Rajasthan

Jaisalmer

CC/12/15

JALAM SINGH - Complainant(s)

Versus

L.M.J.SERVICE LTD.JODHPUR - Opp.Party(s)

T.R.GARG

27 Mar 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जैसलमेर(राज0)

1. अध्यक्ष    ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या   : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य    ः श्री मनोहर सिंह नरावत।        
    
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 23.03.2015
मूल परिवाद संख्या:- 12/2015


श्री जालमसिंह पुत्र श्री सुल्तानसिंह,  जाति- राजपुत,
निवासी- इन्द्रा काॅलोनी जैसलमेर तह. व जिला जैसलमेर    
                        ............परिवादी।

बनाम

मैनेजर ,
एल.एम.जे.सर्विस लिमिटेड,
7, सेक्षन न्यू पाॅवर हाउस रोड जोधपुर              .............अप्रार्थी।


प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थित/-
1.    श्री टीकूराम गर्ग, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2.    अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नही ।
ः- निर्णय -ः        दिनांक    ः 29.05.2015


1.    परिवादी का सक्षिप्त मे परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी दिनांक 04.12.2014 को जैसलमेर से बीकानेर के लिये रवाना हुआ सांय करीब 4-5 बजे रामदेवरा से 10 कि.मी बीकानेर की तरफ जैसलमेर जिले की सीमा के भीतर उसकी स्वीफट डीजायर नम्बर आर जे 15 सीए 1316 चलती हुई बन्द हो गयी रोककर संभाली तो वाटर पम्प टूटने से पानी निकल गया तथा गर्म होकर गाड़ी बन्द हुई। वहां से पिकअप महेन्द्रा नं. आर.जे. 07 जीबी 1307 से टोचिग करके बीकानेर ओ.डी.मोटर्स प्रा.लि. अधिकृत कम्पनी में रिपेयर हेतु ले गया तथा रिपेयर कम्पनी द्वारा पार्टस क्रय किये गये तथा रिपेयर बाउचर्स का पूर्ण भुगतान किया। उक्त वाहन मारूती कार को कम्पनी के एलएमजे सेन्टर जोधपुर से दिनांक 18.06.2013 को क्रय किया था तथा उक्त वाहन की वारन्टी का प्रमाण पत्र दिया था जिसमे वारन्टी 12.06.2016 तक व 60,000 कि.मी दोनो मे जो पहले हो वैघ होगा जबकि उक्त वाहन दिनांक 04.12.2014 को मायलेज रिडिग 31,638 कि.मी पर ब्रेक डाउन अर्थात वाटर पम्प चलती गाड़ी मे लिकेज होने से ईजन सीज हुआ है जो वारन्टी समय के अन्तर्गत होने के कारण से प्रार्थी रिपेयरिग की सम्पूर्ण राषि प्राप्त करने का अधिकारी है जबकि अप्रार्थी कम्पनी ने केवल 1400 रू का ही भुगतान किया है जो अप्रार्थी के सेवा की दोष की श्रेणी मे आता है प्रार्थी ने 43312.75 रू रिपेयरिग खर्च व 6200 रू हर्जो खर्चो परिवाद को दिलाये जाने का निवेदन किया।

2.        अप्रार्थी मैनेजर एल.एम.जे.सर्विस लिमिटेड, 7, सेक्षन न्यू पाॅवर हाउस रोड जोधपुर बावजूद नोटिस तामिल व एडी प्राप्त हो जाने के बावजूद उसकी ओर से कोई प्रतिनिधि व अधिवक्ता उपस्थित नही होने के कारण से अप्रार्थी के विरूद्व एकतरफा कार्यवाही की गयी।

 


