Uttar Pradesh

StateCommission

A/2005/933

Smt Asha Agrwal - Complainant(s)

Versus

L I C - Opp.Party(s)

Akhilesh Trivedi

21 Feb 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2005/933
( Date of Filing : 22 Feb 2005 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Smt Asha Agrwal
A
...........Appellant(s)
Versus
1. L I C
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Feb 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-933/2005

Smt. Asha Agarwal W/O Late Kamal Kumar Agarwal

Versus

Life Insurance Corporation India, through Its Divisional Manager

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अखिलेश त्रिवेदी, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री वी0एस0 बिसारिया, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :21.02.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-83/2003, श्रीमती आशा अग्रवाल बनाम मण्‍डलीय प्रबन्‍धक, भारतीय जीवन बीमा निगम में विद्वान जिला आयोग, (द्वितीय) बरेली द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 13.04.2005 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्के को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया है कि बीमाधारक द्वारा जो बीमा पॉलिसी प्राप्‍त की गयी थी, वह लैप्‍स हो चुकी थी और नवीनीकरण के समय बीमा धारक बोन कैंसर से पीडि़त था और इस तथ्‍य को छिपाते हुए नवीनीकरण कराया गया, इसलिए बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा क्‍लेम निरस्‍त करने का आधार उचित माना गया।

3.        बीमाधारक द्वारा जिनकी नॉमिनी परिवादिनी है। 2 बीमा पॉलिसी प्राप्‍त करना, इन बीमा पॉलिसियों का लैप्‍स होना, लैप्‍स होने के पश्‍चात 18.07.2000 को नवीनीकरण कराना, नवीनीकरण कराने के पश्‍चात 21.08.2000 को बीमाधारक की मृत्‍यु होना दोनों पक्षकारों को स्‍वीकार है। अत: इन बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत विवेचना की आवश्‍यकता नहीं है।

4.           इस अपील के विनिश्‍चय के लिए एकमात्र विनिश्‍चायक बिन्‍दु  यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष यह तथ्‍य   स्‍थापित है कि नवीनीकरण के समय बीमाधारक बोन कैंसर की बीमारी से ग्रसित था और इस तथ्‍य को छिपाया गया। इस बिन्‍दु का निस्‍तारण करते समय जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि बीमाधारक द्वारा यथार्थ में नवीनीकरण के समय मौजूद बीमारी के तथ्‍य को छिपाया गया और इसी आधार पर बीमा क्‍लेम निरस्‍त करना विधिसम्‍मत पाया गया। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि दिनांक 17.08.2000 को जिला अस्‍पताल से स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण बीमा धारक का कराया गया था, इसलिए इस तिथि को बीमाधारक स्‍वस्‍थ था, जिसके संबंध में जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उल्‍लेख किया गया है कि दिनांक 17.08.2000 की मेडिकल रिपोर्ट जारी करते समय बीमा धारक के खून की जांच करने का कोई कथन नहीं किया गया न ही इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गयी है। यह निष्‍कर्ष इस आधार पर अहस्‍ताक्षरीय है कि स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण रिपोर्ट जो भी नवीनीकरण से पूर्व बीमा कम्‍पनी के स्‍तर से या स्‍वयं बीमाधारक द्वारा डॉक्‍टर से करायी जाती है, में सामान्‍य स्‍वास्‍थ्‍य  परीक्षण किया जाता है। कैंसर जैसी गंभीर रोग के संबंध में स्‍वास्‍थ्‍य  परीक्षण इस अवसर पर सामान्‍यता नहीं किया जाता इसलिए दिनांक 17.08.2000 की रिपोर्ट के आधार पर यह नहीं माना जा सकता कि बीमाधारक स्‍वस्‍थ है। बीमाधारक के नवीनीकरण के संबंध में बीमारी के संबंध में सबसे महत्‍वपूर्ण साक्ष्‍य एनेक्‍जर सं0 3 पर मौजूद है जो केशलता अस्‍पताल के डॉक्‍टर आर0के0 चित्रांगिया द्वारा प्रमाण पत्र के रूप में प्रस्‍तुत की गयी है, जिसमे स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि मरीज (बीमाधारक) कमल कुमार बोन कैंसर से पीडि़त थे और उनको इलाज के दौरान रेडिएशन भी दिया गया था। यह प्रमाण पत्र अस्‍पताल के अभिलेख के आधार पर जारी किया गया है। केशलता अस्‍तपाल द्वारा जारी प्रमाण पत्र पर अविश्‍वास करने का कोई कारण नजर नहीं आता चूंकि एक निष्‍पक्ष अस्‍पताल द्वारा जिनके पास मरीज के इलाज का रिकार्ड मौजूद है, के आधार पर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है। अत: इस बिन्‍दु पर भी जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा दिया गया निष्‍कर्ष में हस्‍तक्षेप करना संभव नहीं है।   

आदेश

अपील खारिज की जाती है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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