Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/441/2012

FAIYAJ AHMAD - Complainant(s)

Versus

L.D.A - Opp.Party(s)

06 Mar 2020

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/441/2012
( Date of Filing : 19 May 2012 )
 
1. FAIYAJ AHMAD
.
...........Complainant(s)
Versus
1. L.D.A
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Mar 2020
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ

              परिवाद संख्‍या:-441/2012     

    उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                                               श्रीमती स्‍नेह त्रिपाठी, सदस्‍य।                                            

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-19/05/2012

परिवाद के निर्णय की तारीख:-06/03/2020

 

Faiyaz Ahmad, aged about 62 years, S/o Shri Sarfaraz Ahmad, R/o House No. 172/98, Hata Lal Khan, Aminabad, P.S. Qaisherbagh, Lucknow.

                                                                         .................Complainant.                                                

                       Versus

1-Lucknow Development Authority having its office at 6 Jagdish Chandra Bose Marg, Lucknow through its Vice Chairman.

2-Secretary, Lucknow Development Authority having its office at 6 Jagdish Chandra Bose Marg, Lucknow.

                                            .................Opp. Party.

आदेश द्वारा-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                          निर्णय 

     परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगण से ब्रासर में किये गये वायदे के अनुसार दुकान दिलाये जाने, मुबलिग-500000/- मानसिक तनाव एवं वाद व्‍यय दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

     संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने नजीर मार्केट बालागंज चौराहे के पास दुकान नम्‍बर-08 किराये पर लिया था। सड़क चौड़ी करने के लिये दुकानों को गिराया गया। राज्‍य सरकार शर्तो के मुताबिक दुकानदारों को आवंटित करना और बेचना था। उसके लिये निबन्‍धन तिथि बढ़ाकर 11 जून 1998 किया गया था। परिवादी ने 7,500/-रूपये जमा भी किया। लाटरी पद्धति के अनुसार दुकानों का विक्रय होना था। विपक्षीगण ने प्रस्‍तावित स्‍थल हरदोई रोड बालागंज योजना, में आवंटित करने के लिये प्रस्‍ताव रखा। कुछ इन्‍तजारी के बाद परिवादी ने विपक्षीगण के यहॉं संपर्क किया कि उसे दूसरी नयी दुकान दी जाए। विपक्षीगण के कार्यालय से परिवादी को पत्र द्वारा सूचित किया गया कि परिवादी का नाम गलती से लाटरी पद्धति में नहीं डाला जा सका था, फिर भी विपक्षीगण परिवादी को दुकान नम्‍बर-एल जी एफ-20 बिस्मिल बाजार, व्‍यावसायिक केन्‍द्र बालागंज, लखनऊ आवंटित एवं विक्रय करने के लिये तैयार है। परन्‍तु परिवादी को वह दुकान जो उसे आवंटित हुई है स्‍वीकार नहीं थी, क्‍योंकि वह दुकान पूर्व में किसी दूसरी व्‍यक्ति को आवंटित की गयी थी। उक्‍त दुकान बेसमेंट में अन्तिम कोने पर स्थित है, और वहॉं व्‍यापार करना असंभव था, क्‍योंकि कोई व्‍यक्ति उस दुकान को सड़क से नहीं देख सकता था। परिवादी ने विपक्षी को कई पत्र लिखे कि उसे दूसरी दुकान दी जाए, परन्‍तु विपक्षीगण ने उस पर कोई कार्यवाही नहीं की। परिवादी को विपक्षी के कार्यालय का पत्र संख्‍या-371/यू0एस0/एल0/09 दिनॉंकित-14/12/2009 प्राप्‍त हुआ,  जिसमें यह बताया गया था कि परिवादी रसीदों की छायाप्रति दाखिल करे,  जिससे दुकान की अंतिम गणना की जा सके। परिवादी ने पुन: विपक्षीगण से अनुरोध किया कि उसे दूसरी दुकान आवंटित की जाए, और उसने रसीदों की छायाप्रतियॉं विपक्षीगण को दिया। जहॉं विपक्षीगण द्वारा यह बताया गया कि परिवादी का आवेदन विचार के लिये लम्बित है, और पुन: सूचना दी जायेगी। परिवादी ने इस संदर्भ में एक पत्र दिनॉंकित-12/05/2010 भी भेजा, जिसका जवाब उसे प्राप्‍त नहीं हुआ। विपक्षीगण का पत्र संख्‍या-675/यू0एस0/ई/10 दिनॉंकित-04/09/2010 प्राप्‍त हुआ, जिसके द्वारा परिवादी को सूचित किया गया था कि परिवादी की दुकान संख्‍या-एल जी एफ-20 विस्मिल बाजार, का आवंटन निरस्‍त कर दिया गया है, और परिवादी को खाली जगह पर दखल कब्‍जा देने का निर्देश दिया गया था। परिवादी को उस दुकान में कभी दखल कब्‍जा नहीं दिया गया था, अत: उसे खाली करने का कोई प्रश्‍न ही नहीं था।

