Shubham Gupta filed a consumer case on 13 Apr 2023 against Kushaal Madaan etc in the Barabanki Consumer Court. The case no is CC/84/2023 and the judgment uploaded on 15 Apr 2023.
पत्रावली प्रस्तुत। पुकार की गई। कोई उपस्थित नहीं। लंच के उपरान्त पुनः पेश हो।
पत्रावली ग्राहयता के बिन्दु पर सुनवाई हेतु लंच उपरान्त प्रस्तुत हुई। पुकारा गया। कोई उपस्थित नहीं | परिवादी को दिनांक 03.04.2023 को संशोधन प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुये परिवाद पत्र में संशोधन की अनुमति प्रदान की गई थी किन्तु उसके बाद से आज तक परिवादी ने ना तो परिवाद में संशोधन किया है और ना ही ग्राहयता के बिन्दु पर सुनवाई हेतु उपस्थित आ रहे है। परिवाद पत्र की ग्राहयता का बिन्दु धारा-36(2) के परन्तुक के अनुसार इक्कीस दिनों के अंदर निस्तारित हो जाना चाहिये। परिवादी को उपस्थित होकर ग्राहयता के बिन्दु पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने तथा आदेश दिनांक 03.04.2023 के अनुपालन में संशोधन करने हेतु अनेकों अवसर दिये गये किन्तु परिवादी अथवा उनके अधिवक्ता न तो उपस्थित आये है ना ही कोई प्रार्थना पत्र दिया है।
वर्तमान परिवाद पत्र दिनांक 24.03.2023 को प्रस्तुत किया गया है। उपरोक्त परिस्थितियों में परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में संशोधन न करने तथा ग्राहयता के बिन्दु का निस्तारण कर देना उचित है। वर्तमान प्रकरण में परिवाद में अंकित संव्यवहार प्रथम दृष्टया वाणिज्यिक प्रकृति का है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2049 के धारा-2(7) के प्राविधान के अनुसार वाणिज्यिक प्रकृति के संव्यवहार उपभोक्ता अदालतों में पोषणीय नहीं है। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि परिवादी ने पुनः विक्रय के लिये सामग्री कय की है अतः इसे स्वरोजगार/ जीवीकोपार्जन हेतु भी नहीं माना जा सकता तद्नुसार प्रश्तगत परिवाद पोषणीय नहीं है। परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में संशोधन हेतु पर्याप्त अवसर दिये जाने के बाद भी न किये जाने के कारण परिवाद अदम पैरवी में भी निरस्त किये जाने योग्य है।
उपरोक्त विवेचन के आलोक में परिवाद ग्राहयता के स्तर पर पोषणीय न होने/ अदम पैरवी में निरस्त किया जाता है।
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