Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/2075

Sarva Sahkari Prakash - Complainant(s)

Versus

L I C Mutual Fund - Opp.Party(s)

Mohan Agrwal

22 Jan 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/2075
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sarva Sahkari Prakash
a
...........Appellant(s)
Versus
1. L I C Mutual Fund
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, 0 प्र0 लखनऊ

                   अपील संख्‍या   2075  सन्  2002  

सुरक्षित

 (जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम लखनऊ  के द्वारा  परिवाद केस संख्‍या- 1014/1998 में  पारित निर्णय/आदेश दिनांक-  02-08-2002 के विरूद्ध)

अजय प्रकाश सिंघल, उम्र लगभग 41 वर्ष पुत्र स्‍व0 श्री सर्व शक्ति प्रकाश निवासी-2/198, विराट खण्‍ड, गोमतीनगर, लखनऊ।

                                                ...अपीलार्थी/परिवादी

                             बनाम                        

1-एक्‍जीक्‍यूटिव ट्रस्‍टी, एल0आई0सी0 म्‍युचुवल फन्‍ड, धनवर्षा, (4) इन्‍डस्‍ट्रीयल एसोंरेंस बिल्‍डिंग, चतुर्थ फलोर, चर्च गेट स्‍टेशन के सामने, मुम्‍बई 400 020

2-जीवन बीमा सहयोग सहायक मैनेजमेंट कम्‍पनी लि0, मै‍नेजिंग एल0आई0सी0 म्‍युचुवल फंड, रजि0 आफिस इन्‍डस्‍ट्रीयल ऐसोंरेंस बिल्‍डिंग, चतुर्थ फलोर, चर्च गेट स्‍टेशन के सामने मुम्‍बई  400 020

3-मेसर्स पी.सी.एस. डाटा प्रोडक्‍ट लि0 रजिस्‍ट्रार एल0आई0सी0 म्‍युचुवल फन्‍ड, धनवर्षा, (4) हाफ बिल्‍डिंग नं0-2 निकट जानसन एण्‍ड जानसन, अंधेरी कुर्ला रोड सफेद फूल, अंधेरी (ईस्‍ट) मुम्‍बई 400 072

4- चीफ एजेंट, एल0आई0सी0 म्‍युचुवल फंड लखनऊ जिला, डिवीजनल आफिस, जीवन प्रकाश, 30 हजरतगंज, लखनऊ।

                                       ... प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

1-मा0 श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2-मा0 संजय कुमार, सदस्‍य।                                

अधिवक्‍ता  अपीलार्थी :  श्री मोहन अग्रवाल, विद्वान अधिवक्‍ता।

अधिवक्‍ता प्रत्‍यर्थी   :  श्री संजय जायसवाल, विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक- 04/02/2015

मा0 श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य, द्वारा उदघोषित।

(2)

निर्णय

मौजूदा अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम प्रथम लखनऊ  के द्वारा  परिवाद केस संख्‍या-1014/1998 में  पारित निर्णय/आदेश दिनांक- 02-08-2002 के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया गया है। उपरोक्‍त निर्णय में पारित किया गया है कि परिवाद पत्र आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि आदेश की तिथि से साठ दिवस में परिवादी को वाद व्‍यय के रूप में एक हजार रूपया अदा करें।

संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार से है कि परिवादी ने धनवर्षा-4 योजना के अर्न्‍तगत विपक्षी सं0-1 के चार हजार यूनिट प्रति यूनिट कीमत 10-00 रूपये अदा करके क्रय किया था, जिनकी परिपक्‍वता तिथि 31-03-1998 थी, जिसके भुगतान हेतु परिवादी द्वारा विपक्षीगण को पत्र भेजे गये, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा यह सूचित किया गया कि परिवादी  को परिपक्‍वता धनराशि के भुगतान अधिपत्र दिनांक 01-05-1998 को पंजीकृत डाक से भेजे गये थे, जिन्‍हें प्राप्‍त न होने की सूचना देने पर विपक्षी द्वारा आइडीमिटी ब बाण्‍ड भरकर भेजे जाने के निर्देश पर उसे भेजी गई, किन्‍तु फिर भी परिवादी को उसका भुगतान नहीं किया गया। अतएव भुगतान राशि 40,000-00 एवं उस पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज एवं 5,000-00 रूपये प्रतिकर दिलाये जाने हेतु परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

