(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-12/2005
Smt. Rajeshwari Devi w/o Late Ram Gopal
Versus
Life Insurance Corporation of India & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एम0एच0 खान, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री संजय जायसवाल, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :21.03.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-36/2002, श्रीमती राजेश्वरी देवी बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम व अन्य में विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग, (द्वितीय) बरेली में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 28.09.2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि परिवादिनी इस तथ्य को साबित करने में विफल रही है कि वह मृतक राम गोपाल की एक मात्र उत्तराधिकारिणी है। उल्लेखनीय है कि मृतक राम गोपाल के पिता द्वारा पॉलिसी सं0 220539344 उस समय प्राप्त की गयी थी, जिस समय मृतक राम गोपाल नाबालिग थे, इसलिए इस पॉलिसी मे किसी अन्य व्यक्ति को नॉमिनी अंकित नहीं किया गया था। बीमाधारक की मृत्यु के पश्चात राजेश्वरी देवी द्वारा परिवाद इस आधार पर प्रस्तुत किया गया कि वह मृतक की पत्नी है, परंतु उत्तराधिकार प्रमाण पत्र पेश नहीं किया गया, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया जाना संभव नहीं हुआ कि परिवादिनी अकेली मृतक की वैध उत्तराधिकारिणी है। तदनुसार परिवाद खारिज कर दिया गया। किसी भी बीमा पॉलिसी के अंतर्गत क्लेम प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दो या उनमें से किसी एक स्थिति का मौजूद होना आवश्यक है:-
ए) परिवादी बीमा पॉलिसी में बीमाधारक द्वारा नामित किया गया हो।
बी) परिवादी बीमाधारक का वैध उत्तराधिकारी हो, जिसके लिए सक्षम न्यायालय से प्राप्त उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया हो।
3. उपरोक्त वर्णित दोनों स्थिति प्रस्तुत केस में मौजूद नहीं है। राजेश्वरी देवी बीमाधारक की नॉमिनी नहीं है तथा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र भी प्राप्त नहीं किया गया है, इसलिए जिला उपभोक्ता मंच द्वारा दिया गया निष्कर्ष विधिसम्मत है। यद्यपि यदि राजेश्वरी देवी द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है और इस प्रमाण पत्र के आधार पर बीमा क्लेम प्रस्तुत किया जाता है तब बीमा कम्पनी द्वारा पुन: गुणदोष के आधार पर बीमा क्लेम की अदायगी के बिन्दु का निस्तारण किया जायेगा।
आदेश
अपील इस शर्त के अनुसार खारिज की जाती है कि यदि राजेश्वरी देवी द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है और इस प्रमाण पत्र के आधार पर बीमा क्लेम प्रस्तुत किया जाता है तब बीमा कम्पनी द्वारा पुन: गुणदोष के आधार पर बीमा क्लेम की अदायगी के बिन्दु का निस्तारण किया जायेगा।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3