Uttar Pradesh

Chanduali

CC/31/2014

GEETA DEVI - Complainant(s)

Versus

L.I.C - Opp.Party(s)

23 Jan 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/31/2014
 
1. GEETA DEVI
VILL&PO-BHATIJA,CHANDAULI
...........Complainant(s)
Versus
1. L.I.C
Mughalsarai Chandauli
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 31                                 सन् 2014ई0
गीता देवी उर्फ बीगा देवी पत्नी स्व0 श्रीराम निवासी भतीजा पो0 भतीजा जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादिनी                                                                                                                                   बनाम
1-भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा कार्यालय प्लाट नं0 3 व्यवसायिक केन्द्र जसौला सलेण्डर फोरम जसौला नई दिल्ली 25 जरिये प्रबन्धक।
2-भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा मुगलसराय जिला चन्दौली जरिये शाखा प्रबन्धक।
                                            .............................विपक्षीगण
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    परिवादिनी  द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से दुर्घटना हित लाभ, बीमा पालिसी धन, आर्थिक क्षति एवं भागदौड आदि हेतु कुल मु0 3,70000/- दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवाद पत्र में परिवादिनी की ओर से संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादिनी के मृतक पति श्री राम महर्षि आयुर्वेद प्रोडक्ट्स ए-14 मथुरा रोड नई दिल्ली में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। परिवादिनी के पति ने दिनांक 18-12-2012 को विपक्षी  के यहाॅं से बीमा पालिसी संख्या 126788270 मु0 150000/- का लिया था। जिसमे परिवादिनी बतौर नामिनी है। बीमा पालिसी की किस्त हर महीने परिवादिनी के पति के वेतन से कट जाती थी। दिनांक 31-5-2013 को परिवादिनी के पति की मृत्यु हो गयी, जिसकी सूचना बीमा कम्पनी को समय से दिया। परिवादिनी ने दिनांक 30-8-2013 को दावा प्रपत्र,मूल पालिसी बाण्ड तथा मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ बीमा दावा के भुगतान हेतु विपक्षी संख्या 1 को भेजा किन्तु विपक्षी संख्या 1 द्वारा शीघ्र भुगतान कर दिये जाने का आश्वासन देते रहे, किन्तु विपक्षी द्वारा भुगतान की कोई कार्यवाही नहीं की गयीे।परिवादिनी ने दिनांक 28-6-2014 को विपक्षीगण को दावा के भुगतान हेतु नोटिस दिया किन्तु विपक्षीगण ने परिवादिनी के दावा का भुगतान नहीं किया। इस आधार पर परिवादिनी ने उपरोक्त बीमा धन विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु प्रार्थना किया है।
3-    विपक्षी संख्या 2 द्वारा जबाबदावा प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादिनी ने अपने वाद के पैरा 2 में कहा है कि उसके मृतक पति श्रीराम महर्षि आयुर्वेद प्रोडक्टस ए-14 मथुरा रोड नई दिल्ली में लिपिक के पद पर कार्यरत थे और बीमा की किस्त परिवादिनी के मृतक पति के वेतन से हर महीने कट कर विपक्षी संख्या 1 को जाती थी। ऐसी स्थिति में परिवादिनी का वाद जिला फोरम चन्दौली के क्षेत्राधिकार में नहीं है और निरस्त किये जाने योग्य है। इस आधार पर परिवादिनी के परिवाद को निरस्त किये जाने की प्रार्थना विपक्षी संख्या 2
2
 द्वारा किया गया है। विपक्षी संख्या 1 को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस प्रेषित किये जाने के बावजूद न तो हाजिर आये एवं न ही अपना जबाबदावा प्रस्तुत किये। अतः परिवाद उनके विरूद्धएक पक्षीय रूप से चलाया गया।
4-    परिवादिनी की ओर से फेहरिस्त के साथ साक्ष्य के रूप में बीमा पालिसी बाण्ड की छायाप्रति कागज संख्या 3/1,प्रीमियम की रसीद 3/2,मृत्यु प्रमाण पत्र 3/3,मतदाता पहचान पत्र 3/4,अपने मृतक पति का मतदाता पहचान पत्र 3/5, भारतीय जीवन बीमा नई दिल्ली शाखा की रसीद 3/6,नोटिस की प्रति 3/7 दाखिल किया गया है।
5-    हम लोगों ने परिवादी एवं विपक्षी संख्या 2 के विद्वान अधिवक्तागण के बहस को सुना है, तथा पत्रावली का सूक्ष्मता से अवलोकन किया है।
6-    विपक्षी संख्या 1 की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत नहीं हुआ है लेकिन विपक्षी संख्या 2 ने प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करके यह कथन किया है कि परिवादिनी के मृतक पति दिल्ली में नौकरी करते थे तथा उन्होंने अपना बीमा भारतीय जीवन बीमा निगम की शाखा जसौला नई दिल्ली में कराया था जैसा कि परिवाद पत्र में कथन किया गया है, इसलिए यह परिवाद जिला फोरम चन्दौली के क्षेत्राधिकार में नही है। इस आधार पर परिवाद निरस्त किये जाने का कथन है। हम लोगों ने इस बिन्दु पर विचार किया।
7-    परिवाद के कथनों से स्पष्ट है कि बीमाधारक श्री राम, नई दिल्ली में लिपिक के पद पर कार्यरत था, तथा उन्होने विपक्षी संख्या 1 से नई दिल्ली में दिनांक 18-12-2012 को प्रश्नगत बीमा पालिसी लिया था जिसमे परिवादिनी नामिनी है। बीमाधारक के मृत्यु के बाद परिवादिनी द्वारा नई दिल्ली में विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं बीमा दावा प्रस्तुत किया,लेकिन इस बीमा दावा को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने का अधिकार बीमा कम्पनी के नई दिल्ली मण्डल कार्यालय को है यदि बीमा दावा पर नई दिल्ली मण्डल कार्यालय ने कोई कार्यवाही नहीं किया तो वाद कारण नई दिल्ली मण्डल कार्यालय के अधीन उत्पन्न हुआ है। अतः नई दिल्ली के अन्र्तगत बीमा कम्पनी के किसी भी शाखा कार्यालय में दावा परिवादिनी प्रस्तुत कर सकती थी। विपक्षी बीमा कम्पनी के मुगलसराय जिला चन्दौली के शाखा कार्यालय में कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है एवं न ही यहाॅं के मण्डल कार्यालय में कोई बीमा दावा प्रस्तुत हुआ है। इसलिए प्रस्तुत परिवाद के सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्ता फोरम चन्दौली को नहीं है। परिवादिनी को परिवाद नई दिल्ली के सक्षम फोरम में परिवाद प्रस्तुत करना चाहिए। अतः प्रस्तुत परिवाद जिला उपभोक्ता फोरम चन्दौली के क्षेत्राधिकार में न होने के कारण खारिज किये जाने योग्य है।
                             आदेश
    प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दपतर होवे।

(मारकण्डेय सिंह)               (मुन्नी देबी मौर्या)                   (जगदीश्वर सिंह)
   सदस्य                        सदस्या                           अध्यक्ष
                                                           दिनांक 23-1-2015
 

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

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