विपक्षीगण ने अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल किया, जिसमें अभिकथित किया गया है कि परिवादी को 25,000-00 रूपये एवं 15,000-00 रूपये के दो भुगतान अधिपत्र पंजीकृत डाक से दिनांक01-05-1998 को भेजे गये थे। परिवादी द्वारा शिकायत प्राप्‍त होने पर यह पाया गया है कि उक्‍त अधिपत्र कोआपरेटिव बैंक लि0 रिंग रोड ब्रान्‍च सूरत से भुगतान प्राप्‍त किया जा चुका है। विपक्षीगण की सेवा में कोई त्रुटि नहीं है।

(3)

इस सम्‍बन्‍ध मे अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री मोहन अग्रवाल तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय जायसवाल के तर्को को सुना गया तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित02-08-2002 का अवलोकन किया गया, अपील के आधार का अवलोकन किया गया तथा उभय पक्ष द्वारा दाखिल लिखित बहस का परिशीलन किया गया।

इस निष्‍कर्ष का जिक्र जिला उपभोक्‍ता फोरम के निर्णय में किया गया है कि विपक्षी की ओर से परिवाद की सुनवाई के दौरान 15,000-00 रूपये दिनांक-02-06-1999 को व 25,000-00 रूपये दिनांक-17-08-1999 को विपक्षीगण की ओर से परिवादी को फोरम में भुगतान हेतु उपलब्‍ध कराया जा चुका है और पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य के आधार पर फोरम इस अभिमत पर पहुंचता है कि परिवादी के उसके युनिट की परिपक्‍वता धनराशि के भुगतान हेतु भुगतान अधिपत्र समय से प्रेषित किया गया था, जिसे पोस्‍ट आफिस व अन्‍य व्‍यक्तियों के साजिश के कारण अन्‍य बैंक के माध्‍यम से अन्‍य गलत लोंगों द्वारा भुना लिया गया, जिसकी जानकारी होने पर विपक्षी ने सम्‍बन्धित बैंक से उक्‍त धनराशि वसूली करके परिवादी को भुगतान कर दिया है। अत: विपक्षीगण की सेवा में कोई त्रुटि नही पाया जाता है और परिवादी ब्‍याज की धनराशि अथवा प्रतिकर पाने का अधिकारी नहीं है और इसलिए जिला उपभोक्‍ता फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए वाद व्‍यय का 1,000-00 रूपये विपक्षी को देने का आदेश किया गया है।

      केस के तथ्‍यों परिस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते है कि जिला उपभोक्‍ता फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश दिनांकित02-08-2002 को पारित किया गया है, वह

(4)

विधि सम्‍मत है, उसमें हस्‍तक्षेप किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। अत: अपीलकर्ता की अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

       अपीलकर्ता की अपील निरस्‍त की जाती है तथा विद्वान जिला मंच, प्रथम लखनऊ  के द्वारा  परिवाद केस संख्‍या-1014/1998 में  पारित निर्णय/आदेश दिनांक- 02-08-2002 की पुष्टि की जाती है।

उभय पक्ष अपना-अपना अपील व्‍यय स्‍वयं वहन करेगें।

 

     ( आर0सी0 चौधरी )                        ( संजय कुमार )                 

       पीठासीन सदस्‍य                               सदस्‍य                         

आर0सी0वर्मा आशु0-ग्रेड-2

कोर्ट नं. 5

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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