Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/2298

Ram Singh - Complainant(s)

Versus

L I C - Opp.Party(s)

V P Sharma

04 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/2298
( Date of Filing : 10 Oct 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ram Singh
a
...........Appellant(s)
Versus
1. L I C
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Jun 2024
Final Order / Judgement

                                                          (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2298/2012

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-115/2005 में पारित निणय/आदेश दिनांक 29.8.2012 के विरूद्ध)

 

राम सिंह पुत्र श्री भरत सिंह, निवासी ग्राम मोहम्‍मदपुर, पोस्‍ट दहतुरा, थाना सिकन्‍दरा, जिला आगरा।

अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

लाइफ इंश्‍योरेंस कारपोरेशन आफ इण्डिया, रिजनल आफिस, लाइफ इंश्‍योरेंस कारपोरेशन भवन, संजय पैलेस, आगरा, द्वारा रिजनल मैनेजर।

                                     प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : सुश्री रेहाना खान।

दिनांक:  04.06.2024  

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-115/2005, राम सिंह बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम में विद्वान जिला आयोग, प्रथम आगरा द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 29.8.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर बल देने के लिए अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्‍यर्थी की विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         विद्वान जिला आयोग ने विपक्षी के पास जमा प्रीमियम राशि 9 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस लौटाने का आदेश पारित किया है।

3.         परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा अपनी पत्‍नी के नाम एक बीमा पालिसी दिनांक 28.3.1998 को प्राप्‍त की गई थी। पालिसी प्राप्‍त करते समय वह पूर्ण रूप से स्‍वस्‍थ थी, जिनकी मृत्‍यु दिनांक 25.2.2003 को हो गई। परिवादी ने पत्‍नी की मृत्‍यु के पश्‍चात विलम्‍ब शुल्‍क सहित दिनांक 17.5.2003 को अंकन 2420/-रू0 व दिनांक 21.5.2004 को अंकन 2456.30 पैसे जमा कर दिए। पुनर्चलन के समय श्रीमती अनार देवी बीमार थी और इस तथ्‍य को छिपाया गया। चूंकि पालिसी वर्ष 1998 से संचालित थी, इसलिए क्‍लेम अस्‍वीकार नहीं किया जा सकता।

4.         बीमा निगम का कथन है कि पालिसी कालातीत हो गई थी। इसके बाद दिनांक 9.10.2002 को यह बयान दिया कि उसकी पत्‍नी का स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा है, इसलिए पालिसी का पुनर्चलन किया गया, इसके बाद यह पालिसी पुनर्चलन की तिथि के दो वर्ष के अंदर बीमाधारक की मृत्‍यु हो गई, इसलिए जांच की गई और जांच में पाया गया कि पुनर्चलन की तिथि से दो-तीन वर्ष पूर्व से बीमाधारक बीमार थी और वह दिनांक 10.5.2000 से दिनांक 20.5.2000 तक आगरा के एस.एन. मेडिकल कालेज में भर्ती थीं। परिवादी द्वारा इलाज राशि अंकन 3612/-रू0 दिनांक 30.9.2000 को अदा की गई थी। परिवादी द्वारा इलाज में खर्च राशि प्राप्ति के लिए भी आवेदन दिया गया था तथा सीएमओ कार्यालय में भी इस आशय का आवेदन दिया गया था, जिसमें अनार देवी की चिकित्‍सा का उल्‍लेख किया था, इसलिए बीमा क्‍लेम देय नहीं है।

5.         विद्वान जिला आयोग ने साक्ष्‍य की व्‍याख्‍या करते हुए निष्‍कर्ष दिया है कि कालातीत बीमा पा‍लिसी के पुनर्चलन के समय बीमाधारक बीमारी थीं, इसलिए प्रीमियम की राशि 9 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है, इसलिए इस निर्णय/आदेश को परिवादी द्वारा इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला आयोग ने साक्ष्‍य के विपरीत निर्णय/आदेश पारित किया है। परिवादी को बीमित राशि अदा किए जाने का आदेश दिया जाना चाहिए था।

6.         विद्वान जिला आयोग द्वारा अपने निर्णय/आदेश में स्‍पष्‍ट रूप से निष्‍कर्ष दिया है कि बीमा पालिसी कालातीत हो चुकी थी। पुनर्चलन के समय बीमाधारक बीमार थी। बीमारी से संबंधित साक्ष्‍य की समुचित व्‍याख्‍या की गई है, जिसमें हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता है। विद्वान जिला आयोग ने विधिसम्‍मत रूप से निर्णय/आदेश पारित किया है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

 

7.         प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

          प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(राजेन्‍द्र सिंह)                           (सुशील कुमार)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(राजेन्‍द्र सिंह)                           (सुशील कुमार)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

दिनांक 04.06.2024

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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