3.    हमने विद्वान अभिभाषक प्रार्थी की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4.    विद्वान अभिभाषक परिवादी द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1.    क्या परिवादी का परिवाद मंच के क्षैताधिकार मे आता है ?
2.    क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
3.    क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
4.    अनुतोष क्या होगा ?
5 बिन्दु संख्या 1:-  जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत परिवादी का परिवाद दर्ज करने से पहले सब्जैक्ट टू आब्जैक्सन के आधार पर दर्ज रजिस्टर्ड किया गया था लेकिन अप्रार्थी को नोटिस तामिल होने के बावजूद उपस्थित नही होने के कारण इस सम्बध मे अप्रार्थी की ओर से कोई आपति दर्ज नही की गई तथा परिवादी ने अपने परिवाद व सषपथ साक्ष्य मे यह बताया है कि दिनांक 04.12.2014 को वह जैसलमेर से बीकानेर अपने घरेलू कार्य से जा रहा था तब सांय 4-5 बजे रामदेवरा से 10 कि.मी बीकानेर की तरफ जैसलमेर जिले की सीमा के भीतर उसकी डिजायर्ड स्वीफट नम्बर आर जे 15 सीए 1316 चलती हुई बन्द हो गयी रोककर संभाली तो वाटर पम्प टूटने से पानी निकल गया ओर गाडी गरम होकर बन्द हो गयी इस प्रकार परिवाद का वाद कारण (काॅज आॅफ एक्सन) जैसलमेर जिले की सीमा के भीतर उत्पन्न होने के कारण इस मंच को उक्त परिवाद सुनने का क्षैत्राधिकार है। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी का परिवाद मंच के क्षैत्राधिकार मे है फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।  

6 बिन्दु संख्या 2:-  जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादी ने बाकायदा विहित प्रक्रिया अपना कर वारन्टी राषि 7118 रू का भुगतान कर वारन्टी प्रमाण पत्र दिनांक 27.06.2013 को प्राप्त किया। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 02 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।

