(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2017/2023
(जिला उपभोक्ता आयोग, बदायूँ द्वारा परिवाद संख्या-09/2022 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26.10.2023 के विरूद्ध)
दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, रिजनल आफिस IInd फ्लोर, जीवन भवन, 43 हजरतगंज लखनऊ द्वारा मैनेजर।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
कुँवर पाल सिंह पुत्र स्व0 आनन्द पाल सिंह, निवासी ग्राम जमरौली, पोस्ट बरसुआ, तहसील व जिला बदायूँ।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री गोविन्द चतुर्वेदी।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री अखिलेश त्रिवेदी।
दिनांक : 05.07.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख विद्वान जिला आयोग, बदायूँ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26.10.2023 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवाद संख्या-09/2022 को स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया गया :-
'' परिवाद स्वीकार किया जाता है विपक्षी ओरियंटल इंश्योरेंस कं0लि0 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मृतक
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आनन्द पाल सिंह के बीमा की बीमित 5,00,000/-रूपये (पॉंच लाख रूपये मात्र) परिवाद प्रस्तुत करने की दि0 05.1.2022 से 06 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करेगी। इसके अतिरिक्त 2000/-रूपये (दो हजार रूपये मात्र) वाद व्यय के रूप में भी विपक्षी बीमा कं0 परिवादी को अदा करेगी। ''
परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी एवं कृपाल अपने पिता के साथ मोटर साईकिल से घर जा रहे थे, रास्ते में ग्राम मानकपुर एवं ग्राम रौली के बीच रोड पर कुछ बदमाशों ने मोटर साईकिल को रोक कर जबरदस्ती बैग तथा रूपये व सामान छीन लिया। परिवादी के पिता के विरोध करने पर बदमाशों ने उनको गोली मार दी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। बदमाश परिवादी व कृपाल दोनों के बैग एवं नकद धनराशि लूट कर ले गए। परिवादी ने 100 नम्बर पर पुलिस को सूचना दी, जिस पर पुलिस परिवादी के पिता को अस्पताल ले गई, जहां पर डाक्टर ने बताया कि उनकी मृत्यु हो गई है। परिवादी के पिता के नाम गांव में कृषि भूमि थी। परिवादी ने मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत ''दावा प्रपत्र'' भेजा।
उ0प्र0 किसान द्वारा किसी भी पंजीकृत किसान की अप्राकृतिक ढंग से मृत्यु होने पर उसके विधिक प्रतिनिधि या वारिस को बीमा कंपनी एक लाख रूपये मुआवजा अदा करेगी। माह अप्रैल 2012 में सरकार द्वारा मुआवजा धनराशि एक लाख रूपये से बढ़ाकर पॉंच लाख रूपये कर दिया है। किसान के अलावा ऐसे व्यक्ति जिनकी
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वार्षिक आय 75,000/-रूपये से अधिक न हो एवं अपने परिवार का मुखिया या रोटी अर्जक हो, तब वह ऐसी उपरोक्त स्कीम के अंतर्गत लाभार्थी माने जायेंगे। मृतक की पत्नी अर्थात परिवादी की माता का देहांत उसके पिता के जीवन काल में ही हो गया था तथा मृतक की कृषि भूमि बतौर विरासत परिवादी एवं उसके भाई के नाम भूलेख निरीक्षक द्वारा दिनांक 30.9.2019 को कर दिया गया था। उक्त स्कीम के कृषक जिसकी अप्राकृतिक ढंग से मृत्यु होने पर उसके विधिक वारिसान जो धारा 171 ता 174 उ0प्र0 ज0वि0 अधिनियम के तहत पात्र व्यक्ति होंगे, उक्त मुआवजा दिया जायेगा। विपक्षी बीमा कंपनी ने दिनांक 3.1.2020 को सर्वेयर की आख्या के आधार पर दावा प्रपत्र यह कहकर खारिज कर दिया कि दावाकर्ता शादी शुदा है एवं उसका स्वंय का परिवार है। इस प्रकार विपक्षी बीमा कंपनी ने बीमा दावा गलत आधार पर निरस्त करके सेवा में कमी कारित की है, जिसके कारण उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया गया।
बीमा कंपनी ने लिखित कथन प्रस्तुत करते हुए कथन किया कि परिवादी का यह कथन असत्य है कि दिनांक 10/11.9.2019 की रात्रि में बदमाशों ने परिवादी व उसके पिता आनन्द पाल को रोक लिया व विरोध करने पर आनन्द पाल को गोली मार दी और बाद में अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। अन्वेषण आख्या में यह पाया कि परिवादी शादीशुदा है एवं उसका स्वंय का परिवार है, जिसके कारण परिवादी का दावा निरस्त करके अपनी आख्या प्रस्तुत कर दी।
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परिवादी का बीमा दावा बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार नियमानुसार दिनांक 3.1.2020 को खारिज करके उसकी सूचना परिवादी को प्रेषित कर दी गई।
विद्वान जिला आयोग द्वारा उभय पक्ष को सुनने एवं साक्ष्य को अवलोकित करने के उपरांत उपरोक्त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री गोविन्द चतुर्वेदी तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अखिलेश त्रिवेदी को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली का परीक्षण व परिशीलन किया गया। पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेज संख्या-20 का अवलोकन किया गया, जो निम्नवत् है :-
