Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/211/2016

kamlesh kumar - Complainant(s)

Versus

kumar mobile world - Opp.Party(s)

05 Jul 2016

ORDER

 
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
 
   अध्यासीनः  डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
 
 
उपभोक्ता वाद संख्या-211/2016
कमलेष कुमार पुत्र श्री बिहारी लाल निवासी सी-398 बर्रा-8, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
 
1. प्रो0 कुमार मोबाइल वर्ड 125/9 लाल क्वार्टर गोविन्द नगर कानपुर नगर-208006
2. एस0एस0 सर्विसेज 96/2 स्टार प्रेस बिल्डिंग चुन्नीगंज, क्रासिंग कर्नल गंज, कानपुर नगर।
3. एच0सी0एल0, टेक्नोलाॅजी लि0 ए 10 एवं 11 सेक्टर-3 नोयडा उ0प्र0 202301 यू0पी0।
                             ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 12.04.2016
निर्णय तिथिः 09.02.2018
 
डा0 आर0 एन0, अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.  परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण से परिवादी को, उसके टेबलेट के बदले में नया टेबलेट दिलाया जाये, मानसिक क्षति के लिए रू0 10,000.00 तथा परिवाद व्यय रू0 20,000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने दिनांक 23.10.14 को एक टेबलेट एच.सी.एल. एम.आई. रू0 8500.00 का विपक्षी सं0-1 से क्रय किया था, जिसे आगे निर्णय में प्रष्नगत टेबलेट से सम्बोधित किया जायेगा। प्रष्नगत टेबलेट चलते-चलते बन्द हो गया। तब परिवादी ने प्रष्नगत टेबलेट लेकर विपक्षी सं0-1 के यहां गया। विपक्षी सं0-1 की राय पर परिवादी ने दिनांक 31.08.15 को विपक्षी सं0-2 सर्विस सेंटर पर लेकर गया, जहां पर परिवादी को यह बताया गया कि प्रष्नगत टेबलेट में पावर आन नहीं हा रहा है,  कुछ समय 
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लगेगा। 15-20 दिन बाद पता कर लेना और यह कहकर प्रष्नगत टेबलेट जमा कर लिया। परिवादी जाॅबषीट लेकर चला गया। परिवादी जब 15-20 दिन बाद विपक्षी सर्विस सेंटर गया तो परिवादी को यह बताया गया कि परिवादी का प्रष्नगत टेबलेट हेड आफिस नोएडा बनने भेजा गया है। परिवादी द्वारा पुनः कुछ दिन बाद विपक्षी सं0-2 से संपर्क करने पर, विपक्षी सं0-2 सर्विस सेंटर के द्वारा यह कहा गया कि बार-बार चक्कर मत लगाओ, जब ठीक हो जायेगा, तब बुला लेंगे, वरना अदालत में मुकद्मा करो। जिससे परिवादी को भारी आर्थिक व मानसिक क्षति कारित हुई है। विपक्षीगण के द्वारा बावजूद विधिक नोटिस दिनांकित 24.02.16 कोई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा किसी त्रुटि के बावत विपक्षी उत्तरदाता की दुकान में कभी कोई षिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है। सर्विस सेंटर में परिवादी की क्या वार्ता हुई, उसकी कोई जानकारी विपक्षी को नहीं है। प्रष्नगत टेबलेट परिवादी के पास है या सर्विस सेंटर में जमा है, इसकी जानकारी विपक्षी उत्तरदाता को नहीं है। परिवादी द्वारा नोटिस भेजकर विपक्षी सं0-1 को बिना वजह धमकाने का अनुचित प्रयास किया गया है। विपक्षी सं0-1 से परिवादी यदि कोई निर्माणी त्रुटि की समस्या बताता तो उसे वह निर्माता कंपनी को अग्रसारित करता। विपक्षी सं0-1 को परिवादी द्वारा अकारण पक्षकार बनाया गया है। विपक्षी उत्तरदाता के विरूद्ध परिवाद खारिज किया जाये।
4. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-2 व 3 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-2 व 3 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी सं0-2 व 3 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए  दिनांक 05.07.2016 को विपक्षी 
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सं0-2 व 3  के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 06.04.16 व 24.09.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-4/2 लगायत् 4/7 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में बिन्नी कुमार, प्रोपराइटर का षपथपत्र दिनांकित 12.01.17 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7. बहस के समय विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। अतः फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
8. परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-5 व 6 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य  प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादी एवं विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध कोई गंभीर आरोप न तो लगाया गया है और न ही तो तत्सम्बन्धी कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है। अतः फोरम का यह मत है कि विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध कोई आरोप सिद्ध नहीं होता है। विपक्षी सं0-1, प्रस्तुत परिवाद से अवमुक्त किये जाने योग्य है।
7. विपक्षी सं0-2 व 3 क्रमषः सर्विस सेंटर व प्रष्नगत टेबलेट की निर्माता कंपनी है। किन्तु विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध भी परिवादी की ओर से 
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कोई ऐसा आरोप नहीं लगाया गया है। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध टोल फ्री नम्बर पर षिकायत करने अथवा प्रष्नगत टेबलेट में निर्माणी त्रुटि होने से सम्बन्धित कोई आरोप नहीं लगाया गया है, इसलिए विपक्षी सं0-3, भी प्रस्तुत मामले से अवमुक्त किये जाने योग्य है। 
8. परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 सर्विस सेंटर के विरूद्ध यह आरोप लगाया गया है कि प्रष्नगत टेबलेट विपक्षी सं0-2 द्वारा ले लिया गया और मरम्मत करके, वापस नहीं किया गया। विपक्षी सं0-2 की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि विपक्षी सं0-2 प्रष्नगत टेबलेट की मरम्मत करके, परिवादी को वापस करे, तथा रू0  2000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे। विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी को प्रष्नगत टेबलेट मरम्मत करके इतने दिनों तक न देने के कारण परिवादी को आर्थिक व मानसिक क्षति के रूप में रू0 2000.00 भी अदा करे। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध एकपक्षीय  व आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय 
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पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी सं0-2, परिवादी को, प्रष्नगत टेबलेट की मरम्मत करके वापस करे व क्षतिपूर्ति के रूप में एकमुष्त रू0 2,000.00 तथा रू0 2000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
विपक्षी सं0-1 व 3 को प्रस्तुत मामले से अवमुक्त किया जाता है।
 
      ( सुधा यादव )                     (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्या                               अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
 
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
 
        ( सुधा यादव )                     (डा0 आर0एन0 सिंह)
           सदस्या                               अध्यक्ष 
 

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