7 बिन्दु संख्या 3:-  परिवादी की मुख्य रूप से दलील यह है कि उसकी डिजायर स्वीफट रजि. नम्बर आर.जे.15 सीए 1316 का वाटर पम्प टूटने से पानी निकल गया तथा गाड़ी गरम होकर बन्द हो गई। उक्त वाहन वारंटी पीरियड मे ही था। उसका कार्य करवाया गया था जिसका भुगतान अप्रार्थी को वारंटी दाता होने के कारण नियमानुसार किया जाना था। मात्र 1400 रू का भुगतान अप्रार्थी द्वारा किया गया है जबकि उक्त वाहन में 43312.75 रू का कार्य हुआ था। अतः अप्रार्थी ने पूर्ण भुगतान न कर सेवा दोष कारित किया गया है।
परिवादी के इस कथन पर मनन किया तथा पत्रावली पर उपलब्ध मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्य का अध्ययन किया गया परिवादी ने अपनी साक्ष्य मे बताया है। कि मैने वाहन स्वीफ्ट डिजायर कार रजि. नम्बर आर.जे.15 सीए 1316 मारूती कम्पनी के एलएमजे शोरूम से क्रय की जिसकी डिलीवरी मारूती शोरूम एमएमजे बाड़मेर रोड़ जैसलमेर द्वारा की गई थी। उक्त वाहन की वारंटी रजिस्टेªषन दिनांक 27.06.2013 को प्रमाण-पत्र जारी किया गया जिसकी वारंटी समय 12.06.2016 तक व 60,000 कि.मी दोनों मे पहले जिसकी फीस रू 7118/- मेरे से अप्रार्थी ने प्राप्त किये थे। इसलिए उक्त वाहन की वारंटी समय अन्तर्गत है।
8    उनकी यह भी साक्ष्य है कि दिनांक 04.12.2014 को उक्त वाहन से मैं जैसलमेर से बीकानेर जा रहा था कि रास्ते मे रामदेवरा से 10 कि.मी. आगें जिला जैसलमेर की सीमा में उक्त कार रजि. नम्बर आर.जे.15 सीए 1316 रोड़ पर चलते हुए अचानक बन्द हो गई, देखा तो वाटर बाॅडी टूटने से पानी निकल गया तथा इंजन सीज हो गया। जहा से मै बीकानेर उक्त वाहन को पीकअप महेन्द्रा नम्बर आर जे 07 जीबी 1307 से टोचिंग करके बीकानेर बाॅडी मोटर्स प्रा.लि. जो अधिकृत कम्पनी से रिपेयर करवायी। मोटर्स पाटर्स कम्पनी से तथा कम्पनी के माध्यम से क्रय किये जिसके बाउचर्स संलग्न परिवाद किये गये। जो सूचीबद्व क्रय 1 से 6 प्रदर्ष 1 से 6 है, जिसका विवरण परिवाद मे पेष है। जो कुल 43,312 रू 75 पैसे के है। मेरे द्वारा क्लैम राषि प्रार्थी से वसूल करने हेतु पेष किये गये है प्रदर्ष 1 वाटरबाड़ी की रसीद है, प्रदर्ष 8 व 9 पूर्व सर्विसिंग 20156 कि.मी. पर करवायी थी जिसकेे बाउचर है तथा प्रदर्ष बैंक के स्टेटमेंट है। अतः परिवादी ने अपनी साक्ष्य मे इस बात को साबित किया है तथा परिवादी द्वारा प्रस्तुत गारंटी प्रमाण-पत्र दिनांक 27.06.2013 का अवलोकन करे तो उसमे वारंटी पीरियड़ 12 जून 2016 तथा 60,000 कि.मी. जो पहले हो तक वैघ था, और प्रार्थी ने उक्त वारंटी हेतु 7118 रू का भुगतान किया गया था तथा उक्त वाहन मे खराबी दिनांक 04.12.2014 को आयी जो वारंटी पीरियड़ मे यह खराबी आयी तथा गाड़ी भी लगभग 35,000/- कि.मी. ही चली थी जो वारंटी पीरियड़ के दौरान ही थी यह भी स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत ओ.डी. मोटर्स का बिल दिनांक 10.12.2014 में जो पम्प वाटर 1730.43 रू बताया गया है उसमे से 1400 रू का भुगतान अप्रार्थी द्वारा दिनांक 10.12.2014 को ही करना बताया गया है जो वारंटी टाईम के लिए भुगतान किया गया है लैकिन उक्त बिलो की शेष राषि का भुगतान अप्रार्थी द्वारा नही किया गया है इसका कोई कारण भी अप्रार्थी ने नही बताया है। तथा अप्रार्थी को परिवाद पेष होने के बाद नोटिस भी दिया गया लेकिन बावजूद तामिल नोटिस अप्रार्थी उपस्थित नही आया न ही कोई कारण शेष राषि का भुगतान नही करके बाबत् बताया गया है। जब कि परिवादी ने अपने सषपथ बयान व परिवाद मे यह कथन किया है कि वाटर पम्प चलती गाड़ी के लिकेज होने से इंजन सीज हुआ ओर गाड़ी मे अन्य खराबी आयी। वह वाटर पम्प वारंटी पीरियड़ मे ही था। अतः परिवादी की साक्ष्य से यह साबित है कि वाटर पम्प चलती गाड़ी मे लीकेज होने के कारण इंजन सीज हुआ और वाटर पम्प वारंटी पीरियड़ में ही था। ऐसी स्थिति मे हमारी राय मे जो वाटर पम्प चलती गाड़ी मे लीकेज हुआ जिसके कारण इंजन सीज हुआ है ओर परिवादी को उक्त गाड़ी मे यह कार्य कराना पड़ा जिसका बिल ।नकप डवजवते च्अजण्स्जकण् 10.12.2014 पेष किया, जो 26,060 रू का था तथा दूसरा बिल थ्तपमदके ज्तंकपदह ब्वतचवतंजपवद का दिया 09.12.2014 का रू 8180 का पेष किया गया है इस दोनों बिलों की राषि का पूर्ण भुगतान न कर अप्रार्थी ने सेवा दोष कारित किया है। अप्रार्थी का उक्त कृत्य सेवा दोष की त्रृटि मे आता है फलत् बिन्दू सं. 3 प्रार्थी के पक्ष मे निस्तारित किया जाता है।