'' संदर्भ संख्या: 487 (2019-20) दिनांक 03/01/2020
दावा संख्या:
सेवा में,
श्री कुवंर पाल सिंह पुत्र आनन्द पाल सिंह,
ग्राम जमरौली, पो0-वरसुआ,
ऊझानी, बदायूँ (उ0प्र0)
विषय- मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत मृत्यु दावा।
खाता : मृतक स्व0 श्री आनन्द पाल सिंह,
दुर्घटना दिनांक 11/09/2019 मृत्यु दिनांक 11/09/2019
महोदय,
कृपया उपरोक्त मु0कि0बी0यो0 दावे का संदर्भ ग्रहण करें। पत्रावली का अवलोकन करने पर आपका दावा निम्न कारणवश देय नहीं है :-
अनवेषक की आख्या में यह पाया गया कि दावाकर्ता शादीशुदा है एवं उसका स्वंय का परिवार है।
अत: आपका दावा निरस्त किया जाता है। आशा है कि आप
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समस्त परिस्थितियों से अवगत हो गये होंगे।
भवदीय,
(शाखा प्रभारी) ''
परिवादी की ओर से प्रेषित पत्र दिनांकित 24.11.2019 पत्रावली पर दस्तावेज संख्या-33 के रूप में उपलब्ध है, जिसका अवलोकन किया गया, जो निम्नवत् है :-
'' सेवा में,
जांचकर्ता ओरियन्टल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड बदायूं।
महोदय,
मैं कुंवर पाल सिंह उम्र 34 वर्ष पुत्र स्व0 आनन्द पाल सिंह 69 वर्ष निवासी ग्राम-जमरौली पो0 बरसुआ थाना ऊझानी जिला बदायूं के निवासी हैं। मेरे पिता के पास लगभग 9 (नौ) बीघा खेत है, जिस पर खेती का कार्य करके परिवार का पालन पोषण करते थे। मेरी माता का देहांत 11 ग्यारह वर्ष पहले हो गया था। मैं इनका सबसे बड़ा पुत्र हूँ। मेरा विवाह हो गया है। मेरे 4(चार) पुत्र हैं। मेरे तीन छोटे भाई हैं अतुल सिंह 32 वर्ष, महावीर सिंह 31 वर्ष, मंगेस सिंह 29 वर्ष है। मेरे सबसे छोटे भाई मंगेस सिंह का विवाह नहीं हुआ है, जो दिमाग से कम है। बाकी हम सब भाईयों का विवाह हो चुका है। हम सब भाई बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। एक बहन जिसका नाम राम प्यारी है, जो विवाहित है।
मेरे पिता परिवार के मुखिया थे। मैं व गांव के कृपाल के साथ रायबरेली में रेलवे कोच में स्प्रे पेन्टिंग का काम करते थे। जहां से 10-11/9/19 को रात में रायबरेली से अपने घर वापस आ रहे थे। मेरे पिता जी पट्रोल पम्प उझानी से मोटर साइकिल यू.पी. 16 बीडी 8691 से मुझे लेने के लिए आए थे। मैं व कृपाल पिता के साथ उझानी से मोटर साइकिल से घर जा रहे थे तभी समय करीब 4 बजे मानिकपुर व रौली के बीच बदमाशों ने हमला कर दिया तथा हमारा सामान छीन लिया तथा मेरे पिता जी को गोली मार दी। बदमाश भाग गये। मैं अपने पिता जी को लेकर जिला अस्पताल पहुँचा। जहां पर मेरे पिता जी की मृत्यु हो गई। पुलिस ने कानूनी कार्यवाही के बाद पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया। पोस्ट मार्टम के बाद मेरे पिता का शव प्राप्त हुआ और उसी दिन कछला घाट पर अंतिम संस्कार कर
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दिया। यह घटना सत्य है। मैंने यह बयान लिखते समय सुना है, वह सत्य है।
प्रार्थी
कुंवरपाल सिंह''
मेरे द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेज संख्या-40 का अवलोकन किया गया, जो मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत परिवार निर्धारण का अंश है, वह निम्नवत् है :-
'' परिवार निर्धारण- परिवार के अन्तर्गत परिवार का मुखिया/रोटी अर्जक (पुरूष/स्त्री) उसकी पत्नी/पति, अविवाहित पुत्री, आश्रित पुत्र, मुखिया पति एवं अविवाहित पुरूष के आश्रित माता-पिता बीमा का लाभ प्राप्त करने हेतु आवृत्त होंगें। ''
पत्रावली पर उपलब्ध अन्वेषक की आख्या दिनांकित 03.01.2020 से स्पष्ट होता है कि परिवादी शादीशुदा है, उसका अपना परिवार है, वह मृतक पर आश्रित नहीं है, इसलिए वह बीमा दावा प्राप्त करने के लिए अधिकृत नहीं है। बीमा कंपनी ने दावा प्रपत्र खारिज कर कोई अवैधानिकता कारित नहीं की है। बीमा दावा की पात्रता, मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत परिवार निर्धारण में ऊपर उल्लिखित तथ्यों से भी स्पष्ट होती है। परिवादी की ओर से प्रेषित पत्र दिनांकित 24.11.2019 में परिवादी ने स्वंय स्वीकार किया है कि वह और उसके दो भाई एवं बहन विवाहित हैं और उसका एक भाई दिमागी रूप से बीमार है, परन्तु उसके दिमागी रूप से बीमारी का कोई सबूत पत्रावली पर पेश नहीं किया गया है तथा परिवादी की माता का देहांत भी 11 वर्ष पूर्व में हो चुका
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है। अत: उपरोक्त प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि परिवादी बीमा दावा प्राप्त करने के लिए अधिकृत नहीं है। अत: विद्वान जिला आयोग ने उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार किए बिना अविधिक निर्णय एवं आदेश पारित किया है, जो अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26.10.2023 अपास्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1