Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/1214

Soni Devi - Complainant(s)

Versus

L I C - Opp.Party(s)

A K Mishra

15 Apr 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/1214
( Date of Filing : 25 Jun 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Soni Devi
a
...........Appellant(s)
Versus
1. L I C
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 15 Apr 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1214/2008

सोनी देवी पत्‍नी स्‍व0 श्री भोला कृष्‍ण सोनी, निवासिनी ग्राम श्रीकांतपुर, पोस्‍ट देवगांव, जिला आजमगढ़

 

बनाम

 

मैनेजर, लाइफ इंश्‍योरेंस कारपोरेशन, रीजनल आफिस, जीवन प्रकाश बी-12/120 गौरीगंज, वाराणसी तथा दो अन्‍य

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित      : श्री ए.के. मिश्रा।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री वी.एस. बिसारिया।

दिनांक : 15.04.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-65/2005, सोनी देवी बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, आजमगढ़ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 26.5.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ए.के. मिश्रा तथा प्रत्‍यर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी.एस. बिसारिया को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि बीमा पालिसी के अंतर्गत कोई क्‍लेम देय नहीं है।

-2-

3.        परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी के पति स्‍व0 भोला कृष्‍ण सोनी द्वारा दिनांक 28.4.2003 को विपक्षी बीमा निगम से पालिसी संख्‍या-283218550 अंकन 50,000/-रू0 तथा पालिसी संख्‍या-283217690 अंकन 2,00,000/-रू0 के लिए प्राप्‍त की गयी थी, जिनमें परिवादिनी नामिनी है। दिनांक 26.7.2003 को दुर्घटना के कारण परिवादिनी के पति भोला कृष्‍ण सोनी की मृत्‍यु हो गयी। बीमा निगम के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया, परन्‍तु क्‍लेम अदा नहीं किया गया, इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

4.        बीमा निगम का यह कथन है कि बीमाधारक भोला कृष्‍ण सोनी की मृत्‍यु की सूचना दिनांक 25.7.2003 को दी गयी। बीमा निगम द्वारा बीमाधारक की मृत्‍यु के कारणों की जांच प्रारम्‍भ की गयी तब ज्ञात हुआ कि बीमाधारक की मृत्‍यु दुर्घटना के कारण नहीं हुई थी, अपितु उसकी हत्‍या कर शव सड़क पर फेंक दिया गया था। जांच में यह भी पाया गया कि बीमाधारक भोला कृष्‍ण सोनी का चरित्र अच्‍छा नहीं था। आपराधिक छवि होने के कारण वह अपने मूल निवास पर नहीं रहता था और न ही उसका विवाह हुआ था। वह केवल सोनी देवी के साथ 10 वर्ष पूर्व से रह रहा था, इसलिए बीमा क्‍लेम देय नहीं पाया गया।

5.        विद्वान जिला आयोग ने भी बीमा निगम के तर्क को स्‍वीकार करते हुए यह निष्‍कर्ष दिया कि बीमाधारक की गला दबने के कारण सांस रूकने से मृत्‍यु होना पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट में आया है और दुर्घटना का कोई सबूत जांचाधिकारी को प्राप्‍त नहीं है, इसलिए उसकी हत्‍या हुई है और तदुनसार बीमा क्‍लेम देय नहीं है।

 

-3-

6.        अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादिनी प्रश्‍नगत पालिसियों में नामिनी है, इसलिए बीमा निगम को परिवादिनी से बीमाधारक की शादी होने के बिन्‍दु पर आपत्ति करने का कोई अवसर प्राप्‍त नहीं है। द्वितीय बहस यह की गयी है कि बीमाधारक की मृत्‍यु केवल हत्‍या से हुई है, यह तथ्‍य साबित करने का भार बीमा निगम पर है, जिसे साबित नहीं किया गया है।

7.        पत्रावली के अवलोकन से जाहिर होता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 279, 304 ए आईपीसी के अंतर्गत दर्ज करायी गयी है। विवेचना के पश्‍चात विवेचनाधिकारी द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी गयी, जिसका कोई विरोध न होने के कारण यह रिपोर्ट स्‍वीकार कर ली गयी। इस प्रकार समस्‍त जांच धारा 279, 304 ए आईपीसी के अंतर्गत की गयी है। हत्‍या के अपराध के कारण उसकी कोई जांच नहीं की गयी। हत्‍या का कोई साक्षी जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। किसी भी व्‍यक्ति को हत्‍या का अपराधी नहीं पाया गया। पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट में गला दबने से बीमाधारक की मृत्‍यु हुई है। बीमाधारक की हत्‍या होने का निष्‍कर्ष देने का पर्याप्‍त आधार नहीं है, क्‍योंकि दुर्घटना के कारण भी गले पर इतना भार पड़ सकता है कि सांस रूक जाय और पीडित व्‍यक्ति की मृत्‍यु कारित हो जाय, इसलिए हत्‍या से संबंधित कोई साक्ष्‍य पत्रावली पर मौजूद नहीं है। बीमा निगम के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह बहस की गयी है कि बीमाधारक के भाई तथा ग्राम प्रधान द्वारा सूचित किया गया कि बीमाधारक भोला कृष्‍ण सोनी आपराधिक किस्‍म का व्‍यक्ति है, इसिलए  दुश्‍मनों  द्वारा उसकी हत्‍या कारित हो सकती है, परन्‍तु यह

 

-4-

तर्क केवल काल्‍पनिक है। यदि बीमाधारक भोला कृष्‍ण सोनी आपराधिक प्रवृत्ति का व्‍यक्ति होता तब उसकी हिस्‍ट्री शीट संबंधित थाने पर मौजूद होती, परन्‍तु बीमा निगम द्वारा मृतक के विरूद्ध किसी प्रकार का आपराधिक वाद संचालित होने या सजा होने का कोई सबूत प्रस्‍तुत नहीं किया गया है, इसलिए बीमा निगम द्वारा बीमाधारक की हत्‍या होने के संबंध में जो भी अभिवाक लिये गये हैं, वह सब काल्‍पनिक हैं एवं विचार-विमर्शित हैं। यथार्थ में हत्‍या का कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है। इस प्रकार चूंकि परिवादिनी नामिनी है, इसलिए उसकी शादी होने या न होने का भी कोई प्रभाव प्रस्‍तुत केस में नहीं है। अत: बीमाधारक की मृत्‍यु पर परिवादिनी बीमा क्‍लेम प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने तथा परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

8.        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 26.05.2008 अपास्‍त किया जाता है तथा परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि बीमा निगम द्वारा परिवादिनी को बीमाधारक की मृत्‍यु पर बीमा पालिसी संख्‍या-283218550 अंकन 50,000/-रू0 (पचास हजार रूपये) तथा बीमा पालिसी संख्‍या-283217690 अंकन 2,00,000/-रू0 (दो लाख रूपये) 45 दिन के अन्‍दर प्रदत्‍त करे तथा इन राशियों पर परिवाद  प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक

 

 

-5-

06 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज भी देय होगा साथ ही परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 15,000/-रू0 (पन्‍द्रह हजार रूपये) भी अदा करें। इस राशि पर कोई ब्‍याज देय नहीं होगा।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0, 

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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