9 बिन्दु संख्या 4:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 3 प्रार्थी के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है जो स्वीकार किया जाता है । जहां तक क्लेम की राषि का प्रष्न है परिवादी ने उक्त वाहन को ठीक कराने के जो बिल ।नकप डवजवते च्अजण्स्जकण् 10.12.2014 पेष किया, जो 26,060 रू का था तथा दूसरा बिल थ्तपमदके ज्तंकपदह ब्वतचवतंजपवद का दिया 09.12.2014 का रू 8180 का पेष किया गया है। जिनमे कुल 34,240 रू खर्च होना बताया है जिनमे से 1400 रू का भुगतान अप्रार्थी द्वारा किया जा चूका है शेष राषि 32,840 रू रहती है जो जिसको अप्रार्थी द्वारा परिवादी को भुगतान किये जाने का दायित्व बनता है। उसमें पूरा विवरण देते हुए एमाउन्ट राषि का वैट आदि काटने के पष्चात् 32,840 रू. है जिसको न मानने का कारण हमारे समक्ष नहीं है तथा अग्रवाल मोटर्स का बिल दिनांक 18.12.2014 व करर्णी इन्टप्राईजेज का बिल दिनांक 09.12.2014 रसीद मिस्त्री का बिल दिनांक 09.12.2014 करणी मोटर्स बिल दिनांक 27.10.2014 षिवा हुण्डई वर्कषाप का बिल दिनांक 27.10.2014 आदि जो बिल परिवादी ने पेष किये है उन सभी बिलों को बिल जारी करने वालों की तरफ से साबित नहीं कराया गया है तथा न ही उनके शपथ पत्र पेष किये है। तथा उक्त बिलों की राषि की प्राप्ति रसीद भी परिवादी ने पेष नही की है इसलिए हमारी राय उक्त बिलो की राषि का भुगतान किया जाना उचित नही है। परिवादी ने वाहन को पिकअप महैन्द्रा से टोचिंग करके ले जाया गया जिसके 4,000 रू किराये की मांग की यह इस सम्बंध मे रसीद पेष की है लैकिन उक्त गाड़ी डाईवर/मालिक ओमप्रकाष पेष होकर इस रसीद को साबित नही किया है। तथा यह रसीद भी पूर्ण नही है लेकिन परिवादी ने गाड़ी को टोचिग करके ले जाना बताया है तथा यह सत्य भी है। अतः इस मद हेतु उसे 1,000 रू दिलाया जाना उचित समझते है।
उक्त राषि 32,840$1000 कुल राषि 33,840 पर परिवादी को दावा पेष करने की दिनांक 23.03.2015 से 9 प्रतिषत वार्षिक दर से वसूली तक ब्याज पाने के हकदार है साथ ही परिवादी को मानसिक वेदना के लिए 1000/- रूपये अक्षरे रू. एक हजार तथा परिवाद व्यय के 1000 रू अक्षरे रू एक हजार मात्र दिलाया जाना उचित है ।

ः-ः आदेष:-ः

        परिणामतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थी के विरूद्व एकपक्षीय आंषिक रूप से स्वीकार किया जाकर अप्रार्थी को आदेषित किया जाता है कि वे आज से 2 माह के भीतर भीतर परिवादी को उक्त वाहन की क्षतिपूर्ति व रिपेयरिग पेटे 33,840 रू. अक्षरे रू तैतीस हजार आठ सौ चालीस रूपये, परिवाद पेष करने की दिनांक 23.03.2015 से उक्त राषि पर 9 प्रतिषत वार्षिक दर से वसूली तक ब्याज तथा मानसिक वेदना के 1000 रूपये अक्षरे रू एक हजार मात्र व परिवाद व्यय के 1000 रू अक्षरे रू एक हजार मात्र अदा करे ।  

            

    ( मनोहर सिंह नारावत )             (संतोष व्यास)             (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या                               अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                            जैसलमेर।                     जैसलमेर।

    
    आदेश आज दिनांक 29.05.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।

 

    ( मनोहर सिंह नारावत )             (संतोष व्यास)             (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या                               अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                            जैसलमेर।                     जैसलमेर।

 

 

 

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.