फोटो, वाहन क्रय किये जाने की रसीद, विधिक नोटिस साक्ष्‍य व अन्‍य अभिलेखों की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं। विपक्षीगण द्वारा शपथ पत्र दाखिल किया गया है।

10.  आयोग द्वारा उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।

11.  परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी संख्‍या 02 से एक एल0एम0एल0 स्‍कूटर दिनॉंक 29.12.2011 को 58,000.00 रूपये में क्रय किया गया था। विपक्षी ने इस स्‍कूटर के प्रचार में प्रकाशित किया था कि यह 86 किमी का औसत माइलेज देगी। उस पर विश्‍वास करके परिवादी ने यह स्‍कूटर खरीदा था। स्‍कूटर पर दो वष्‍र्ज्ञ अथवा 30,000 किमी की वारंटी थी। परिवादी ने अवगत कराया है कि स्‍कूटर द्वारा कभी भी 32/36 किमी/लीटर से ज्‍यादा का औसत नहीं दिया गया। यह भी अवगत कराया गया है कि थोड़े-थोड़े अंतराल पर गाड़ी में कुछ न कुछ कमी हो जाती थी।  कभी उसका इंजन हीट होता तो कभी स्‍टाटिंग समस्‍या हो जाती। ऐसा लगता था कि वाहन में कोई मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट है।

12.  परिवादी बार-बार विपक्षी संख्‍या 02 से अनुरोध करता रहा कि वाहन का माइलेज व अन्‍य कमियॉं पूरी तरह ठीक कर दे, परन्‍तु वह पूर्णतया ठीक नहीं हुई। परिवादी ने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से विपक्षी को विधिक नोटिस भेजा कि उसका वाहन बदल दे अथवा पैसा मय 16 प्रतिशत ब्‍याज के वापस कर दें, परन्‍तु विपक्षी ने न तो नया वाहन दिया और न ही वाहन का क्रय मूल्‍य वापस किया। अंत में थकहार कर परिवादी ने आयोग में परिवाद योजित किया।

13.  प्रश्‍नगत परिवाद पत्र में परिवादी द्वारा विपक्षीगण पर यह आरोप लगाये गये हैं कि वाहन स्‍कूटर क्रय करते समय भ्रामक विज्ञापन के माध्‍यम से 86 किमी/लीटर एवरेज दिखाया गया जिस पर विश्‍वास करके उसने स्‍कूटर खरीद लिया। बाद में वाहन का एवरेज 32/36 किलोमीटर से ज्‍यादा नहीं रहा। परन्‍तु विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा दिनॉंक 14.01.2012 तथा 22.08.2012 को वाहन की सर्विसिंग के दौरान वाहन का माइलेज टेस्‍ट किया गया था, तब वाहन का माइलेज 60 किमी व 65 किमी0 आया था। यह तकनीकी परीक्षण था, इस पर संदेह नहीं किया जा सकता है। परिवादी ने वाहन में अन्‍य कई कमियॉं बताते हुए यथा-इंजन गरम होना, सेल्‍फ खराब होना आदि वाहन में मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट होना बताया, परन्‍तु मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट के लिये एक्‍सपर्ट की तकनीकी सलाह नहीं प्रस्‍तुत की गयी, केवल मौखिक रूप से मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट कह देने से वह सत्‍यापित या प्रमाणित नहीं हो सकता है।

14.  विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा समय-समय पर की गयी सर्विसिंग में भी जो पार्ट्स व सामान लगाए गए है वह भी मेजर पार्ट्स  नहीं है। उससे भी यह परिलक्षित नहीं होता है कि गाड़ी में कोई बड़ा डिफेक्‍ट या मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट था। विपक्षी ने समय-समय पर गाड़ी की सर्विसिंग की है। उनके द्वारा सेवा में कमी की गयी हो ऐसा परिलक्षित नहीं होता है। परिवादी ने अपना वाहन विपक्षी संख्‍या 02 के वर्कशाप पर छोड़ दिया है। वाहन बिल्‍कुल चलने लायक नहीं रह गया था, इस संबंध में परिवादी द्वारा कोई एक्‍सपर्ट राय प्रस्‍तुत नहीं की गयी है। परिवादी नया वाहन या क्रयमूल्‍य पाने का अधिकारी नहीं है, परन्‍तु वाहन विपक्षी के यहॉं जमा है तो विपक्षी का उत्‍तरदायित्‍व है कि उसे चालू हालत में परिवादी को वापस करने की कार्यवाही किया जाना उचित प्रतीत होता है। परिवादी द्वारा अपने कथनों के बारे में जो विपक्षी के लिये कहे गये थे को प्रमाणित नहीं कर पाए हैं परन्‍तु परिवादी का वाहन विपक्षी के पास ही पड़ा है तो उसे ठीक कराना न्‍यायोचित प्रतीत होता है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                            आदेश

     परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी के स्‍कूटर की मरम्‍मत करके उसे चालू हालत में करके परिवादी को आदेश की तिथि से 30 दिन के अन्‍दर उपलब्‍ध कराये। इसके साथ ही परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्‍ट के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्‍यय के लिये मुबलिग 5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्‍दर अदा करेंगें। यदि आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।

पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)     (सोनिया सिंह)                     (नीलकंठ सहाय)                    

         सदस्‍य               सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                लखनऊ।       

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)     (सोनिया सिंह)                     (नीलकंठ सहाय)                    

         सदस्‍य               सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                लखनऊ।

दिनॉंक:-03.08.2024

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 

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