     विपक्षीगण ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया कि परिवादी अवैध कब्‍जेदार था, और जन सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अवैध कब्‍जे को हटाकर वाणिज्यिक भवन का निर्माण कराकर नियमानुसार पंजीकरण खोलकर दुकान संख्‍या-एल जी एफ-20 का आवंटन विस्‍थापित कोटे के अन्‍तर्गत बिस्मिल बाजार में किया गया था। निर्धारित तिथि के बाद जमा किया गया पंजीकरण फार्म संभवत: त्रुटिवश तत्‍समय लाटरी सूची में नाम सम्मिलित नहीं हो सका होगा, परन्‍तु बाद में परिवादी के प्रार्थनापत्र पर विचार करते हुए परिवादी को उपरोक्‍त दुकान आवंटित की गयी, और उसकी सूचना परिवादी को दी गयी थी। परिवादी द्वारा आवंटित दुकान की बकाया धनराशि जमा नहीं करने पर पत्र दिनॉंकित-04/09/2010 द्वारा दुकान निरस्‍त्रीकरण की सूचना भेज दी गयी थी। परिवादी को औपचारियकताऍं पूरी कर कब्‍जा प्राप्‍त करने के लिए पत्र द्वारा सूचित किया गया था। दुकान का आवंटन व्‍यावसायिक कार्य के लिये किया गया था, अत: वाद सुनवाई का क्षेत्राधिकार फोरम को नहीं है।

     परिवादी ने शपथ पर अपना साक्ष्‍य दाखिल किया है।

     अभिलेख का अवलोकन किया, जिससे प्रतीत होता है कि परिवादी के अनुसार उसकी दुकान किराये पर बालागंज चौराहे के पास नजीर मार्केट में थी। यह तथ्‍य स्‍पष्‍ट कर रहा है कि परिवदी को नजीर मार्केट में विपक्षी द्वारा कोई दुकान आवंटित नहीं की गयी थी, बल्कि वह किराये पर थी। सड़क चौड़ी करने के लिये दुकानों को हटाया गया था और पुन: विस्‍थापित करने के लिये आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे, जिसमें परिवादी ने भी आवेदन पत्र दिया था, परन्‍तु लाटरी में परिवादी का आवेदन पत्र विपक्षीगण द्वारा नहीं डाला गया। फिर भी विपक्षी ने परिवादी को दुकान संख्‍या-एल जी एफ-20 बिस्मिल बाजार में किया गया था। परन्‍तु उक्‍त दुकान परिवादी को पसन्‍द नहीं आ रही थी। अत: परिवादी दूसरी दुकान आवंटित करने के लिये आवेदन पत्र दिया था, और परिवादी ने आवंटित दुकान की राशि जमा नहीं किया। अत: आवंटन निरस्‍त कर दिया गया। विपक्षी द्वारा परिवादी का आवेदन लाटरी में नहीं डालना उनके द्वारा सेवा में कमी है। यह भी संभव था कि लाटरी में डालने पर परिवादी को अच्‍छी दुकान मिल सकती थी, या उसे पुन: दुकान आवंटित नहीं भी हो सकती थी। दुकान वाणिज्यिक कार्य के लिये ही आवंटित की जाती है। चॅूंकि विपक्षी ने परिवादी का आवेदन लाटरी में नहीं डाला, अत: उसके द्वारा सेवा में कमी है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

                            आदेश

     परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देश दिया जाता है कि वे सेवा में कमी के लिये मुबलिग-1,00,000/-(एक लाख रूपया मात्र) परिवादी को अदा करेंगें। उभय पक्ष वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेगें।   

 

 

(स्‍नेह त्रिपाठी)                               (अरविन्‍द कुमार)

  सदस्‍य                                       अध्‍यक्ष

                              जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम,

                                            लखनऊ।                                         

 

 

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 

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