Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/329

Shail Singh - Complainant(s)

Versus

L I C - Opp.Party(s)

T H Naqvi

14 Dec 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/329
( Date of Filing : 19 Feb 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Shail Singh
a
...........Appellant(s)
Versus
1. L I C
z
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Dec 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0 330/2007

Shail Singh w/o late Suryabhan Singh

Versus

Bhartiya Jeevan Bima Nigam, through Branch Manager

एवं

अपील संख्‍या-329/2007

Shail Singh w/o late Suryabhan Singh

Versus

Bhartiya Jeevan Bima Nigam, through Branch Manager

  समक्ष:-                                                         

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य। 

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    :श्री टी0एच0 नकवी, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री वी0एस0 बिसारिया, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :14.12.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-237/2005, शैल सिंह बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम में विद्वान जिला आयोग, रायबरेली द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.01.2007 के विरूद्ध अपील सं0 330/2007 एवं परिवाद सं0 236/2005 में अपील सं0 329/2007 परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है। अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जा रहा है।

2.         अपील सं0 330/2007 में परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी के पति ने अपने जीवनकाल में अंकन 2,00,000/-रू0 की एक पॉलिसी प्राप्‍त की थी तथा 12,779/-रू0 प्रीमियम अदा किया था, जिसमें दुर्घटना हित लाभ भी शामिल था। दुर्घटना के कारण मृत्‍यु होने पर 4,00,000/-रू0 प्राप्‍त होना था। दिनांक 19.10.2004 को बीमा धारक की दुर्घटना में मृत्‍यु हो गयी, जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट 279, 304 आई0पी0सी0 के अंतर्गत दर्ज करायी गयी। दिनांक 19.10.2004 को पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट हुआ। इसके पश्‍चात 4,00,000/-रू0 बीमा राशि के लिए आवेदन दिया गया, परंतु बीमा कम्‍पनी द्वारा दुर्घटना में मृत्‍यु न मानते हुए बीमा क्‍लेम नकार दिया गया, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

3.         अपील सं0 329/2007 में परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी के पति ने अपने जीवनकाल में अंकन 5,00,000/-रू0 की एक पॉलिसी प्राप्‍त की थी तथा 29,424/-रू0 प्रीमियम अदा किया था, जिसमें दुर्घटना हित लाभ भी शामिल था। दुर्घटना के कारण मृत्‍यु होने पर 4,00,000/-रू0 प्राप्‍त होना था। दिनांक 19.10.2004 को बीमा धारक की दुर्घटना में मृत्‍यु हो गयी, जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट 279, 304 आई0पी0सी0 के अंतर्गत दर्ज करायी गयी। दिनांक 19.10.2004 को पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट हुआ। इसके पश्‍चात 10,00,000/-रू0 बीमा राशि के लिए आवेदन दिया गया, परंतु बीमा कम्‍पनी द्वारा दुर्घटना में मृत्‍यु न मानते हुए बीमा क्‍लेम नकार दिया गया, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

 

4.       जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादी ने बीमारी के तथ्‍य को छिपाया। इस कारण दावा निरस्‍त किया गया है। तदनुसार 2,00,000/-रू0 अपील सं0 330/2007 में एवं अपील सं0 329/2007 में 5,00,000/-रू0  अदा करने का आदेश पारित किया गया है।

5.        इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गयी है कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा विधि विरूद्ध निर्णय पारित किया गया है। बीमारी के किसी तथ्‍य को नहीं छिपाया गया है, इसलिए दुर्घटना हित लाभ भी देय था।

6.          बीमा कम्‍पनी द्वारा अपने लिखित कथन में यह उल्‍लेख किया गया है कि बीमा धारक 15.11.2002 से 31.12.2002 तक चिकित्‍सा अवकाश पर था और उन्‍हें स्‍पाइन्‍डलाटिस नामक बीमारी थी। इस तथ्‍य को छिपाकर बीमा पॉलिसी प्राप्‍त की गयी। यथार्थ में बीमा धारक की मृत्‍यु किसी बीमारी के कारण नहीं हुई है, बल्कि दुर्घटना में मृत्‍यु कारित हुई है। यह तथ्‍य भली-भांति स्‍थापित है कि दुर्घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है, जिसकी प्रति पत्रावली पर मौजूद है, जिसके आधार पर अपराध सं0 96/05 धारा 279/304ए/427 दर्ज हुआ है।  

7.          जांच के पश्‍चात दुर्घटना का तथ्‍य साबित माना गया। यद्यपि ड्राइवर की खोज नहीं की जा सकी, इसलिए अंतिम रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गयी। अत: चूंकि मृत्‍यु दुर्घटना के कारण हुई है, इसलिए बीमारी के किसी तथ्‍य को छिपाने का कोई प्रश्‍न ही नहीं था। अत: दुर्घटना हित लाभ भी प्रदान किया जाना चाहिए था। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा केवल बीमित राशि अदा करने का आदेश दिया है, जो विधि विरूद्ध है। अत: यह आदेश इस प्रकार संशोधित होने योग्‍य है कि बीमा धारक की मृत्‍यु पर बीमित राशि एवं दुर्घटना हित लाभ दोनों प्रदान किये जायें। अपील  

आदेश

            अपील सं0 330/2007 स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ताआयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी, बीमा धारक को बीमित राशि एवं दुर्घटना हित लाभ की राशि 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक अदा किया जाये। पूर्व में जो राशि अदा की जा चुकी है, वह समायोजित की जायेगी तथा अदा की गयी राशि पर कोई ब्‍याज देय नहीं होगा। परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 20,000/-रू0 अदा करें।

            अपील सं0 329/2007 स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी बीमित धनराशि 5,00,000/-रू0 के साथ-साथ दुर्घटना हित लाभ भी अपीलार्थी/परिवादी को प्रदान करे और इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज भी अदा किया जाये। परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 20,000/-रू0 अदा करें। 

            इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0-330/2007 में   रखी जाये एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्‍बंधित अपील सं0-329/2007 में   रखी जाये। 

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

 उपरोक्‍त अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

     

        (सुधा उपाध्‍याय)                         (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                                सदस्‍य

 

 

संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0-3

 

 

 

 

          

 

 

 

 

 

 

 

 

 

                                   

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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